अगर इस साल अचानक से मौसम में परिवर्तन होने लगे, अचानक से तेज आंधी चलने लगे, तूफान कहर मचाने लगे, ओले पड़ने लगे तो आश्चर्य मत कीजिएगा. गनीमत रही कि अब तक आपने काल बैसाखी का सामान्य रूप ही देखा है. लेकिन आगे आगे देखिए यह कितना भयंकर रूप दिखाती है. बंगाल और बिहार के लिए तो यह आपदा बन जाएगी. मौसम में इस तेजी से परिवर्तन होगा कि आपको संभलने का भी मौका नहीं मिलेगा. साफ आसमान में अचानक काले-काले बादल उमड़ने लगेंगे और देखते देखते तेज हवा के साथ ओले पड़ने लगेंगे. या फिर मूसलाधार बारिश हो सकती है. जितना देर तक इसका प्रभाव रहेगा, तबाही और तबाही ही नजर आएगी…
वैज्ञानिकों ने पहले से ही चेतावनी दे रखी है कि इस साल सर्वाधिक गर्मी और तापमान का सामना लोगों को करना पड़ सकता है. ऐसे में काल बैसाखी भी अपना खतरनाक स्वरूप लेकर आने वाली है. काल बैसाखी का खतरनाक स्वरूप क्या होगा, इसकी झलक बिहार में हाल ही में देखने को मिल चुकी है, जहां 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है. अप्रैल से लेकर मई व जून तक बंगाल में काल बैसाखी के और ज्यादा खतरनाक स्वरूप देखने को मिल सकते हैं.
वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में कहा है कि जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी, उतनी ही प्रचंड काल बैसाखी होगी. बंगाल में यह भयानक आपदा हो सकती है. क्योंकि यहां जून महीने तक गर्मी अपना रौद्र रूप दिखाएगी. जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी, उतनी ही ज्यादा काल बैसाखी का रौद्र रूप देखने को मिलेगा. काल बैसाखी का मतलब तेज आंधी, तेज वर्षा, तेज ओले पड़ना इत्यादि है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान बता रहा है कि उत्तर पूर्वी राज्यों में इस बार अप्रैल महीने से लेकर मई महीने तक काल बैसाखी की घटनाएं पहले की तुलना में ज्यादा हो सकती हैं और यह अत्यंत खतरनाक स्वरूप ले सकती है.
यूं तो काल बैसाखी को वैशाख महीने से जोड़कर देखा जाता है. काल बैसाखी में अचानक मौसम में परिवर्तन होता है. ऐसा गरम और ठंडी हवाओं के टकराने से होता है. हालांकि ऐसा सभी साल होता आया है. परंतु इस बार ग्लोबल वार्मिंग का जोर ज्यादा है. जिसके परिणाम स्वरूप कई चीजे अनियंत्रित हो सकती है. इसमें काल बैसाखी भी प्रमुख है. काल बैसाखी पर अध्ययन करने वाले आईएमडी कोलकाता के पूर्व निदेशक और विशेषज्ञ ए के सेन कहते हैं कि काल बैसाखी के दौरान हवा की दिशा दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की हो जाती है. इसमें ओले के साथ भारी बारिश होती है और जान माल के लिए खतरनाक हो जाती है. इसमें बिजली गिरने की घटनाएं सर्वाधिक होती हैं. इसी तरह से हवा 70 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि इस साल अप्रैल महीने से लेकर जून के बीच लोगों को तेज गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. लू भी चलेगी और यह खतरनाक स्वरूप ले सकती है. जहां काल बैसाखी का ज्यादा जोर रहता है, उन इलाकों में प्रचंड लू चलेगी. ऐसे में अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान के टकराने की आशंका बनी रहेगी और यह काल बैसाखी का वीभत्स स्वरूप ले सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस साल बंगाल और बिहार के कुछ इलाकों में दिन का अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर हो सकता है. अर्थात अत्यधिक गर्मी तो अत्यधिक तीव्र काल बैसाखी की घटनाएं. ऐसे में आप अभी से ही काल बैसाखी का प्रचंड स्वरूप झेलने के लिए कमर कस लीजिए और पूरी तैयारी के साथ रहिए. अचानक से मौसम बदल सकता है.
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