ममता बनर्जी 5 दिसंबर के बाद कभी भी पहाड़ आ सकती हैं. उनका पहाड़ दौरा निश्चित है. लेकिन तिथि का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है. उससे पहले पहाड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पहाड़ के चाय बागान के श्रमिकों से मिलेंगी तथा उन्हें जमीन का पट्टा वितरित करेंगी. इसकी तैयारी पहाड़ में शुरू हो गई है.
पिछले दिनों दार्जिलिंग की लाल कोठी में विभिन्न चाय श्रमिक संगठनों के साथ जीटीए की बैठक हुई थी. इस बैठक में GTA के चेयरमैन राजेश चौहान भी उपस्थित थे. इस बैठक में चाय बागानों की जमीन का सर्वे करने के लिए तीन समितियां बनाने का फैसला किया गया है. GTA के प्रमुख अनित थापा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इससे पहले 5 नवंबर को एक बैठक आयोजित हुई थी. यह बैठक कर्सियांग सर्किट हाउस में हुई थी.
इस बैठक में चाय बागानों की जमीन के सर्वेक्षण का फैसला किया गया था. 5 नवंबर की बैठक में चाय बागान के सभी श्रमिक संगठनों ने भाग लिया था और एक स्वर से जमीन सर्वेक्षण के मुद्दे का समर्थन किया था. अब सर्वेक्षण के मुद्दे को कैसे आगे बढ़ाया जाए,इसी पर लाल कोठी की बैठक में चर्चा हुई है. वक्त कम है और काम ज्यादा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चाय बागान की जमीन के सर्वेक्षण के लिए तीन समितियां बनाई जा रही है. पहली समिति जिला स्तरीय होगी और दूसरी समिति ब्लॉक स्तरीय होगी.
जो रोड मैप तैयार किया गया है, उसके अनुसार जिला स्तर पर जीटीए,जिला प्रशासन तथा विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि इसका हिस्सा होंगे. इसकी शीघ्र बैठक आयोजित करने का संकेत मिला है. दूसरी तरफ ब्लॉक स्तरीय समिति में चाय श्रमिक संगठन और ब्लॉक स्तरीय सरकारी निकायों के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में भाग लेंगे.तीसरे स्तर पर जो समिति बनाई जा रही है, उसमें चाय बागान के विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे. यह एक बागान स्तरीय समिति होगी. इन तीन स्तरों पर समितियों के गठन के बाद चाय बागान की भूमि का सर्वेक्षण शुरू होगा.
मालूम हो कि चाय बागानों की भूमि के सर्वेक्षण को लेकर पहाड़ में कुछ संगठन विरोध कर रहे हैं. चाय सुरक्षा समिति प्रमुख है. जबकि जॉइंट फोरम अपने फैसले पर अडिग है.जीटीए ने जो पहल की है उसका श्रमिक संगठन स्वागत कर रहे हैं. जॉइंट फोरम के प्रतिनिधि सुनील राई कहते हैं कि सब कुछ पारदर्शी होगा. यह सर्वेक्षण जिला अधिकारी की देखरेख में होगा. अतः इसमें कुछ गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आगमन से पहले चाय बागान की भूमि का सर्वेक्षण और यह पता लगाया जाएगा कि प्रत्येक श्रमिक के पास कितनी भूमि है.
सूत्रों ने बताया कि जल्द ही समिति गठित करके सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा. सर्वे शुरू करने से पहले जिला स्तरीय समिति की बैठक होगी. उसके बाद लीज के मुद्दे पर काम किया जाएगा. सूत्रों ने यह भी बताया कि ऊपर से आदेश आने के बाद पहाड़ में चाय श्रमिक संगठन और GTA के बीच हलचल बढ़ी है. मुख्यमंत्री के आगमन के पहले ही यह सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा. इसकी उम्मीद और भरोसा लोग जता रहे हैं.