September 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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ममता बनर्जी सरकार को फिर से मुंह की खानी पड़ी!

पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को मुंह की खानी पड़ी है. पहले हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एक बार फिर से कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को हाशिए पर ला दिया है. ताजा मामला राज्य के 1 दर्जन से अधिक विश्वविद्यालयों में उप कुलपतियों की राज्यपाल द्वारा नियुक्ति को लेकर है, जिसे राज्य सरकार असंवैधानिक बता रही है. कोलकाता हाईकोर्ट ने उसे संवैधानिक करार दिया है.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी बी आनंद बोस इन दिनों उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं. वह दार्जिलिंग के राजभवन में लोगों से मिल रहे हैं. पंचायत चुनाव से पहले राज्य में विभिन्न स्थानों पर हिंसा देखी जा रही है. राज्यपाल लोगों से निडर होकर मतदान करने का आग्रह कर रहे हैं. विश्वास और शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल विभिन्न दलों के नेताओं और लोगों से मिल रहे हैं. पंचायत चुनाव में शांति और निष्पक्ष चुनाव के लिए वे लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

दार्जिलिंग जाने से पहले राज्यपाल उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय में उपकुलपतियों की एक बैठक को संबोधित करने गए थे, जहां तृणमूल छात्र परिषद तथा तृणमूल के दूसरे संगठनों ने उनका भारी विरोध किया और राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए.

राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के मामले में राज्यपाल का विरोध ममता बनर्जी की सरकार के कई मंत्री और नेता कर चुके हैं. राज्यपाल ने राज्य में 14 विश्वविद्यालयों में उपकुलपतियों की नियुक्ति की है, जिसे राज्य सरकार असंवैधानिक बता रही है. इसी क्रम में राज्यपाल का राज्य में तृणमूल के संगठन विरोध कर रहे हैं.

इस बीच राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों में उप कुलपति की नियुक्ति के अधिकार को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने उनके द्वारा उप आचार्यों की नियुक्ति को सही ठहराया.

ममता बनर्जी की सरकार के लिए यह एक बड़ा झटका बताया जा रहा है. इसकी उम्मीद ममता बनर्जी की सरकार के किसी भी मंत्री ने नहीं की थी. स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी नहीं लगता था कि कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ होगा. कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायाधीश टी एस शिवंगनम तथा न्यायाधीश अजय कुमार गुप्ता के डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है.

उधर राज्य में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए सिलीगुड़ी और पहाड़ में केंद्रीय बलों का पहुंचना शुरू हो गया है. आज केंद्रीय बलों की कई कंपनियां सिलीगुड़ी पहुंची. यहां से अर्धसैनिक बलों को पंचायतों में भेजा जाएगा, जहां वे रूट मार्च करते हुए लोगों में विश्वास और भयमुक्त वातावरण का निर्माण करेंगे.

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