आप रेल से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले हैं, लेकिन आपका टिकट कंफर्म नहीं हो सका और इसी चिंता में रहते हैं कि किस तरह से आपका टिकट कंफर्म हो सके ताकि आप यात्रा कर सकें. इस समय रेलगाड़ियों में अधिकतर टिकट कंफर्म नहीं हो रहे हैं. जबकि गर्मियों में और खासकर शादी विवाह के मौसम में तो टिकट मिलना भी मुश्किल हो जाता है. वेटिंग लिस्ट इतनी लंबी हो जाती है कि कंफर्म होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. ऐसे में चाह कर भी यात्री को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ जाती है या फिर बस अथवा वायु मार्ग से जाना पड़ता है.
हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. 12 महीने रेलवे की यही समस्या रहती है. लीन सीजन में यह समस्या थोड़ी कम हो जाती है, परंतु पीक सीजन में तो जैसे टिकट कंफर्म कराना लोहे के चने चबाने जैसा होता है. मई और जून महीने में शादी विवाह के लगन को देखते हुए लोग अभी से ही टिकट बुक कराने लगे हैं. परंतु ज्यादातर लोगों के टिकट कंफर्म नहीं हो रहे हैं. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए अब रेल मंत्रालय ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक तरीका ढूंढ निकाला है, जिसको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम नाम दिया गया है.
वर्तमान में रेलवे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम का बड़े पैमाने पर परीक्षण कर रहा है. इसके लिए आइडियल ट्रेन प्रोफाइल नाम का एक मॉड्यूल शुरू किया गया है. परीक्षण के कुछ परिणाम सामने आए हैं. इससे पता चलता है कि वेटिंग लिस्ट के अधिकतर टिकट कंफर्म हो जाएंगे. परीक्षण के परिणाम स्वरूप वेटिंग लिस्ट 5% से 6% तक घट गया. आइडियल ट्रेन प्रोफाइल को इन हाउस सॉफ्टवेयर ब्रांच सेंटर फॉर रेलवे इनफॉर्मेशन सिस्टम ने विकसित किया है.
वर्तमान में राजधानी एक्सप्रेस समेत लंबी दूरी की लगभग 200 रेलगाड़ियों की इंफॉर्मेशन को फीड किया गया है. अभी इसका परीक्षण पूरा नहीं हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले पीक सीजन में इसका एक बार फिर से परीक्षण होगा ताकि त्रुटियों को दूर किया जा सके. इसलिए वेटिंग टिकट इसी सीजन में कंफर्म होगा, यह बता पाना थोड़ा मुश्किल जरूर है. परंतु संभावना जताई जा रही है कि इसी सीजन से ही वेटिंग लिस्ट के अधिकतर टिकट कंफर्म होना शुरू हो जाएंगे. वैसे यह सब परीक्षण के परिणाम पर निर्भर करता है.
रेलवे वर्तमान में अपने अध्ययन में जुट गया है. एआई मॉडल में देखा गया है कि किस ट्रेन में यात्रियों ने टिकट कैसे बुक किया, किस स्टेशन से तथा कहां के लिए अधिकतर टिकट बुक कराए गए, कब और किन स्टेशनों के बीच बर्थ की ज्यादातर मांग रही, यात्रा के दौरान किस हिस्से में कौन सी सीटें खाली रही, इन सभी बातों पर अध्ययन का कार्य चल रहा है. अब तक के अध्ययन की जो बड़ी बात सामने आई है.
अब तक के अध्ययन की जो बड़ी बात सामने आई है, उसके अनुसार अगर एक ट्रेन के 60 स्टॉपेज हैं तो उसमें करीब 1800 टिकट कांबिनेशंस बन रहे हैं. अगर किसी ट्रेन के 10 स्टॉपेज हैं तो 45 टिकट कॉन्बिनेशन बन रहे हैं. इस अध्ययन के बाद 120 दिनों के एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को भी लाइव ट्रायल किया गया. इसके परिणाम उम्मीद के अनुसार सामने आए. रेलवे की प्रगति को देखते हुए उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले पीक सीजन से रेल यात्रियों को टिकट कंफर्म होने में परेशानी नहीं होगी तथा उनकी यात्रा महज इस वजह से कि उनका टिकट कंफर्म नहीं हो सका है, स्थगित नहीं होगी!