नागराकाटा में बामनडांगा के पास भाजपा विधायक शंकर घोष और उत्तर मालदा के भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर जानलेवा हमले तथा अलीपुरद्वार जिले के कुमार ग्राम विधानसभा क्षेत्र के एक और भाजपा विधायक मनोज कुमार उरांव पर बाढ़ राहत सामग्री बांटने के दौरान उनके साथ की गई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष पर हमले के दूसरे दिन मनोज कुमार उरांव पर हमला किया गया था. इस हमले में विधायक की सुरक्षा में लगे केंद्रीय बल के दो जवान भी घायल हुए हैं. इसके साथ ही उनकी दोनों गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई थी. भाजपा विधायक मनोज उरांव अपने दल के साथ बाढ प्रभावित लोगों में राहत सामग्री बांटने गए थे.
उत्तर बंगाल के भाजपा के तीन बड़े नेताओं पर हमले को लेकर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक भाजपा कार्यकर्ता और नेता आक्रोश में हैं. दिल्ली में बांग्ला भवन के पास भाजपा कार्यकर्ताओं खासकर भाजपा आदिवासी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की और पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की दयनीय हालत को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया.
सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में दिख रहा है कि बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत करने से पहले ही भीड़ ने भाजपा नेताओं को घेर लिया और ‘दीदी दीदी’ के नारे लगाने लगी. इसके बाद नागराकाटा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर वामनडांगा के पास उनके काफिले पर पथराव और लाठी डंडों से वार किया गया. इस हमले में खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष बुरी तरह घायल हो गए, जिन्हें माटीगाड़ा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
उत्तर बंगाल के दौरे पर आई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेवटिया अस्पताल पहुंचकर इलाज रत खगेन मुर्मू का हाल जाना और उनसे बातचीत करने की कोशिश की. लेकिन सूत्रों ने बताया कि खगेन मुर्मू की हालत काफी गंभीर थी और वह बोलने में असमर्थ थे. डॉक्टरों से बातचीत करके मुख्यमंत्री तत्काल ही वहां से निकल गई थी. फिलहाल शंकर घोष की तबीयत में सुधार है. उन्होंने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने इशारा किया है कि उनकी हत्या करने की साजिश की गई थी. क्योंकि उन्होंने एक बयान में कहा था कि उत्तर बंगाल में जनता त्रस्त है. लेकिन मुख्यमंत्री कार्निवल में मस्त हैं.
विधायक शंकर घोष ने कहा कि मुझे अपनी जान की चिंता नहीं है. लेकिन मैं यह सवाल उठाता रहूंगा. विधायक शंकर घोष और चिकित्सारत खगेन मुर्मू को देखने के लिए प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री सिलीगुड़ी पहुंचे. उनकी हालत देखने और घटना की जानकारी लेने के बाद भाजपा नेता आक्रोशित हैं. भाजपा ने दावा किया है कि जिन हमलावरों ने भाजपा नेताओं पर हमला किया था, वे सभी तृणमूल कांग्रेस के गुंडे थे. भाजपा ने इस हमले के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी का जंगल राज चल रहा है.
जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, धीरे-धीरे घटना की जानकारी भी सामने आ रही है. हालांकि अभी तक पुलिस हमलावरों को पहचान करने में और उन्हें गिरफ्तार करने में सफल नहीं हुई है. परंतु भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि कोई अगला कदम उठाने से पहले भाजपा घटना की तह में जाना चाहती है और सच्चाई का पता लगाना चाहती है. सूत्रों ने कहा कि पुलिस इस मामले में क्या करेगी, क्या नहीं. परंतु भाजपा चुप रहने वाली नहीं है. बीजेपी के कार्यकर्ता स्वयं घटना की पड़ताल करेंगे और जिन लोगों ने उनके नेताओं पर हमला किया है, उन्हें ढूंढ निकालेंगे.
ऐसी जानकारी मिल रही है कि भाजपा विभिन्न वायरल वीडियो के जरिए अलीपुरद्वार से लेकर नागराकाटा तक हमलावरों की पहचान करने में जुटी हुई है. हमलावरों के फोटो और अन्य पहचान जलपाईगुड़ी से लेकर सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में जगह-जगह चिपकाए जाने की तैयारी चल रही है. संकेत मिल रहा है कि हमलावरों का पता चलने के बाद भाजपा उनसे खुद निबटेगी. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी लगभग ऐसा ही संकेत दिया है.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य भाजपा को किसी भी घटना से जोरदार तरीके से निपटने की खुली छूट दे दी है. अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव है. भाजपा बनाम तृणमूल कांग्रेस की चल रही लड़ाई आगे और भी हिंसात्मक होगी, इसमें कोई दो राय नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा के नेताओं को मजबूती से खड़े होने और ईट का जवाब पत्थर से देने की तैयारी शुरू करने के लिए कहा है. क्योंकि जैसे-जैसे समय बीतेगा, ऐसी घटनाएं बढ़ती जाएंगी.ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा नेताओं को सतर्क होकर दमदार तरीके से राजनीति करने की बात कही है.
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि कुमार ग्राम के भाजपा विधायक मनोज उरांव तथा नागराकाटा में भाजपा सांसद और विधायक पर हमले की घटना में अगर तृणमूल कांग्रेस की साजिश का पुख्ता प्रमाण मिला तो भाजपा चुप नहीं रहेगी और इसके बाद भाजपा बदले की कार्रवाई कर सकती है. यानी भाजपा ईट का जवाब पत्थर से दे सकती है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने और उन्हें निडर होकर चुनाव की तैयारी करने का केंद्रीय नेतृत्व ने फरमान जारी कर दिया है.