सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में टूर ट्रैवल्स के छोटे-बड़े अनेक शॉप है. सिलीगुड़ी में तो अत्यधिक ऐसे शॉप देखे जा सकते हैं जो अपनी फर्जी वेबसाइट बनाकर दूरदराज के क्षेत्रों से सिक्किम और दार्जिलिंग घूमने के इच्छुक पर्यटकों को फर्जी टूर पैकेज का झांसा देकर उन्हें लूट लेते हैं. जब देश के एक कोने में बैठा कोई व्यक्ति हिल स्टेशन पर जाने का प्रोग्राम बनाता है, तो सर्वप्रथम वह उक्त इलाके में होटल बुक कराता है या फिर टूर पैकेज का आफर लेता है. बहुत से पर्यटक बेमतलब की भागदौड़ से बचने के लिए यही उचित समझते हैं कि किसी एजेंट को हायर किया जाए अथवा किसी टूर ट्रेवल्स एजेंसी का ऑफर कबूल किया जाए.
हालांकि गूगल हर मर्ज की दवा है. पर कभी-कभी कुछ शातिर किस्म के लोग गूगल में वह सब कुछ डाल देते हैं, जहां उनकी पहचान लुप्त हो जाती है और सब कुछ फर्जी हो जाता है. आकर्षक लुभावने तथा अपेक्षाकृत सस्ते टूर ऑफर को देखकर अनेक पर्यटक दिए गए नंबर पर फोन कर देते हैं. अगर उनका फोन सही जगह लगा तो वे भाग्यशाली साबित होंगे. लेकिन अगर उन्होंने गलत नंबर डायल कर लिया तो फिर उनका लूटना तय है. देश के विभिन्न भागों से सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग और सिक्किम आने वाले अनेक पर्यटक पिछले कुछ दिनों में धोखे के शिकार हो चुके हैं.
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अंतर्गत और जलपाईगुड़ी के विभिन्न थानों में पर्यटकों के साथ फर्जी टूर ट्रैवल्स की ठगी की दर्ज की गई कई घटनाओं की शिकायत से पता चलता है कि ऐसे शातिर लोगों ने पर्यटकों से लाखों रुपए होटल में रहने, घूमने-फिरने, टैक्सी आदि के मद में एडवांस में वसूल किया है और जब पर्यटक निर्धारित जगह पर पहुंचे तो उन्हें दिन में ही तारे नजर आने लगे. उनका होटल बुक ही नहीं हुआ था. जरा सोचिए उस पर्यटक पर क्या गुजर रही होगी जो अपने परिवार के साथ होटल में रहने और हिल स्टेशन पर घूमने आया होगा.
कुछ ही दिनों पहले दो लड़कियों ने किसी ट्रेवल एजेंसी से बात कर सिक्किम घूमने के लिए होटल बुक कराया था और एडवांस में एजेंसी को पैसे भी दिए. जब दोनों लड़कियां सिक्किम में निर्देशित होटल में ठहरने के लिए आई तो सच्चाई कुछ और ही थी. इन लड़कियों को पर्यटन ऑफर देने वाला एजेंट सिलीगुड़ी का ही था जो उनके रुपए लेकर चंपत हो गया. इसी तरह की एक घटना फालाकाटा पुलिस चौकी में दर्ज है. पीड़ित व्यक्ति से लाखों रुपए वसूल किए गए हैं. परंतु एजेंट के द्वारा उन्हें कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई. यहां तक कि उनके रहने का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया.
ताजा मामला मुंबई के रहने वाले अनिल नायक का है, जिन्होंने सिक्किम और दार्जिलिंग घूमने के लिए सिलीगुड़ी की एक टूर ट्रेवल्स एजेंसी का टूर पैकेज लेकर एडवांस में ₹32500 जमा किए थे. लेकिन जब वह परिवार के साथ यहां घूमने आए तो पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है. उक्त व्यक्ति ने सिलीगुड़ी की एक पर्यटन एजेंसी के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की है. अनिल नायक मुंबई में हैं और अपनी रकम वापस लेने के लिए ना तो सैकड़ों किलोमीटर दूर सिलीगुड़ी अथवा जलपाईगुड़ी आ सकते हैं और ना ही जलपाईगुड़ी थाने का चक्कर लगा सकते है.
देखा जाए तो ठग पर्यटकों की इसी मानसिकता का फायदा उठाते हैं. वह ऐसे लोगों को ही अपनी ठगी का शिकार बनाते हैं जो सिलीगुड़ी से सैकड़ों किलोमीटर दूर निवास करते हैं. पर्यटक घूमने फिरने का प्रोग्राम बना कर कुछ ही दिनों के लिए आते हैं. उनके पास समय नहीं होता कि ऐसे मामलों में दौड़ भाग कर सकें. कई पर्यटक तो दिल में मलाल लेकर और सब कुछ लुटा कर वापस चले जाते हैं. कुछ लोगों की गलती का नतीजा संपूर्ण टूर ट्रेवल्स एजेंसियों को उठाना पड़ता है. जो सही भी होते हैं,उन पर भी भरोसा नहीं होता. इसके साथ ही सवाल यह भी है कि इससे क्या पर्यटन उद्योग प्रभावित नहीं होता?
ना केवल पर्यटन उद्योग प्रभावित होता है, बल्कि शहर और स्थान की भी बदनामी होती है. हमारे देश में अतिथि देवो भव की संस्कृति और परंपरा रही है. अतिथियों का सत्कार करना ही हमारा संस्कार है. लेकिन जब अतिथियों का सत्कार करने के बजाए उन्हें लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ा जाए तो आप क्या कहेंगे!