बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और देशभर के भारतीय समुदायों में गहरे श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला सूर्योपासना का महान पर्व ‘छठ पूजा’ अब अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल करने जा रहा है। इस अद्भुत और प्राचीन पर्व को यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक धरोहर सूची (UNESCO Intangible Cultural Heritage List) में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो वर्ष 2026-27 तक छठ पूजा का नाम इस प्रतिष्ठित सूची में दर्ज हो जाएगा।
छठ पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक भी है। इस पर्व में लोग नदी, तालाब और जलाशयों की सफाई कर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पर्व प्रकृति और मानव के गहरे रिश्ते को दर्शाता है। आज जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है, ऐसे में छठ पूजा का संदेश और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
भारत की सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा बढ़ावा
भारत के पास पहले से ही 15 ऐसी सांस्कृतिक परंपराएं हैं जो यूनेस्को की सूची में शामिल हैं। छठ पर्व के जुड़ने से यह संख्या और बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई मिलेगी।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि भारत की सांस्कृतिक नीति के तहत इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। मंत्रालय के विशेषज्ञ दल ने बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर छठ पर्व की परंपराओं का विस्तृत दस्तावेज तैयार किया है।
छठ की अनोखी विशेषताएं
छठ पर्व में सूर्य की उपासना की जाती है। मान्यता है कि सूर्य देव से स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इसमें कठोर नियमों का पालन किया जाता है। व्रती बिना पानी पिए व्रत रखते हैं और अस्ताचलगामी तथा उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड के अलावा नेपाल और मॉरीशस में भी छठ पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। प्रवासी भारतीय समुदाय के कारण आज यह पर्व अमेरिका, दुबई, लंदन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में भी लोकप्रिय हो गया है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
छठ पूजा के यूनेस्को की सूची में आने से भारत में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सॉफ्ट पावर भी मजबूत होगी।
यह पहल न केवल भारतीय संस्कृति को सम्मान दिलाएगी, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देगी कि भारत की परंपराएं मानवता, प्रकृति और सामूहिक सद्भाव के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।
छठ पूजा का यह वैश्विक सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण होगा और आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में मदद करेगा।
Uncategorized
महापर्व ‘छठ’ अब बनेगा वैश्विक धरोहर, बढ़ेगा भारत का मान !
- by Ryanshi
- September 17, 2025
- 0 Comments
- Less than a minute
- 452 Views
- 1 month ago
Share This Post:
Related Post
newsupdate, dudhia, FLOOD, good news, mamata banerjee, weather, WEST BENGAL, westbengal
दुधिया के लोगों को बड़ी राहत मिली, दुधिया में
October 27, 2025
incident, newsupdate, siliguri, snake
सिलीगुड़ी में मचा हड़कंप! गोदाम से निकला 10 फुट
October 26, 2025
