इन दिनों सोशल मीडिया और नेशनल टीवी चैनलों समेत समाचार पत्रों में व्हाट्सएप और फेसबुक से कॉलिंग बंद होने की संभावना की चर्चा खूब हो रही है. इसे लेकर कहीं ना कहीं उपभोक्ता भी डरे सहमे हुए हैं और विभिन्न तरह की आशंकाओं से ग्रसित हो रहे हैं. दरअसल टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट आधारित कम्युनिकेशन कंपनियों के बीच इन दिनों ठन चुकी है.
देश की टॉप टेलीकॉम कंपनियों ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ ट्राई में शिकायत की है. उन्होंने सवाल उठाया है कि मोबाइल कंपनियों और ओटीटी कंपनियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था क्यों है? उन्होंने कहा है कि कई बार ब्लैक आउट और आउटेज स्थिति में व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्म की सर्विस डाउन रहती है.इसके बावजूद उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाता. जबकि मोबाइल कंपनियों से ही सर्विस की क्वालिटी को लेकर अक्सर सवाल पूछे जाते हैं.
रिलायंस, जिओ ,एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियां विरोध में सामने आ चुकी है. इन कंपनियों के प्रतिनिधियों की एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्ठल की अगुवाई में ट्राई के चेयरमैन के साथ एक बैठक हो चुकी है. जहां विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों ने कई सवाल उठाए हैं जो वाजिब भी लगते हैं. कंपनियों के अधिकारियों के तर्को पर गौर करें तो कई चीजें उन्हें अलग-थलग करती है. अधिकांश ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ऐप आधारित है. इसके लिए देश में ना कोई कानून है और ना ही गाइडलाइंस. जबकि दूसरी ओर मोबाइल कंपनियों के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं.
व्हाट्सएप फेसबुक टेलीग्राम इंस्टाग्राम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म देश के कानून और गाइडलाइंस के हिसाब से नहीं चलते. इंटरनेट कंपनियों के लिए रेगुलेटरी व्यवस्था बहुत आसान है. इस वजह से टेलीकॉम कंपनियों का राजस्व भी प्रभावित हो रहा है. चाह कर भी टेलीकॉम कंपनियां अपने नेटवर्क का विस्तार नहीं कर पा रही है. उनका मुनाफा भी कम होता जा रहा है. यही कारण है कि उन्होंने इंटरनेट आधारित कम्युनिकेशन कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और ट्राई से मांग की है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए देश में कड़ा कानून व सख्त गाइडलाइंस बननी चाहिए अन्यथा देश की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न होगा!
अब देखना है कि इंटरनेट आधारित कम्युनिकेशन कंपनियों के खिलाफ ट्राई का फैसला क्या आता है. और यह भी कि उत्पन्न स्थितियों पर ट्राई का दृष्टिकोण निकलकर क्या सामने आता है. सवाल यह भी है कि क्या ट्राई ओटीटी प्लेटफार्म के लिए कोई गाइडलाइंस या कानून बनाती है? तथा यह भी देखना होगा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म उसका किस तरह से पालन करती है? जो भी हो मौजूदा स्थितियों में व्हाट्सएप और फेसबुक से कॉलिंग को लेकर संशय बरकरार है!