बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए ने अब तक के रूझानों में 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम को भी काफी पीछे छोड़ दिया है. एनडीए ने अब तक 170 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बना ली है. अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो बिहार विधानसभा चुनाव के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब एनडीए दो तिहाई बहुमत की ओर अग्रसर होगा. हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी. क्योंकि सभी 243 सीटों के चुनाव परिणाम आने में वक्त लगेगा.
बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों ने राष्ट्रीय जनता दल और महागठबंधन के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को करारा झटका दिया है, जो बिहार का मुख्यमंत्री बनने का दिवा स्वप्न देख रहे थे.बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को भी करारा झटका दिया है. यह सबक दिया है कि फिल्म का डायरेक्टर कभी हीरो नहीं हो सकता. प्रशांत किशोर एक चुनाव रणनीतिकार हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह जनता में भी अपनी पकड़ बना सकें.
बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों ने कई संदेश दिए हैं. इस चुनाव परिणाम का सबसे ज्यादा असर आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाला है. एनडीए के पक्ष में आए रुझानों ने पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. उन्हें लगता है कि भाजपा और एनडीए का विजय रथ बंगाल में भी दस्तक देगा और दीदी का किला ध्वस्त कर देगा. बहरहाल यह प्रारंभिक रुझान है और नतीजे आने में वक्त लगेगा. दोपहर के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि बिहार के मतदाताओं ने नीतीश कुमार पर कितना भरोसा किया है.
