बरसात चल रही है. दार्जिलिंग, सिक्किम आदि विभिन्न इलाकों में आए दिन भूस्खलन के चलते NH-10 का अवरूद्ध होना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है. सड़क अवरूद्ध होने से पहाड़ी इलाकों में यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. सिलीगुड़ी और समतल से संपर्क कट जाने से पहाड़ी इलाकों में ट्रांसपोर्ट प्रभावित होता है. इससे खाने पीने से लेकर सभी क्षेत्रों में दिक्कतों का सामना पहाड़ के लोगों को करना पड़ता है. वर्तमान में NH-10 बंद हो जाने से पहाड़ी इलाकों में महंगाई खासकर साग सब्जियों की महंगाई आसमान छू रही है.
NH-10 की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. लगातार बरसात के कारण पहाड़ का निचला हिस्सा कमजोर पड़ता जा रहा है. जबकि शीर्ष भाग भारी रहने के चलते भूस्खलन की घटनाओं में इजाफा होता है. हाल ही में सिक्किम के सांसद इंद्रहाग सुब्बा ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी और NH-10 के मौजूदा हालात के बारे में उन्हें जानकारी दी थी.
लोकसभा सांसद इंद्रहांग सुब्बा ने मांग की है कि जल्द से जल्द NH-10 के समानांतर ग्रीन फील्ड हाईवे का निर्माण किया जाए. अन्यथा एक दिन NH-10 का वजूद ही मिट जाएगा. उन्होंने सड़क परिवहन मंत्री से अनुरोध किया है कि सिक्किम को बचाने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर और बड़ी संख्या में छोटे-छोटे पुल बनाए जाएं. समय रहते इनका ध्यान रखना होगा अन्यथा एक दिन सिक्किम की जीवन रेखा मानी जाने वाली NH-10 थोड़ी सी बरसात अथवा भूस्खलन में ही धूल धूसरित हो जाएगी, उसे देखते हुए उसके वजूद का खतरा बढ़ गया है.
फिलहाल स्थिति तो यह है कि सिक्किम की जीवन रेखा कहे जाने वाले नेशनल हाईवे 10 पर एक बड़ी दरार देखी गई है. इसके कारण इस राष्ट्रीय राजमार्ग को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. जांच अधिकारियों ने पाया है कि कालिमपोंग जिले में यह दरार देखी गई है. ऐसे में एनएचआईडीसीएल की ओर से एक सूचना जारी की गई है और सिलीगुड़ी और गंगटोक के बीच NH-10 पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है.
रविवार की रात 8:00 बजे कोरोनेशन ब्रिज और चित्रे के बीच नेशनल हाईवे 10 को बंद कर दिया गया. इसके अनुसार 6 अगस्त शाम 6:00 बजे तक यह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहेगा. उधर एनएचआईडीसीएल को आदेश दे दिया गया है कि वह इस दौरान मरम्मती का कार्य शुरू कर दे. एन एच आईडीसीएल की ओर से यह आश्वासन दिया गया है.
नेशनल हाईवे 10 के बंद हो जाने से जनजीवन और यातायात पर भारी असर पड़ा है. कालिमपोंग यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कालिमपोंग पुलिस ने सिलीगुड़ी से गंगटोक जाने वाले छोटे वाहनों को गोरूबथान, लावा, अलगरा और बागराकोट, लावा, अलगरा होते हुए वैकल्पिक मार्ग अपनाने को कहा है. जबकि दूसरी तरफ सिलीगुड़ी और गंगटोक के बीच भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है.
पिछले मंगलवार को तार खोला के पास NH-10 पर भारी भूस्खलन हुआ था. उसके बाद से भूस्खलनों की झड़ी लग गई है. कल सेतुझोरा में भी ऐसा भूस्खलन हुआ है, जिससे आधी सड़क ही नदी में समा गई है. हाल ही में विशेषज्ञों तथा केंद्रीय सर्वेक्षण टीम ने यहां गाद का भी सर्वेक्षण किया है. मल्ली से लेकर तीस्ता बाजार तक गाद लगभग 14 मीटर ऊपर हो गया है. ऐसे में तीस्ता में जरा सी बरसात होते ही पानी फैल कर निकटवर्ती इलाकों में बाढ़ उत्पन्न कर सकता है.
मौसम विभाग ने शुक्रवार तक पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में भारी बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है. मंगलवार यानी कल तक जलपाईगुड़ी से लेकर अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग, कूचबिहार, सिक्किम आदि इलाकों में भारी मूसलाधार बारिश हो सकती है. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि लोगों को कितनी भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
एनएचआईडीसीएल तथा अधिकारियों ने आम लोगों से सावधानी बरतने और केवल वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करने की अपील की है. एनएचआईडीसीएल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए गंगटोक की ओर जाने वाले हल्के वाहनों के लिए तीन वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए हैं. यह हैं सिलीगुड़ी- जोर बांग्ला- तीस्ता बाजार- रंगपो- गंगटोक. इसी तरह से सिलीगुड़ी, सेवक, डामडिम, गोरूबथान, अलगरा, लावा , रंगपो, गंगटोक, सिलीगुड़ी, सेवक, बागराकोट, लावा, अलगरा, रंगपो, गंगटोक रूटों पर जा सकते हैं. जबकि भारी वाहनों की आवाजाही फिलहाल स्थगित रहेगी.