आप सिलीगुड़ी अथवा प्रदेश के किसी भी भाग में रहते हो, जब आप हर महीने सरकारी राशन की दुकानों में राशन लेने जाते हैं, तो दुकानदार की ओर से एक स्लिप दिया जाता है. इस स्लिप में विश्व बंगला का लोगो रहता है. इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है.
दरअसल राशन तो केंद्र सरकार उपलब्ध कराती है. इसलिए राशन स्लिप पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लोगो होना चाहिए. लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार कहती है कि केवल राशन उपलब्ध कराने से सब कुछ नहीं हो जाता. वितरण तो राज्य सरकार ही करती है.इसलिए स्लिप पर विश्व बांग्ला लोगो का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. यानी केंद्र सरकार द्वारा चावल और गेहूं उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण नहीं है. बल्कि उसका वितरण किया जाना महत्वपूर्ण है. और जो वितरित करे, उसी का लोगो इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
फैसला आपने करना है, कौन सही है और कौन गलत है? लेकिन अब इस पर काफी विवाद शुरू हो गया है. पश्चिम बंगाल प्रदेश के खाद्य मंत्री रथीन घोष कहते हैं कि भारत सरकार चावल और गेहूं उपलब्ध कराती है, यह सच है. लेकिन उसका वितरण तो राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है. इसलिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार की भी समान भूमिका है. ऐसे में राशन स्लीप पर विश्व बांग्ला लोगो का इस्तेमाल किया जाना अनुचित नहीं है.
राज्य भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया है कि राशन स्लिप पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किया जाए तो फिर राज्य सरकार ऐसा क्यों नहीं करती? भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा है कि राज्य सरकार विभिन्न परियोजनाओं के नाम को लेकर हमेशा विवाद करती है.उनका कहना है कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं का नाम बदल देती है. ऐसा बरसों से हो रहा है. योजनाओं के नाम को लेकर राज्य और केंद्र के बीच खींचतान अक्सर चलती रहती है.
केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकार राशन स्लिप पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लोगो लगाए. लेकिन राज्य सरकार राशन स्लीप पर विश्व बंगला का लोगो लगाने पर अडी हुई है. दोनों पक्षों की ओर से इस संबंध में तर्क दिए जा रहे हैं. देने वाला बड़ा या खिलाने वाला बड़ा? लेकिन राशन डीलर किसी तरह के विवाद में पड़ना नहीं चाहते हैं. क्योंकि राज्य सरकार ने राशन डीलरों को लाइसेंस दिया है. इसलिए वे राज्य सरकार के साथ हैं.
सिलीगुड़ी के कई राशन डीलरों ने बताया कि राज्य सरकार का जो भी फैसला होगा, वहीं उन्हें मंजूर होगा. उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने उन्हें लाइसेंस दिया है, उस सरकार के दिए गए निर्देशों का वह पालन करेंगे. यानी साफ है कि राशन डीलर राज्य सरकार के साथ हैं. राशन डीलरों का तर्क काफी हद तक उचित भी है.
प्रदेश भाजपा ने इस मुद्दे को बड़ा तूल दिया है. प्रदेश भाजपा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इस पर अडी हुई है कि सरकार राशन स्लिप पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल करे जबकि तृणमूल कांग्रेस और प्रदेश सरकार इस बात पर अडिग है कि राशन स्लिप पर विश्व बंगला का ही लोगो जाना चाहिए.अब देखना है कि इस बार राशन दुकानों में राशन स्लिप पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लोगो इस्तेमाल किया जाता है या फिर राज्य सरकार के विश्व बंगला का लोगो?