पश्चिम बंगाल की राजनीति में लगातार एक पर एक विस्फोट होते आ रहे हैं. राज्य में ईडी और सीबीआई का शिकंजा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और विधायकों पर कसता जा रहा है. एक-एक करके तृणमूल कांग्रेस के विधायक ईडी के शिकंजे में कसते जा रहे हैं. शिक्षक भर्ती घोटाले में अब एक और टीएमसी विधायक का नाम सामने आ रहा है. विधायक का नाम तापस साहा है. कोलकाता हाईकोर्ट ने विधायक के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है. उधर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी सीबीआई के निशाने पर हैं!
ऐसा लग रहा है कि राज्य तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है. कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी का तमगा वापस ले लिया था. तभी से पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस बीच आज तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल राय भी मन बना चुके हैं कि वह तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में वापसी करेंगे. मुकुल राय दिल्ली में हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलना चाहते हैं.
इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने मुकुल राय के मामले में कहा है कि मुकुल राय भाजपा विधायक हैं. वह बीजेपी में थे और अभी भी बीजेपी में ही हैं. हालांकि मुकुल राय के संबंध में राज्य भाजपा नेताओं की राय ठीक नहीं है. भाजपा के नेता कहते हैं कि इस बात की क्या गारंटी है कि मुकुल राय फिर से पलटी नहीं मारेंगे. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने हुगली में एक रैली के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि बंगाल भाजपा को मुकुल राय में कोई दिलचस्पी नहीं है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की भी लगभग यही राय है.
आपको बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल राय को लेकर उनके बेटे शुभ्रांशु ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने दावा किया था कि उनके पिता लापता हो गए हैं. शुभ्रांशु का यह भी कहना था कि उनके पिता को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. वह मानसिक रूप से बीमार हो गए हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक और बयान सुर्खियों में है, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन लोगों को चैलेंज किया है जो यह दावे कर रहे हैं कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीनने के बाद ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया था. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर यह साबित हो गया तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी.
इस तरह से यह कहा जा सकता है कि तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है और इस समय पार्टी कई मोर्चों पर लड़ रही है. अपनों और बाहरी से मुकाबला करते हुए तृणमूल कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए हाल ही में संगठनात्मक स्तर पर फेरबदल भी सुर्खियों में रहा है.