July 31, 2025
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बाबा बेंगा की भविष्यवाणी सच निकली! रूस में महा प्रलय! भारत पर मंडरा रहा खतरा!

क्या आप महसूस करते हैं कि आपके आसपास कुछ विचित्र घट रहा है? कभी जलवायु परिवर्तन का एहसास तो कभी विश्व के किसी न किसी देश में उथल-पुथल… कभी सैन्य संघर्ष बढ़ जाता है तो कभी बाढ़ की विनाश लीला भी देखी जाती है. कभी अकाल तो कभी आंतरिक युद्ध की स्थिति नजर आती है. कहने का मतलब कि ये सब झटके पर झटके देता जाता है. अगर बुल्गारिया की बाबा बेंगा के मत और भविष्यवाणी से देखें तो कहीं ना कहीं यह महाप्रलय से पहले का संकेत है तो क्या हम अब उस दौर में पहुंच चुके हैं?

रूस में लगभग 9 की तीव्रता का भूकंप आया है. 9 की तीव्रता का मतलब महा प्रलय होता है, जिसका आगाज हो चुका है. यानी रूस में महाप्रलय दस्तक दे चुका है. अमेरिका भी अब ज्यादा दूर नहीं है. जब अमेरिका इस महा प्रलय के आगोश में होगा. अगर इसका प्रभाव जापान में होता है तो भारत का अंडमान निकोबार द्वीप भी अछूता नहीं रहेगा. तो क्या दुनिया में महा प्रलय की दस्तक हो चुकी है?

इस समय सुर्खियों में बाबा बेंगा की भविष्यवाणी है, जिसमें कहा गया था कि 2025 26 में दुनिया में महा प्रलय की शुरुआत हो जाएगी. विनाशकारी भूकंप या सुनामी आएगी. रूस में यह दस्तक दे चुका है. 2011 में जापान में 9 की तीव्रता का भूकंप आया था तो दुनिया के 20 देश हिल गए थे. अब रूस में 8.8 की तीव्रता का भूकंप आया है तो अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका प्रभाव दुनिया के कितने देश पर पड़ने जा रहा है.

रूस के कमचटका प्रायद्वीप में यह विनाशकारी भूकंप आया है. अमेरिका से लेकर जापान तक सुनामी आ सकती है. अलास्का- कमचटका प्रायद्वीप में अमेरिका और रूस के परमाणु ठिकाने हैं. जापान में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को खाली करा लिया गया है. अगर जापान में सुनामी आती है तो इसका असर अंडमान निकोबार दीप पर पड़ना तय है. एक दिन पहले ही यहां भूकंप आया था.

इस भूकंप से बुल्गारिया की बाबा बेंगा की भविष्यवाणी सच होती प्रतीत हो रही है. उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि 2025 26 में धरती हिलेगी और लोगों को बाढ जैसी महा प्रलय लीला का सामना करना पड़ सकता है. बाबा बेंगा ने महा प्रलय और यूरोपीय देशों में सैन्य संघर्ष की भविष्यवाणी की थी. कुछ ऐसा ही संकेत दिखने लगा है.

भूकंप कोई भी हो, इसने दुनिया भर में भयानक तबाही मचाई है. भूकंप से न केवल जान माल का ही नुकसान होता है बल्कि अस्तित्व का संकट भी खड़ा हो जाता है. भूकंप मानवता का सबसे बड़ा अभिशाप है. इतिहास गवाह है, दुनिया में ज्यादा तीव्रता का भूकंप जब जहां आया है वहां देश की हालत क्या हुई है. इसे इतिहास से समझा जा सकता है. ज्यादातर भूकंप यूरोपीय देशों में आया है. .लेकिन एशिया के कई देश भी इसकी चपेट में आए हैं. सबसे ज्यादा मार जापान ने खाया है. 2011 में जापान में जो भूकंप आया था उसमें लगभग 15000 लोग मारे गए थे. जबकि लाखों लोग बेघर हो गए थे.

1960 में चिली में 9.5 तीव्रता का भूकंप आया था.अब तक के भूकंप के इतिहास में यह सबसे बड़ा भूकंप था. इसमें 1655 लोग मारे गए थे जबकि 20 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए थे. भारत में अब तक 1950 में अरुणाचल प्रदेश में 8.6 तीव्रता का भूकंप आया था.इसमें 700 से अधिक लोग मारे गए थे. इस भूकंप को असम तिब्बत का भूकंप भी कहते हैं. यह इतना खतरनाक भूकंप था कि धरती में दरारें पड़ गई थी. कई जगह भूस्खलन हुआ था.

भूकंप आने के बहुत से कारण होते हैं. धरती के अंदर प्लेटें हमेशा घूमती रहती हैं. जब यह आपस में टकराती हैं तो धरती से भयानक ऊर्जा बाहर निकलती है. इससे धरती हिल जाती है. इसी कंपन को भूकंप कहते हैं.भूकंप के अन्य कारण में परमाणु परीक्षण, धरती में खदान खनन, ज्वालामुखी फटना, भूस्खलन इत्यादि बहुत से कारण होते हैं जब धरती से ऊर्जा बाहर निकलती है और भूकंप होते हैं.

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