कुछ समय पहले तक दार्जिलिंग मोड़ की चर्चा करते ही मन में नकारात्मकता आ जाती थी. क्योंकि यहां हर समय जाम और वाहनों का शोर शराबा देखा जाता था. आप चाहे दार्जिलिंग जाएं या बाग डोगरा, सिलीगुड़ी से बागडोगरा जाने में जितना समय नहीं लगता है, उससे ज्यादा समय दार्जिलिंग मोड़ के जाम को पार करने में वाहनों को लग जाता है. हालांकि जाम अभी भी लगता है. परंतु पहले जैसा नहीं और कुछ दिनों में यहां जाम एक अतीत का हिस्सा बनकर रह जाएगा. यह सब करिश्मा हुआ है अथवा होगा नेशनल Highway अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के प्रयास से.
बालासन नदी से लेकर सेवक तक एलिवेटेड कॉरिडोर 6 लेन का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. अब तक दो कॉरिडोर और दो बड़े पुल महानंदा और बालासन का निर्माण पूरा हो चुका है या पूरा होने वाला है. इसके अलावा दो छोटे पुल और 6 अंडर पास भी पूरे हो चुके हैं. सड़क के दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण भी लगभग पूरा किया जा चुका है. कंपनी बहुत तेजी से कार्य करवा रही है. भक्ति नगर से सेवक छावनी तक फ्लाईओवर का निर्माण बहुत पहले शुरू हो चुका था. अब तक काफी प्रगति देखी जा रही है. भक्ति नगर से सेवक छावनी तक लगभग 5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर होगा. पिलर का काम पूरा हो चुका है या जल्द ही पूरा होने वाला है.
जब यह फ्लाईओवर बन जाएगा, तो सिलीगुड़ी टू पहाड़ आने जाने वाली गाड़ियों को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा. उच्च तकनीकी और इंजीनियरिंग का इसमें इस्तेमाल किया जा रहा है. कारीगर भी एक से बढ़कर एक है. पूरे प्रोजेक्ट पर 955 करोड़ की लागत आएगी. जिस तरह की रूपरेखा बनाई गई है, अगर उसके हिसाब से काम होता है तो इस सड़क मार्ग को देखकर सिलीगुड़ी पर लोग अभिमान करेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि सिलीगुड़ी का मस्तक कहा जाने वाला अथवा सिलीगुड़ी का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला दार्जिलिंग मोड की सूरत ही बदल जाएगी. यहां गाडियां बिना किसी ट्रैफिक बाधा के गोली की तरह भागेगी.
13 किलोमीटर से अधिक कॉरिडोर पर दुर्घटना क्षेत्र भी बनाए जा रहे हैं. एक दुर्घटना क्षेत्र दार्जिलिंग मोड पर भी होगा. इसके अलावा सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा, चंपासारी, सेवक छावनी और सालूगाड़ा में भी दुर्घटना संभावित क्षेत्र बनाए जा रहे हैं. एक दो माईल में भी बनाया जाएगा. जब सेवक से आने वाली गाड़ियां दार्जिलिंग मोड़ से होकर दार्जिलिंग अथवा बागडोगरा जाएगी तो वह नॉनस्टॉप जाएंगी. इस तरह से दार्जिलिंग अथवा बागडोगरा से भक्ति नगर की ओर जाने वाली गाड़ियों को कहीं भी अवरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा.
जानकार मानते हैं कि जब यह सड़क बनकर तैयार होगी तो कई राज्यों अथवा पड़ोसी देशों के लिए सिलीगुड़ी आकर्षण का केंद्र बनेगा. बिहार, नेपाल, दार्जिलिंग, सिक्किम और दूसरे राज्यों से डुआर्स जाने वाली गाड़ियां सेवक छावनी तक गोली की तरह भागती जाएंगी. दार्जिलिंग मोड की सुंदरता सिलीगुड़ी को नैसर्गिक रूप से खूबसूरती प्रदान करेगी. क्योंकि शहर के एक भाग में ईस्टर्न बायपास का भी आज नहीं तो कल कायाकल्प होने वाला है. उधर फुलबारी बाईपास नौकाघाट जलपाईगुड़ी एशियन हाईवे का भी कायाकल्प किया जाना है. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि आने वाले कुछ समय में सिलीगुड़ी शहर का गौरव बढ़ने वाला है.