माटीगाड़ा के बहुचर्चित बालिका हत्याकांड में रिमांड की 10 दिनों की अवधि पूरी होने के बाद पुलिस ने हत्यारोपी मोहम्मद अब्बास को कोर्ट में प्रस्तुत किया और अदालत से हत्यारोपी को और चार दिनों के रिमांड पर देने की अपील की. कोर्ट ने पुलिस की अपील के बाद मोहम्मद अब्बास की रिमांड की अवधि और चार दिनों के लिए बढ़ा दी है.
पिछले 10 दिनों से यह मामला सुर्खियों में है. न केवल सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में ही, बल्कि पूरे बंगाल में यह मामला गूंज रहा है. हालांकि बालिका का हत्यारोपी पुलिस हिरासत में है. परंतु अब तक यह पूरा मामला साफ हो चुका है कि मोहम्मद अब्बास ने ही बालिका का कत्ल किया था. स्वयं अब्बास के साथ-साथ उसके परिजन और दूसरे लोग भी यह बात अच्छी तरह जानते हैं. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर पुलिस मामले की चार्जशीट क्यों नहीं तैयार कर रही? ताकि केस का ट्रायल हो सके और मोहम्मद अब्बास को उसकी करनी की सजा मिल सके.
सूत्रों ने बताया कि पुलिस को मोहम्मद अब्बास से सारी जानकारी प्राप्त हो चुकी है. लेकिन पुलिस जानबूझकर चार्ज शीट तैयार करना नहीं चाहती. दरअसल इसमें कुछ तकनीकी पहलुओं को शामिल करना होता है. जैसे सबसे महत्वपूर्ण होता है घटना का रीक्रिएशन. जिसके लिए पुलिस को उचित वातावरण नहीं मिल रहा है. अभी भी लोग मोहम्मद अब्बास को फांसी देने की मांग कर रहे हैं तथा उस पर हमला भी किया जा सकता है. पुलिस आरोपी की सुरक्षा करने के लिए व्यवस्था बना तो रही है फिर भी उसे डर है कि कही मामला आउट ऑफ कंट्रोल ना हो जाए.
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस यह देखना चाहती थी कि मोहम्मद अब्बास के प्रति लोगों के आक्रोश में कुछ कमी आई है कि नहीं. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार की सुबह मोहम्मद अब्बास को अदालत में प्रस्तुत किया गया था. इसलिए कोई अप्रिय घटना नहीं घटी और पुलिस ने अपना काम भी कर लिया. माटीगाड़ा पुलिस को यह भी पता चल गया है कि पहले से स्थिति में कुछ सुधार आया है. इसलिए यह अनुमान लगाया जाता है कि माटीगाड़ा पुलिस जल्द ही मोहम्मद अब्बास को लेकर घटना का रिक्रिएशन पूरा कर लेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माटीगाड़ा पुलिस अगली बार जब मोहम्मद अब्बास को अदालत में प्रस्तुत करेगी, तब तक पुलिस की चार्जशीट भी तैयार हो चुकी होगी. इसलिए यह मामला जल्द ही ट्रायल में आएगा और इसकी सुनवाई ज्यादा लंबे समय तक नहीं चलेगी. क्योंकि मोहम्मद अब्बास की पृष्ठभूमि अत्यंत दयनीय है. उसकी ऐसी स्थिति नहीं है कि वह अपने लिए कोई महंगा वकील रख सकता है.दूसरी तरफ मोहम्मद अब्बास के समर्थन में उसके घर वाले, मित्र और शुभचिंतक भी नहीं है.
सूत्रों ने बताया कि माटीगाड़ा पुलिस मोहम्मद अब्बास के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के अलावा भी एक्ट लगाना चाहती है. लेकिन यह सब तभी होगा जब पुलिस की तकनीकी और कानूनी खानापूरी पूरी हो चुकी होगी. चार्जशीट के समय पुलिस मोहम्मद अब्बास के खिलाफ आवश्यक धारा में संशोधन कर सकती है. इसी पर निर्भर करेगा कि मोहम्मद अब्बास को आजीवन कारावास होगा या फिर उसे फांसी होगी.
कुल मिलाकर मोहम्मद अब्बास का भविष्य तथा उसकी जिंदगी पुलिस की कार्यवाही पर ही निर्भर करती है. कोर्ट को सबूत के आधार पर फैसला देना है. पुलिस ही कोर्ट को सबूत पेश करेगी. अब तक पुलिस ने मोहम्मद अब्बास को हत्या का दोषी करार देने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र कर लिए हैं.तकनीकी सबूत एक-दो दिन में पुलिस हासिल कर लेगी. अगर पुलिस निष्पक्ष ढंग से अपना काम करती है तो मोहम्मद अब्बास का भविष्य खत्म हो सकता है. क्योंकि पुलिस ने यह भी पता कर लिया है कि मोहम्मद अब्बास की पृष्ठभूमि चोर, उचक्के और नशेड़ी की है.
सूत्रों ने बताया कि बालिका हत्याकांड में अगर कोई और नाटकीय मोड़ नहीं आता है, तो इतना तय है कि मोहम्मद अब्बास की जिंदगी सलाखों के बीच ही खत्म हो जाएगी. यही कारण है कि पुलिस उसकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रख रही है. कोर्ट में पेशी से लेकर उसे हाजत तक रखने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पा रही है. यह घटना मोहम्मद अब्बास जैसे लोगों के लिए एक सबक है. हर बुरे काम का बुरा नतीजा होता है.
आपको बता दूं कि मोहम्मद अब्बास ने मल्लागुड़ी स्थित एक विद्यालय में पढ़ने वाली स्कूली छात्रा को बहला फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की, लेकिन जब छात्रा ने उसका विरोध किया तो मोहम्मद अब्बास ने गुस्से में उसके चेहरे और सर पर ईट से प्रहार करके उसे मौत के घाट उतार दिया था.