February 11, 2025
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सिक्किम के STNM अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन से हुई एक महिला की मौत से उठे सवाल!

आजकल छोटे-छोटे अस्पतालों में भी लेप्रोस्कॉपिक शल्य प्रक्रिया से मरीज को रोगमुक्त करना आसान हो गया है. इस तरह का ऑपरेशन मामूली होता है, जहां रोगी को कोई खास दिक्कत नहीं होती. लेकिन इसी तरह का ऑपरेशन गंगटोक के एक बड़े सरकारी अस्पताल में हुआ, जहां ऑपरेशन के बाद रोगी की जान ही चली गई.

सिक्किम के सबसे बड़े अस्पताल STNM पर एक बार फिर से चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा है. इस अस्पताल में पिछले दिनों एक महिला की मौत हो गई. सिक्किम के दूर दराज के एक गांव से यहां लाई गई महिला को लेप्रोस्कॉपिक सर्जरी की जानी थी. 5 फरवरी को उसका ऑपरेशन हुआ भी. लेकिन महिला को बचाया नहीं जा सका. ऑपरेशन के कुछ ही घंटे बाद रात में ही उसकी मौत हो गई.

सिक्किम के इस बड़े सरकारी अस्पताल पर चिकित्सा में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल पर चिकित्सा में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं. मिली जानकारी के अनुसार गंगटोक के दूर दराज के गांव से एक महिला को गॉलब्लैडर का ऑपरेशन करने के लिए इस सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह घटना 3 फरवरी की है.

अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की केस हिस्ट्री का पता लगाया और प्राथमिक जांच के बाद ऑपरेशन करने की सलाह दी. 5 फरवरी को महिला का ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के द्वारा किया जाना था. महिला का पूरा परिवार अस्पताल में ही था. 5 फरवरी को ऑपरेशन से पहले डॉक्टर ने महिला की बेटी को बुलाया और कहा कि छोटा सा ऑपरेशन होगा. चिंता की कोई बात नहीं है. उसके बाद महिला को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के द्वारा उनके गॉलब्लैडर का ऑपरेशन कर दिया गया.

ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टरों ने महिला के परिजनों को आश्वासन दिया कि जल्द ही महिला को होश आ जाएगा. ऑपरेशन सफल रहा है.लेकिन रात में ही महिला की मौत हो गई. पीड़िता की बेटी ने आरोप लगाया है कि उनकी मां के ऑपरेशन में काफी लापरवाही बरती गई है. उसने कहा कि लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया में एक छोटा सा कट लगाया जाता है. लेकिन डॉक्टरों ने बड़ा सा ऑपरेशन कर दिया. जिससे काफी रक्तस्राव हो गया और उसकी मां की मौत हो गई.

सवाल यह है कि लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन, जो सर्जरी का एक सूक्ष्म रूप माना जाता है, जोखिम रहित भी होता है. इस प्रक्रिया में केवल छोटे चीरे की आवश्यकता होती है. ऑपरेशन के बाद रोगी तेजी से रिकवर होता है और दर्द भी कम होता है. जब इस तरह के छोटे ऑपरेशन में रोगी की मौत हो जाए तो सिक्किम के सबसे बड़े अस्पताल पर चिकित्सा को लेकर सवाल तो उठेंगे ही. क्या यह माना जाए कि सिक्किम में चिकित्सा की व्यवस्था अच्छी नहीं है. क्या सिक्किम सरकार ने राज्य में चिकित्सा व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया है? इस तरह के कई सवाल सुर्खियों में है.

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