बहुत जल्द भारत की विशाल रेल नेटवर्क सेवा भूटान से भी जुड़ने जा रही है. भारत की रेल नेपाल की सीमा तक जाती है. भारत ने अपना रेल नेटवर्क बांग्लादेश तक बढ़ाया है और अब भूटान की बारी है. मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेल बानरहाट (भारत) और सामतसे के बीच चलेगी. सामतसे भूटान में आता है. हालांकि यह कोई नई योजना नहीं है. बहुत पहले से ही इस पर काम चल रहा है. परंतु चीन का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए अब भारत और भूटान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ा रहे हैं.
भूटान के राजा जिगमे खेसर नामगयाल भारत के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बैठक भी हुई है. दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों के बीच रेल लिंक के अंतिम स्थान का सर्वेक्षण किया जाएगा. भारत तथा भूटान के बीच जो सहमति बनी है, उसके अनुसार दोनों देश असम में कोकराझार को भूटान में भारतीय समर्थन से गेलेफू से जोड़ने वाले प्रस्तावित सीमा पर रेल लिंक के लिए अंतिम स्थान का सर्वेक्षण करेंगे.
भारत और भूटान दोनों देश वानरहाट और भूटान में सामतसे के बीच रेल संपर्क स्थापित करने पर विचार करने के लिए भी सहमत हो गए हैं. भूटान के राजा एक सप्ताह की यात्रा पर दिल्ली आए हैं. आपको बताते चलें कि चीन और भूटान के बीच सीमा विवाद लंबे अरसे से चल रहा है. चीन भूटान से सीमा विवाद सुलझाने के लिए उसे अन्यत्र जमीन देना चाहता है और बदले में सिलीगुड़ी के निकटवर्ती भूटानी क्षेत्र पर कब्जा जमाना चाहता है ताकि वह भारत पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सके.
विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन द्वारा हिमालयी साम्राज्य में अपना प्रभाव फैलाने के लिए बेताब प्रयासों की पृष्ठभूमि के बीच भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने तथा रेल लिंक परियोजना पर सर्वेक्षण सहमति से चीन के मंसूबे कहीं ना कहीं पस्त पड़ते नजर आ रहे हैं. भारत और भूटान के बीच दोस्ती काफी पुरानी है. दोनों ही देश संवेदनशील मुद्दों पर आपसी सहमति से आगे बढ़ रहे हैं.
भूटान चीन से बिगाड़ भी नहीं चाहता तो भारत के साथ दोस्ती भी रखना चाहता है. भारत और भूटान के बीच दोस्ती तथा सहयोग कोई नई बात नहीं है. हमेशा ही भारत भूटान के सुख-दुख में खड़ा रहता है तो भूटान ने भी हमेशा भारत का साथ दिया है. एक बार फिर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा ने आपसी सहयोग, मित्रता और समर्थन को दोहराया है. भारत के प्रधानमंत्री ने भूटान को आश्वासन दिया है कि भारत भूटान में सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए पूर्ण समर्थन देता रहेगा.
जानकारों के अनुसार भारत और भूटान का ताजा संयुक्त बयान चीन के उस बयान का करारा जवाब है, जब चीन ने भूटानी विदेश मंत्री के चीन दौरे के क्रम में पड़ोसी देशों से अपनी मित्रता तथा सहयोग की बात कही थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान को आश्वासन दिया है कि भारत भूटान की 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना के बीच की अवधि के लिए भारत समर्थित परियोजनाओं और योजनाओं के लिए ब्रिज फाइनेंस भी प्रदान करेगा. इसके अलावा भारत और भूटान जल विद्युत क्षेत्र में भी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी वचनबद्धता पर कायम है.