सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में दुर्गा पूजा का उत्सव चल रहा है. लोग माता के भक्ति भाव और पूजा के आनंद में सराबोर हैं. पूरे शहर में भक्ति और शक्ति की दिव्य धारा बह रही है. ऐसे पवित्रता और दिव्यता के वातावरण में जब ऐसी खबर सामने आती है, जहां एक पिता के द्वारा अपनी ही सगी बेटी के साथ कुकर्म किया जाता है, तो सिर शर्म से झुक जाता है.
इंसानियत और मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना रिश्तों की मर्यादा और भरोसे को धूल-धुसरित करती है और यह सबक देती है कि वर्तमान समय में सगे रिश्ते पर भी भरोसा करना ठीक नहीं है. यह घटना यह भी सबक देती है कि बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं.
जिस पिता ने बेटी को जन्म दिया, उसे पाला पोसा और अपनी हैवानियत का शिकार बना दिया? यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है और उन माओं को सावधान करती है, जो अपने पति पर आंख मूंद कर भरोसा करती है कि पति कितना भी कुकर्मी क्यों ना हो, लेकिन अपनी बेटी के साथ कभी भी गलत नहीं कर सकता. इस घटना ने उनके विश्वास को तार तार कर दिया है. उन्हें यह याद रखना चाहिए कि कब किसकी नीयत बदल जाए ,कोई नहीं जानता!
सिलीगुड़ी शहर को शर्मसार करने वाली यह घटना यह भी सबक देती है कि जब बेटी बड़ी होने लगे तो पिता से ज्यादा मां को उसके करीब होना चाहिए. एजेपी थाना में दर्ज कराई गई शिकायत और अब तक की जांच कार्रवाई में जो बातें सामने आ रही है, वह काफी हैरान कर देने वाली है. जो भी सुनता है, वही सन्न रह जाता है. क्या एक पिता ऐसा भी कर सकता है! लेकिन यह कलयुग है और कलयुग में क्या नहीं होता!
जिस पिता पर अपनी बेटी की अस्मत लूटने का आरोप लगा है, उसे आज एनजेपी पुलिस ने जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया है. आरोपी पिता विकास( कल्पित नाम) सिलीगुड़ी के एनजेपी थाना अंतर्गत अपने पूरे परिवार के साथ रहता था. उसके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा था. परिवार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था.
विकास की ससुराल कटिहार में थी. 19 सितंबर की बात है. पति-पत्नी में किसी बात को लेकर अनबन हो गई. गुस्से में आरोपी की पत्नी अपने बच्चों को लेकर मायके चली गई. विकास ने सोचा कि जब पत्नी का गुस्सा ठंडा हो जाएगा, तो वह स्वयं ही सिलीगुड़ी आ जाएगी. वह 21 सितंबर तक पत्नी के सिलीगुड़ी लौटने की प्रतीक्षा करता रहा. लेकिन जब वह नहीं लौटी तो 22 सितंबर को स्वयं विकास अपनी पत्नी को मनाने और लिवाने के लिए कटिहार गया.
विकास ने ससुराल में अपनी पत्नी को मनाने की कोशिश की. लेकिन बताया जाता है कि पति-पत्नी का रिश्ता वहां और ज्यादा बिगड़ गया. यह भी कहा जाता है कि दोनों के बीच वहां भी काफी झगड़ा हुआ. तब विकास पत्नी को ससुराल में ही छोड़कर बच्चों को लेकर सिलीगुड़ी लौट आया. विकास ने अपने बच्चों से वादा किया था कि वह पूजा पर उन्हें नए कपड़े खरीद कर देगा. लेकिन 24 सितंबर को ही वह घटना घट गई, जिसकी उम्मीद नहीं की गई थी.
विकास ने घर में अपनी बड़ी बेटी, जिसकी उम्र 10 साल थी, को अकेला पाकर उसे अपनी दरिंदगी का शिकार बना दिया. जब बच्ची रोने लगी तो उसने उसे धमकाते हुए कहा कि अगर उसने इस घटना की चर्चा किसी से की, तो उसे जान से मार देगा. बच्ची डर कर चुप रही. उसने सोचा कि जब मां लौट आएगी, तब वह मां को ही बताएगी.
25 सितंबर को बच्ची की मां सिलीगुड़ी आई. तब बच्ची ने अपने पिता की सारी करतूत मां के सामने रख दी. इतनी बड़ी घटना और वह भी इतनी घिनौनी तो किसी भी मां का माथा ठनक ही जाएगा. आरोपी की पत्नी ने यह बात अपने कुछ परिचितों को बतायी और उसके बाद सभी ने उसे एनजेपी थाना जाने और आरोपी विकास के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी.
पीड़िता की मां ने ऐसा ही किया. 26 सितंबर को अपने परिजनों के साथ एनजेपी थाना पहुंची और एक लिखित शिकायत दर्ज कराई. उसकी शिकायत के आधार पर एजेपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आज उसे अदालत में पेश किया गया है. यहां से उसे जेल भेज दिया गया है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है.