आने वाले कुछ वर्षों में अगर आप सिलीगुड़ी से अपनी कार से कोलकाता जाने का प्रोग्राम बनाएं तो सिलीगुड़ी से कोलकाता जाने वाली ट्रेनों से भी कम समय में कोलकाता पहुंच सकते हैं. अगर आप सिलीगुड़ी में ब्रेकफास्ट करते हैं और लंच के समय कोलकाता पहुंच जाए तो कोई अचरज नहीं होगा.
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहता है तो यह पूरी तरह संभव है. यह संभव होगा 3200 करोड़ से अधिक लागत की दो राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क परियोजनाओं का काम पूरा होने के बाद, जिनका शिलान्यास व उद्घाटन प्रधानमंत्री ने कर दिया है.
सिलीगुड़ी से कोलकाता और कोलकाता से सिलीगुड़ी आवागमन के लिए रोजाना कई लग्जरी बसें चलती हैं. उत्तर बंगाल परिवहन निगम की भी बसें कोलकाता जाती हैं. आमतौर पर निजी बसें शाम के समय सिलीगुड़ी से खुलती हैं और सुबह 8:00 बजे तक कोलकाता पहुंच जाती हैं.
उत्तर 24 परगना जिले में NH-12 तक 17.5 किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क का शिलान्यास तथा नदिया जिले में NH-12 लगभग 66.7 किलोमीटर फोर लेन सड़क के उद्घाटन से सिलीगुड़ी से कोलकाता अथवा कोलकाता से सिलीगुड़ी परिवहन करने वाले यात्रियों की यात्रा के समय में कम से कम 2 से चार घंटे की कटौती हो सकती है.
सड़क मार्ग की यह परियोजना उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल को और अधिक निकट लाती है. इसका लाभ दोनों क्षेत्रों के लोगों के आर्थिक, सामाजिक और व्यापारिक विकास में मिलेगा. उत्तर बंगाल खासकर सिलीगुड़ी, तराई और Dooars पर्यटन क्षेत्र हैं. दार्जिलिंग, सिक्किम, नेपाल अथवा भूटान आदि घूमने के लिए बहुत से पर्यटक दक्षिणी बंगाल से यहां आते हैं.
पर्यटक मौसम में जब ट्रेन भी भीड़भाड़ चलती है और यात्रियों को टिकट नहीं मिलता है, तब बस के द्वारा ऐसे यात्री सिलीगुड़ी अथवा कोलकाता के बीच आवागमन कर सकते हैं. इन परियोजनाओं का काम पूरा होने के बाद सड़क यातायात सुगम व सुरक्षित हो जाएगी.
सिलीगुड़ी और कोलकाता के बीच व्यापारिक, मेडिकल, सामाजिक, पारिवारिक इत्यादि कारणों से भी लोगों का आवागमन होता है. उनके लिए यह काफी सुविधाजनक हो जाएगा. कोलकाता में डॉक्टर को दिखाना है तो सड़क मार्ग से कम समय में कोलकाता जा सकते हैं.
केवल सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों तक तेज परिवहन लिंक के साथ मल्टी ट्रैकिंग भी विकसित होगा. सड़क परिवहन ढांचा बेहतर होगा. इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. लोगों का सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा. नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जाने वाले लोगों को भी यात्रा में सुविधा होगी. अब उन्हें ट्रेन की कंफर्म सीट का इंतजार नहीं करना होगा.
इन दो राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास से यह कयास लगाया जा रहा है कि सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल और भारत का पूर्वी हिस्सा भी विकसित होगा और आर्थिक सुधार होगा. तेज व सुरक्षित परिवहन से औद्योगिक विकास में रफ्तार आती है.
न केवल परिवहन के क्षेत्र में ही बल्कि कृषि क्षेत्र में भी विकास होता है. विशेषज्ञों के अनुसार वाहन संचालन लागत तथा यात्रा के समय में कमी आने से लोग सड़क मार्ग से यात्रा करने में उत्साहित होते हैं. बनने वाली सड़क से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक विकास होगा.
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अपने निर्धारित समय पर यह सड़क विकास परियोजना मूर्त रूप ले लेगी.
