सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा त्यौहार को लेकर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने सिलीगुड़ी आने-जाने वाली दूरगामी बसों को शहर के भीतर प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सिलीगुड़ी से कोलकाता, नदिया, मुर्शिदाबाद, बालूरघाट की रोजाना बड़ी बसें खुलती है. इसी तरह से सिलीगुड़ी से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों की बसें भी रोजाना जाती हैं. लेकिन शहर में दुर्गा पूजा का उल्लास है.इसलिए प्रशासन ने ट्रैफिक को लेकर नया आदेश जारी किया है.
सिलीगुड़ी शहर में वाहनों की रेलम पेल को नियंत्रित करने के लिए एक तरफ बाहर से आने वाली बड़ी बसों को शहर से बाहर ही रोक दिया है तो दूसरी तरफ आज से शहर के अंदर चलने वाले छोटे बड़े वाहनों को भी शाम से चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सिटी ऑटो, ऑटो, कैब, टोटो वाहन आज से ट्रैफिक आदेश का पालन करेंगे. आज शाम 4:00 बजे के बाद यह सभी वाहन शहर के अंदर की सड़कों पर नहीं चलेंगे. परंतु दूरगामी बसों को पहले से ही निर्देश दिया जा चुका है और वाहनों के चालक ट्रैफिक निर्देश का पालन भी कर रहे हैं. इस स्थिति में दूरगामी बसें सिलीगुड़ी जंक्शन अथवा मलागुड़ी नहीं जा पा रही है. इन बड़ी बसों को पोराझार घाट में ही रोक दिया जाता है.
पिछले दो दिनों से दूरगामी बसे शहर के अंदर प्रवेश नहीं कर रही हैं. इन बसों को या तो नौका घाट अथवा पोराझार घाट में ही रोका जा रहा है. जिन लोगों को बस से दूर-दूर जाना होता है, उन्हें नौकाघाट अथवा पोराझार में जाना पड़ता है. यहीं से बसें शाम के समय खुलती हैं. दुर्गा पूजा तक दूरगामी बसें यही से खुलेंगी. यह स्थान एसजेडीए के अंतर्गत आता है. लेकिन बसों के ठहराव के लिए एसजेडीए की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. बसों के चालक सवारी रोड पर उतार कर और फिर बसों को घाट पर ले जाते हैं. वहीं उनकी सफाई भी होती है. दिन भर घाट पर ही बसे पड़ी रहती हैं. उसके बाद शाम के समय यहां से बसें विभिन्न स्थानों के लिए खुलती हैं.
दूरगामी बसों के एक चालक ने बताया कि उन्हें सिर्फ मौखिक निर्देश दिया गया है कि शहर के अंदर उन्हें बसें नहीं चलानी है. बाकी वे बसों को कहां ठहराएंगे, इसके लिए कोई विशेष निर्देश नहीं है. ऐसी स्थिति में अनेक चालक अपनी सुविधा के अनुसार बसों को जहां-तहां खड़ी कर रहे हैं. जबकि कई चालकों ने कहा कि एसजेडीए की ओर से उन्हें यहां बसे ठहराने का निर्देश मिला है.