May 19, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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ममता बनर्जी पहाड़ की राजनीति को कितना प्रभावित कर सकती हैं!

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं. इससे सिलीगुड़ी, समतल और पहाड़ की राजनीति में चर्चा शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री अपने दौरे से उत्तर बंगाल की राजनीति को कितना ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं. सबसे पहले पहाड़ की राजनीति की बात करते हैं. पहाड़ की राजनीति राजू विष्ट, अनित थापा और अजय एडवर्ड की तीन धुरियों पर टिकी है. अनित थापा ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं. उनकी पार्टी का तृणमूल कांग्रेस के साथ गठजोड़ है.

अनित थापा जीटीए के चेयरमैन है. जीटीए में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. इसके अलावा दार्जिलिंग, कालिमपोंग और कर्सियांग डिवीजन में भी उनका ज्यादा प्रभुत्व माना जाता है. वह बहुत सधी राजनीति करते हैं. और जहां टीएमसी का विरोध करना होता है, वह पार्टी का विरोध भी कूटनीति तरीके से करते हैं. उनकी राजनीति सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे, जैसी रही है. यही कारण है कि विरोधी उनके वजन को समझते हैं. उन्हें पहाड़ के लोगों की इच्छा और आकांक्षा की धुरी से अलग करना आसान नहीं है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उनकी पहाड़ की राजनीति में कीमत को समझती हैं. वह चाहती है कि अनित थापा के जरिए टीएमसी पहाड़ में सफलता का स्वाद चखे.

पहाड़ में राजू बिष्ट के नेतृत्व में भाजपा ने चाय बागान श्रमिकों के कल्याण का मुद्दा पहले से छेड़ रखा है. अनित थापा चाय बागान की भी राजनीति करते हैं. इसके साथ ही टीएमसी का पक्ष भी मजबूती से रखते हैं. राजू बिष्ट गोरखाओं के मुद्दे को बेहतर ढंग से उठाते हैं. और पहाड़ में स्थाई राजनीतिक समस्या समाधान की बात करते हैं. गोरखा राजू विष्ट से सीधे कनेक्ट होते हैं. यह बात कुछ दिन पहले खबर समय के लेटेस टॉक प्रोग्राम में नीरज जिंबा ने भी बताई थी कि राजू बिष्ट की राजनीति पहाड़ के गोरखाओं को कुछ ज्यादा ही प्रभावित करती है . अनित थापा का जीटीए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आवंटित धनराशि से संचालित होता है. समय-समय पर ममता बनर्जी जीटीए के लिए धन का पिटारा खोलती रहती है. हालांकि इस धन का कितना उपयोग पहाड़ के विकास में किया जाता है,यह बताने की जरूरत नहीं है.

इन दिनों पहाड़ में तीसरी धुरी के रूप में अजय एडवर्ड तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं. वह अनित थापा और राजू बिष्ट दोनों से ही समान दूरी बनाकर चल रहे हैं और एक नई राजनीति की शुरुआत कर चुके हैं. यह देखना होगा कि 2026 के विधानसभा चुनाव आते-आते उनकी राजनीति किस करवट बैठती है. परंतु वर्तमान में अजय एडवर्ड को रोकना आसान नहीं लगता है. कुछ समय पहले ही अजय एडवर्ड ने प्रमुख रूप से अनित थापा को टारगेट करते हुए कहा था कि दार्जिलिंग पुलिस ने उनके संगठन के आय व्यय का ब्यौरा मांगा है. इसके बाद उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर ही संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत कर दिया. उनका यह पारदर्शी अंदाज पहाड़ के लोगों को अच्छा लगता है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल और पहाड़ के लिए नया क्या कुछ करती है, यह तो पता नहीं है. परंतु जानकार मानते हैं कि मुख्यमंत्री अनित थापा के जीटीए को लेकर कुछ नए ऐलान कर सकती हैं. लेकिन यहां चाय बागान की 30% भूमि के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति से उत्पन्न हुई समस्या है, जिसका चाय बागान के श्रमिकों में असंतोष भी देखा जा रहा है.राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने इस दौरे में डैमेज कंट्रोल के रूप में कुछ नए कदम उठा सकती हैं. यह जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा.

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