July 17, 2025
Sevoke Road, Siliguri
mamata banerjee westbengal राजनीति

बारिश के बीच कोलकाता की सड़क पर ममता बनर्जी!

आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाली प्रवासी नागरिकों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ मार्च निकालते हुए कहा कि मैं बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करूंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लाभाषी लोगों को बांग्लादेशी कहकर जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने TMC के एक विशाल पैदल मार्च का नेतृत्व किया. पैदल मार्च के बाद उन्होंने एक सभा को भी संबोधित किया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अपनी प्रस्तावित योजना के अनुसार कोलकाता में हो रही लगातार बारिश के बीच मार्च निकाला. यह मार्च 3 किलोमीटर लंबा था. उनके मार्च के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. कम से कम 1500 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए उतारा गया था.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह मार्च उन बांग्ला भाषी लोगों के समर्थन में था, जो राज्य से बाहर दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी कमाते हैं. तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि देश के कई राज्यों में बांग्लाभाषी लोगों को बांग्लादेशी बताकर वहां की सरकारें उन्हें कारागार में डाल रही है और उनका उत्पीड़न कर रही है. इसी के विरोध में यह मार्च निकाला गया था.

मुख्यमंत्री का आरोप था कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों के साथ जोर-जुल्म हो रहा है और उन्हें बांग्लादेशी बता कर उन्हें जेल में बंद किया जा रहा है. इसी का विरोध करने के लिए यह विरोध मार्च आयोजित किया गया था. आज कोलकाता जैसे बरसात में पूरी तरह गीला हो गया था. लेकिन मुख्यमंत्री ने अपना प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द नहीं किया और इस भारी बरसात के बीच अपने सहयोगियों और पार्टी के लोगों के साथ सड़क पर निकल पड़ी.

उनके विरोध मार्च में उनके साथ पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस प्रोटेस्ट रैली में ममता बनर्जी और उनके सहयोगी बीजेपी छि छि के नारे लगा रहे थे. ममता बनर्जी ने कहा कि मैं भारत सरकार के रूख से नाराज हूं. मुझे निराशा हुई है. भारत सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है लेकिन हम सरकार के इस नोटीफिफिकेशन को चुनौती देते हैं.

ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में संदिग्ध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करने की बात कही है. उन्हें डिटेंशन कैंप में रखने के लिए निर्देश दिया है. यह नोटिफिकेशन भाजपा शासित राज्यों में जारी हुआ है. आपको याद होगा कि कुछ समय पहले उड़ीसा में 444 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को डिटेन किया गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी पार्टी का दावा था कि इन 444 कथित बांग्लादेशी नागरिकों में से 200 बंगाल के प्रवासी मजदूर थे.

प्रोटेस्ट मार्च के बाद ममता बनर्जी ने सभा में कहा कि केंद्र सरकार बंगाल के मतदाताओं का नाम दूसरे राज्यों में काट रही है. उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा की दलाली करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या पश्चिम बंगाल भारत में नहीं है? क्या बंगाल देश का हिस्सा नहीं है? कई राज्य ऐसे हैं जहां केवल एक ही भाषा बोली जाती है. लेकिन क्या इसका यह मतलब है कि उन लोगों को जेल में डाल दिया जाए?

ममता बनर्जी ने कहा कि प्रत्येक भाषा का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र से हिंदी भाषियों को निकाला गया तो सबसे पहले मैंने ही आवाज उठाई थी. हम विभिन्न राज्यों के लोगों का सम्मान करते हैं. वे सभी हमारे देश के महत्वपूर्ण भाग हैं. हमें हर भाषा का सम्मान करना चाहिए.

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