सोशल मीडिया में एक बाबा की भविष्यवाणी को खूब देखा जा रहा है. इसमें बाबा दावा कर रहे हैं कि 2026 27 में तीसरा विश्व युद्ध होगा और अरबों लोग मारे जाएंगे. धरती समुद्र में विलीन हो जाएगी. कोई नहीं बचेगा. और इस तरह के कई डरावने शब्द देखे जा सकते हैं.हालांकि सोशल मीडिया पर इस तरह की और भी बहुत सी बातें खूब फैलाई जाती हैं. लोग भी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं.
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह और आतंक के बीच अब कुछ ऐसी बात सामने आई है, जिससे यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या सचमुच दो कदम दूर है प्रलय? वास्तव में यह सवाल इसलिए उठाया जा रहा है कि मछुआरों ने समुद्र से एक मछली पकड़ी है, जो बेहद अजीबोगरीब है और यह दुर्लभ मछली मानी जाती है. इस मछली का मिलना काफी अशुभ माना जाता है.
पूरी घटना इस प्रकार है. तमिलनाडु में पंबन द्वीप के पास पिछले दिनों समुद्र में मछुआरे मछली मार रहे थे. इसी क्रम में एक मछली मछुआरों के एक जाल में फंस गई. जब उस मछली को जाल से बाहर निकाला गया, तो उस मछली को देखते ही मछुआरे डर गए. क्योंकि इस मछली का मिलना प्रलय का द्योतक माना जाता है. मछली का नाम डूम्स डे मछली है.
यह एक विचित्र मछली है. इससे पहले इस तरह की मछली भारत में कभी नहीं देखी गई थी. मछली काफी चमकदार होती है. उसका वजन लगभग 6 किलो है. यह मछली समुद्र के गहरे जल में पाई जाती है. इसलिए जब मछुआरे समुद्र में जाल डालते हैं तो यह मछली नहीं फसती है. इस मछली का जाल में फंसना बेहद अपशकुन होता है.
आमतौर पर इस मछली को जानकार प्रलयकारी मछली मानते हैं. ऐसी जानकारी मिली है कि जब-जब यह मछली जापानी तट रेखा के आसपास मछुआरों के जाल में फंसी है या समुद्र के किनारे तैरती हुई आई है, तब तब जापान में भूकंप, सुनामी या प्राकृतिक आपदा आई है. लोगों का यह भी कहना है कि इस मछली को देखना ही प्रलय का संकेत माना जाता है. जापान और कई अन्य देशों में इस मछली का मिलना प्रलय का संकेत माना जाता है.
इस मछली की प्रकृति का अध्ययन करने वाले और जानकार लोग मानते हैं कि जब जब कोई भीषण आपदा अथवा सुनामी या तूफान का आगमन होता है, तो उससे पहले यह मछली समुद्र की सतह पर आकर जैसे लोगों को सावधान कर जाती है. इस मछली को प्रलय से जोड़कर देखा जाता है. बहरहाल, इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह तो वक्त ही बताएगा. हमारा मकसद सिर्फ घटना की जानकारी देना है.