जैसे ही पुलिस के अधिकारी मकान के भीतर दाखिल हुए तो मकान में एक महिला साड़ी पहन कर बड़ा सा घूंघट निकाल कर बैठी थी. पुलिस अधिकारी ने पूछा, तुम कौन हो और अभिषेक कहां है? महिला ने घूंघट की ओट से ही जवाब दिया, मैं किसी अभिषेक को नहीं जानती. मेरे पति का नाम राजू है और मैं उसकी बीवी हूं. हमारी शादी के कुछ ही दिन हुए हैं. मेरा पति इस समय बाहर गया है.
पुलिस टीम चकरा रही थी. अगर यह घर अभिषेक उर्फ सम्राट का नहीं है तो फिर किसका घर है? कहीं पुलिस गलत पते पर तो नहीं पहुंच गई? लेकिन पुलिस के पास पुख्ता प्रमाण भी था. पुलिस के पास इस बात का पुख्ता सबूत था कि जिस मकान में उन्होंने दबिश दी थी, वह मकान अभिषेक उर्फ सम्राट का था. पिछले तीन दिनों से पुलिस अभिषेक उर्फ सम्राट के मकान को ढूंढ रही थी. वास्तव में बंगाल साइबर ब्रांच की पुलिस का अभिषेक उर्फ सम्राट मोस्ट वांटेड था.
बंगाल पुलिस अभिषेक को गिरफ्तार करने के लिए जून से ही खाक छान रही थी, जब साइबर पुलिस को पता चल गया कि अभिषेक उर्फ सम्राट ने ही एक रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करके उसके खाते से करोड़ों रुपए उड़ा लिए थे. यह मामला आसनसोल का है. आसनसोल निवासी रिटायर्ड चीफ इंजीनियर अमल मन्ना पिछले जून में अभिषेक उर्फ सम्राट के अपराध के शिकार हुए थे.
अभिषेक ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके उन्हें धमकाया और फिर उनके खाते से 3.86 करोड़ रुपए निकाल लिए. इतनी बड़ी रकम लुटे जाने के बाद अमल मन्ना साइबर पुलिस थाने पहुंचे और उन्होंने साइबर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था. आसनसोल साइबर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया.
टीम ने पूरी शिद्दत से मामले की जांच शुरू कर दी. अंततः साइबर टीम को अपराधी तक पहुंचने में सफलता. आसनसोल साइबर ब्रांच की टीम ने मोबाइल लोकेशन से अभिषेक उर्फ सम्राट का पता लगाया था, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शाहजहां का रहने वाला था.
पुलिस ने यह भी पता लगा लिया था कि ठगी गिरोह का अभिषेक उर्फ सम्राट ही मास्टरमाइंड था. उसने आसनसोल में एक रिटायर्ड चीफ इंजीनियर अमल मन्ना को डिजिटल अरेस्ट करके उनके खाते से 3.86 करोड रुपए उड़ा लिए थे. इसलिए पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए शाहजहांपुर पहुंची थी और स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसके मकान पर रेड डाला था.
मगर यहां तो मामला ही कुछ उल्टा हो गया. अभिषेक तो नहीं मिला लेकिन दुल्हन जरूर मिल गई. साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने महसूस किया कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है. इसलिए एक अधिकारी ने महिला की सच्चाई जानने के लिए उससे कुछ और बातें करनी शुरू कर दी. अधिकारी को महिला पर शंका होने लगी, तो उन्होंने महिला से घूंघट हटाने को कहा. लेकिन महिला ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. उल्टे उसने पुलिस वालों को उनके खिलाफ महिला से छेड़छाड़ का मामला और मुकदमा करने की धमकी दी.
तभी एक अधिकारी ने जबरन महिला का घूंघट हटा दिया और इसके बाद जो हुआ, उसे देखकर वहां पहुंचे टीम के अफसर सन्नाटे में आ गए! वास्तव में वह कोई महिला थी ही नहीं. महिला के गेट अप में साइबर ठग मास्टरमाइंड अभिषेक उर्फ सम्राट था. बंगाल पुलिस ने उसी दिन स्थानीय कोर्ट में अभिषेक उर्फ सम्राट को पेश करके उसे ट्रांजिट रिमांड पर लिया और आसनसोल लेकर लौटी है.
अभिषेक उर्फ सम्राट इस समय जेल की सलाखों के पीछे है. पुलिस अधिकारी दीपांकर देवनाथ ने बयान दिया है कि यह व्यक्ति शातिर ठग है और उसने बंगाल के कई निर्दोष लोगों को लूटा है. उन्होंने कहा कि यह वही व्यक्ति है जिसने अमल मन्ना नामक इंजीनियर से 3.86 करोड रुपए ठग लिए थे. अभिषेक के नेटवर्क के बारे में पता किया जा रहा है. पुलिस यह पता लगा रही है कि उसके गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल हैं. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि पुलिस अभिषेक से रुपए बरामद करने में सफल हुई या नहीं.
