अगर आप सिलीगुड़ी अथवा आसपास के क्षेत्र में रहते हैं या फिर बंगाल में किसी शहर में रहते हैं तो घर बैठे डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेने से पहले इस लेख को जरुर पढ़ लें. अन्यथा ऐसा ना हो कि डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेने के चक्कर में आपकी सारी जमा पूंजी एक झटके में ही खत्म हो जाए. यह बात इसलिए कही जा रही है कि आजकल साइबर ठगों ने मरीज को लूटने का एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. इसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि इस समय सिलीगुड़ी और बंगाल में साइबर ठगो का एक गिरोह सक्रिय हो गया है, जो मरीज को सुनियोजित और अनोखे तरीके से लूट रहा है. अब तक बंगाल में दो ताजा मामले सामने आ चुके हैं. एक मामले में साइबर अपराधियों ने मरीज के परिजन से 99999 की ठगी की, तो दूसरे मामले में 63999 रुपए एक अन्य मरीज के बैंक खाते से उड़ा चुके हैं. अब तक यह गिरोह पकड़ा नहीं जा सका है. यह घटना पश्चिम बंगाल के हेल्थ वर्ल्ड अस्पताल से जुड़ी है.
मीडिया खबरों के अनुसार पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के हीरब॔ध थाना क्षेत्र के चंपासोल गांव के निवासी एम पाइन ने अपने स्वास्थ्य जांच के लिए हेल्थ वर्ल्ड अस्पताल में चिकित्सक का अपॉइंटमेंट लेने के लिए गूगल में अस्पताल का नंबर ढूंढा. जब नंबर मिल गया तो उन्होंने उस नंबर पर फोन लगाया. सामने से एक व्यक्ति ने फोन रिसीव करते हुए उत्तर दिया और कहा कि डॉक्टर साहब से अपॉइंटमेंट लेने के लिए आपको एक एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा. इसके बाद उस व्यक्ति ने पाइन को लिंक भेज दिया और कहा कि एप्लीकेशन डाउनलोड करके सारा डिटेल्स भरकर उसे भेजें. इसके बाद डॉक्टर साहब से उनका अपॉइंटमेंट समय निर्धारित कर दिया जाएगा.
पाइन को लगा कि हो सकता है कि अस्पताल में डॉक्टर का ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने का यह तरीका हो. इसलिए उन्होंने एप्लीकेशन डाउनलोड करके सारा डिटेल्स भरकर भेज दिया. दूसरी ओर से कहा गया कि रजिस्ट्रेशन के लिए आप अपने मोबाइल से ₹10 भेजें.उन्होंने ऐसा ही कर दिया. यह घटना 21 अक्टूबर की है. उसी दिन उन्हें पता चला कि उनकी एसबीआई खतरा शाखा के अकाउंट से 99999 निकाल लिए गए हैं. इसकी शिकायत बांकुरा साइबर थाने में दर्ज कराई गई है. उनकी शिकायत के आधार पर साइबर थाना कांड संख्या 43/23 तारीख 28 अक्टूबर में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे 2 दिन पहले धेमोमेन निवासी एस सिंह के साथ भी यह हादसा हो चुका था.
उक्त अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ से अपॉइंटमेंट लेने के लिए आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के धेमोमेन इलाके के निवासी एस सिंह ने महिला रोग विशेषज्ञ से अपॉइंटमेंट लेने के लिए गूगल में सर्च करके फोन नंबर निकाला था. उन्होंने भी कुछ इसी तरीके से सामने वाले से बात की और सामने वाले ने पहले की तरह ही उन्हें एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा. श्री सिंह ने एप्लीकेशन डाउनलोड करके और सारा डिटेल्स भरकर भेज दिया. उनसे भी रजिस्ट्रेशन के नाम पर ₹10 मोबाइल से भेजने के लिए कहा गया. श्री सिंह ने ऐसा ही किया. इसके बाद उनके बैंक अकाउंट से 63999 निकाल लिए गए. इसकी प्राथमिकी आसनसोल साइबर थाने में दर्ज हुई है.
अक्टूबर महीने में और मात्र एक ही हफ्ते में एक पर एक घटी साइबर लूट की दो घटनाओं ने एक तरफ बांकुरा और आसनसोल इलाके में दहशत फैला दी है तो दूसरी ओर उत्तर बंगाल में भी सनसनी मच गई है. क्योंकि अब तक साइबर अपराधियों के द्वारा लोगों को लूटने के जो तरीके अपनाए जाते थे, वह परंपरागत ही होते थे. पहली बार साइबर अपराधियों ने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेने की आड़ में लूटने का जो षड्यंत्र रचा है, वह अनोखा ही कहा जा सकता है.
हम सभी को अपने जीवन में कभी ना कभी डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेने की आवश्यकता पड़ जाती है. ऐसे में अगर किसी जाने-माने डॉक्टर का फोन नंबर नहीं मिलता है तो हम गूगल से ही सर्च करते हैं. यह लेख आपको सावधान करने के लिए है कि गूगल में हर जानकारी विश्वसनीय नहीं होती है. खासकर फोन नंबर से संबंधित जानकारी. इसलिए आंख मुद कर इस पर भरोसा ना करें. सबसे अच्छी बात तो तब होगी जब स्वयं अस्पताल या डॉक्टर के क्लीनिक में जाकर अपॉइंटमेंट ले अथवा अपने मित्रों, शुभचिंतकों अथवा रिश्तेदारों से फोन नंबर लेकर अपॉइंटमेंट के लिए बात करें. इन सभी के बावजूद अगर फोन नंबर के जरिए अपॉइंटमेंट की सुविधा मिल जाती है तो अगर सामने वाले की ओर से एप्लीकेशन डाउनलोड करने या लिंक पर क्लिक करने जैसी कोई बात बताई जाती है तो समझ जाए कि आपके साथ धोखा होने वाला है.