टोटो चालकों के लिए शायद यह एक बुरी खबर हो सकती है. अब से टोटो चालक राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं चलेंगे. यह राज्य परिवहन विभाग का फैसला है. इससे पहले कोर्ट का फैसला आ चुका है. अब सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर भी टोटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकेत दे चुके हैं. अर्थात यह कहा जा सकता है कि कानून प्रशासन और सरकार तीनों टोटो के खिलाफ होते जा रहे हैं. ऐसे में टोटो चालको का भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है.
राज्य परिवहन विभाग ने सड़क पर हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया है. वास्तव में टोटो की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. सिलीगुड़ी की सड़कों पर टोटो की भीड़ किसी से छिपी नहीं है.अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि शहर में जाम की समस्या बढ़ाने में टोटो की बढती तादाद भी एक प्रमुख कारण है. टोटो चालकों को लेकर परिवहन विभाग की कोई स्पष्ट नीति नहीं होने से वे इसका लाभ उठाते रहे हैं.
टोटो चालक कहीं भी रास्ते में रोक कर सवारियां उठाते हैं. वह यह भी नहीं देखते कि उनके पीछे कोई वाहन आ रहा होता है. उनकी नजर तो सिर्फ सवारी पर टिकी रहती है. इसके अलावा सड़कों पर वे अपने तरीके से टोटो चलाते हैं. कभी-कभी तो एक साथ कई टोटो निकलते हैं और पूरा रास्ता बंद हो जाता है. सेवक रोड, हिल कार्ट रोड, महावीर स्थान, बर्दवान रोड, एस एफ रोड, विधान रोड, कोर्ट मोड इत्यादि विभिन्न सड़कों पर टोटो वालों का यह नजारा आप देख सकते हैं.
राज्य परिवहन विभाग के फैसले के बाद आज सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव के टॉक टू मेयर कार्यक्रम में सिलीगुड़ी में टोटो की बढ़ती तादाद, मुख्य सड़कों पर चलने के साथ ही टोटो चालकों की लापरवाहियों की शिकायत फोन के द्वारा मेयर गौतम देव से की गई तो उन्होंने यह संकेत दिया है कि जल्द ही इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करके टोटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पूर्व में सिलीगुड़ी तथा राज्य के विभिन्न भागों में टोटो चालकों की लापरवाही से घटित हुई दुर्घटनाओं की शिकायत राज्य परिवहन विभाग से की गई थी. किंतु परिवहन विभाग ने इस पर ज्यादा गौर नहीं किया था. लेकिन जब एक पर एक टोटो चालको की लापरवाही की घटनाओं में वृद्धि के साथ ही दुर्घटनाओं में भी इजाफा होता गया तो मजबूरन परिवहन विभाग को भी कठोर कदम उठाना पड़ा. इसकी शिकायत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से भी की गई है.
आपको बताते चलें कि हाईकोर्ट ने पहले ही टोटो को लेकर फैसला दे दिया है. इसके अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़कों पर टोटो परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है. परंतु इस कानून का पालन सख्ती से नहीं होने के कारण टोटो चालक इसका लाभ उठाते रहे हैं. कम पैसे में टोटो उपलब्ध होने तथा उसका कोई हिसाब परिवहन विभाग द्वारा नहीं रखे जाने के कारण आए दिन टोटो की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. टोटो चलाने वाले चालकों के पास परिचालन से संबंधित खास गाइडलाइंस भी नहीं होता है. इसके अलावा ड्राइवरी लाइसेंस कुछ ही चालको के पास उपलब्ध है. अन्यथा ढेर सारे टोटो चालक तो बगैर लाइसेंस के ही टोटो चलाते हैं.
मुख्य रूप से टोटो एक ग्रामीण सवारी है. परंतु अधिक से अधिक कमाई करने के लिए टोटो चालक मुख्य सड़कों पर सवारी ढोते हैं. सिलीगुड़ी में कुछ समय पहले मुख्य सड़कों पर चलने वाले टोटो के खिलाफ प्रशासनिक अभियान चलाया गया था. मगर बाद में यह राजनीति की भेंट चढ़ गया. पर इस बार राज्य परिवहन विभाग ने टोटो के खिलाफ सख्त कदम उठाया है और कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोटो का परिचालन नहीं होगा. राज्य परिवहन विभाग के फैसले के बाद देखना होगा कि सिलीगुड़ी और राज्य के दूसरे क्षेत्रों के प्रशासनिक त॔त्र इस संबंध में क्या कदम उठाते है.