November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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मां दुर्गा की प्रतिमाओं की देश विदेश में बढी मांग!

कोरोना के बाद यह पहला मौका है, जब बंगाल की दुर्गा पूजा के विश्व भर में चर्चे शुरू हो गए हैं. विश्व के विभिन्न देशों से प्रतिमाओं के ऑर्डर आ रहे हैं. अमेरिका, दुबई ,अबू धाबी, सऊदी अरब, जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड ,फ्रांस, इटली, न्यूजीलैंड, स्वीडन, सिंगापुर इत्यादि देशों से आर्डर आ चुके हैं. मूर्तिकार प्रतिमा बनाने में व्यस्त हो गए हैं.

सिलीगुड़ी में प्रतिमाओं का निर्माण माटीगाड़ा और सिलीगुड़ी के विभिन्न स्थानो में किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि इस साल दूर-दूर से ऑर्डर आए हैं. इनमें पहाड़ से सर्वाधिक आर्डर मिले हैं. सिक्किम, Dooars, सिलीगुड़ी से सटे बिहार के सीमांचल क्षेत्र से भी आर्डर मिले हैं. माटीगाड़ा के प्रतिमाकारो के सधे हाथों से बनी मूर्तियों की सर्वाधिक मांग रहती है. सूत्रों ने बताया कि यहां के प्रतिमाकार जीवंत प्रतिमाओं का निर्माण करते हैं. यही कारण है कि दुर्गा पूजा के समय उन्हें आराम करने का भी समय नहीं मिलता.

सिलीगुड़ी में कई स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का निर्माण हो रहा है. इनमें से नौका घाट, विधान मार्केट, कुम्हार टोली, एनजेपी,भक्ति नगर क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में छोटे बड़े प्रतिमाकार प्रतिमा निर्माण में जुट गए हैं. महंगाई का असर प्रतिमा निर्माण में भी देखा जा रहा है. अनेक मूर्तिकारों ने बताया कि इस बार प्रतिमा निर्माण के उपकरण काफी महंगे हो गए हैं. ऐसे में प्रतिमाओं के जो ऑर्डर बुक किए गए हैं, वह भी पिछले साल की तुलना में थोड़े महंगे हैं.

सिलीगुड़ी में अधिकांश प्रतिमा निर्माण करने वाली संस्थाएं ऑर्डर के हिसाब से ही प्रतिमाएं तैयार करती हैं. प्रतिमा तैयार करने के लिए कलाकारों को पश्चिम बंगाल के दूर दराज के इलाकों से बुलाया जाता है. जब तक उनका काम पूरा नहीं होता, उनके रहने खाने और अन्य खर्च संस्था की तरफ से दिए जाते हैं. ऐसी बहुत कम संस्थाएं हैं जो बिना आर्डर के प्रतिमाओं का निर्माण करती है. कारण कि अगर प्रतिमा नहीं बिकी तो उन्हें काफी नुकसान होता है.

इस बार Dooars क्षेत्र से भी काफी संख्या में आर्डर मिले हैं. माल बाजार, चालसा, धुपगुरी ,मैटिली ,सेवक आदि क्षेत्रों से पिछले साल की तुलना में अधिक ऑर्डर बुक कराए गए हैं. ऐसे में सिलीगुड़ी के कुछ अन्य इलाकों में भी रिहायशी क्षेत्रों में प्रतिमाओं का निर्माण करवाया जा रहा है. एक संस्था ने ऑर्डर को समय पर पूरा करने के लिए चंदन नगर से कुछ मूर्तिकारों को अच्छे पैसे देकर सिलीगुड़ी बुलाया है.

सिलीगुड़ी और पूरे प्रदेश में दुर्गा पूजा की तैयारी तो कब से शुरू हो चुकी है. लेकिन खास बात विदेश से आए ऑर्डर को लेकर है. इस साल मां दुर्गा की 100 से अधिक प्रतिमाएं विश्व के 25 से अधिक देशों में भेजी जा रही है. इनमें सर्वाधिक दुर्गा प्रतिमाएं अमेरिका को भेजी जा रही है. अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय के लोगों ने 48 प्रतिमाओं का आर्डर भेजा है. अमेरिका के बाद सबसे अधिक प्रतिमा जर्मनी को भेजी जा रही है. जर्मनी की 6 संस्थाओं ने आर्डर भेजा है. जबकि इंग्लैंड से पांच, ऑस्ट्रेलिया से चार, आयरलैंड से तीन, फ्रांस और इटली से 2-2 तथा जापान, अबू धाबी ,दुबई, स्वीडन, सिंगापुर, कतर और सऊदी अरब से एक-एक प्रतिमा का आर्डर मिला है.

दुर्गा प्रतिमाओं की देश विदेश में मांग को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस बार सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में दुर्गा पूजा का विशेष उल्लास रहने वाला है. कोलकाता तो प्रतिमा का हब माना जाता है. लेकिन उसके बाद सिलीगुड़ी का ही स्थान है. कोलकाता से विदेशो में प्रतिमाएं भेजी जा रही है तो सिलीगुड़ी से पड़ोसी राज्यों में.

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