भौगोलिक रूप से सिलीगुड़ी को सपनों का शहर कहा जा सकता है. क्योंकि यह पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार है. यह शहर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है. दार्जिलिंग, सिक्किम, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश आदि का केंद्र बिंदु बन चुके सिलीगुड़ी शहर को सपनों का शहर बनाने की बात आपने कई बार सुनी होगी. अभी तक इस दिशा में कोई ठोस प्रयास होता नहीं दिख रहा है.
परंतु सिलीगुड़ी नगर निगम सूत्रों की माने तो बहुत जल्द योजना पर काम होने जा रहा है. इससे सिलीगुड़ी का लुक खिल उठेगा. साथ ही सिलीगुड़ी की हरियाली भी बढ़ेगी. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव पहले भी कह चुके हैं कि सिलीगुड़ी शहर को सपनों का शहर बनाया जाएगा.परंतु इसके लिए निगम के पास फंड की कमी है.
अब लगता है कि निगम ने सिलीगुड़ी के सौंदर्यीकरण के लिए फंड की व्यवस्था अपने आंतरिक संसाधनों से जुटा ली है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी में जल्द ही पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अभियान शुरू किया जाएगा. इसके अलावा सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में जितने भी पार्क हैं, उनका बरसो से कायाकल्प नहीं किया गया है. कई पार्क तो अपना मूल स्वरूप खोते जा रहे हैं. इन सभी पार्कों को चिन्हित कर लिया गया है और अब उनके कायाकल्प की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है. वर्तमान में सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में 32 पार्क हैं.
इन सभी पार्को का जीर्णोद्धार और कायाकल्प किया जाना है. इस समय सिलीगुड़ी नगर निगम सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न रास्तों और गलियों में एलईडी लाइट की व्यवस्था कर रही है. इसके लिए एएमसी का गठन किया गया है, जिसकी व्यवस्था देखेगी. जहां तक शहर में पेड़ लगाने की बात है, पहली बार सिलीगुड़ी नगर निगम ने एक योजना तैयार की है. इस योजना में निगम के सभी पार्षदों को जिम्मेवारी दी गई है. उन्हें फंड भी उपलब्ध कराया जाएगा.
निगम पार्षद यह सुनिश्चित करेंगे कि जो पेड़ लगाए जाएंगे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे. जो पार्षद अपनी जिम्मेवारी और कार्यों में अधिक पारंगत होगा, उसे परिवेश बांधव वार्ड पुरस्कार दिया जाएगा. इसी तरह से सिलीगुड़ी नगर निगम के जिस वार्ड में ज्यादा पेड़ बचेंगे, उस वार्ड को विशेष इंसेंटिव दिया जाएगा. सिलीगुड़ी नगर निगम के सभागार में मेयर परिषद के सदस्यों की बैठक के बाद नगर निगम के मेयर गौतम देव ने उक्त जानकारी साझा की है.
ऐसी जानकारी मिली है कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में दो पॉलीक्लिनिक बनाए जाएंगे. एक मातरी सदन के सामने और दूसरा 46 नंबर वार्ड में होगा. जहां तक इन सभी के लिए संसाधनों की बात है, तो सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम म्यूटेशन, संपत्ति कर आदि के माध्यम से फंड उपलब्ध कराएगी. अब तक संपत्ति कर ₹10 करोड़ निगम के पास जमा हो चुके हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम गेस्ट हाउस की संख्या बढ़ाकर भी फंड की व्यवस्था करेगी.
अगर राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम को इन सभी कार्यों के लिए तत्काल फंड उपलब्ध नहीं कराया तब भी सिलीगुड़ी नगर निगम अपने आंतरिक संसाधनों से उपरोक्त सभी कार्यों को पूरा करने में सफल रहेगी. इसकी उम्मीद की जा रही है. लेकिन सिलीगुड़ी की जनता का वही पुराना सवाल है, सिलीगुड़ी को सपनों का शहर बनाने की बात बरसों से सुनी जा रही है. क्या उसे पूरा भी किया जाएगा?