साउथ सिक्किम के मामरिंग इलाके में एक चार मंज़िला इमारत से उठी दुर्गंध ने पूरे इलाके को हिला दिया। 31 अगस्त को एक तीस वर्षीय महिला का शव इलाके से मिलने के बाद पुरे सिक्किम में ही सनसनी फैली हुई थी, कई सवाल उठ रहे थे की क्या महिला ने खुद की जान ली है या फिर उनकी हत्या की गई है. आज नाम्ची जिला पुलिस के SSP कर्मा ग्यात्सो भूटिया ने एक प्रेस ब्रीफिंग में केस से जुड़े सभी रहस्यों से पर्दा उठा दिया है , उन्होंने बताया की 31 अगस्त को आस-पड़ोस के लोगों द्वारा बदबू की कंप्लेंट के बाद उस ईमारत के एक कमरे का ताला खोला गया तो अंदर 30 वर्षीय महिला सीता छेत्री का शव सड़ी-गली हालत में मिला था । पुलिस ने अपनी तफ्तीश में पाया की सीता, जो सोरेंग ज़िले के गेलिंग की रहने वाली थीं, मामरिंग में एक छोटा रेस्टोरेंट चलाती थीं और फैक्ट्री मज़दूरों को खाना खिलाती थीं। पुलिस ने शुरुआत में शव की कलाई पर पाए गए धारदार हथियार के निशानों और टूटी हुई ब्लेड के आधार पर शक जताया था कि इसे आत्महत्या जैसा दिखाने की कोशिश की गई है। लेकिन जांच में संदेह होने पर पुलिस ने इसे “अस्वाभाविक मृत्यु” मानते हुए केस दर्ज किया।
अब जांच में तब मोड़ आया जब एक ड्राइवर अंबर बहादुर छेत्री ने पुलिस को बताया कि 29 अगस्त को सीता ने उससे गाड़ी बुक कराई थी और उसके साथ उनका एक्स बॉयफ्रेंड भी था। दोनों मामरिंग ब्रिज तक पहुंचे और अचानक सफ़र रद्द कर लौट आए। ये जानकारी मिलने के बाद पुलिस का शक गहराया और डिजिटल फुटप्रिंट्स खंगालने पर पता चला कि सीता 29 अगस्त को दोपहर 1 से 2 बजे तक जीवित थीं और उसी दौरान उनकी हत्या हुई है । लोकेशन यह भी दिखा रहा था कि सीता और उनके एक्स बॉयफ्रेंड का फ़ोन दोनों सिलीगुड़ी में मौजूद थे। नामची पुलिस ने तेजी दिखाते हुए सिलीगुड़ी में माटीगाड़ा पुलिस से संपर्क किया और आरोपी को तब पकड़ा जब वह कोलकाता भागने की तैयारी कर रहा था। उसने 8 बजे की बस की टिकट ले रखी थी लेकिन पुलिस ने उसे शाम 7 बजे ही दबोच लिया। आरोपी की पहचान 29 वर्षीय सांगे दोरजे शेरपा के रूप में हुई है जो सोमबरेया का निवासी बताया गया है। नाम्ची जिला SSP ने बतया की पहले तो उसने हत्या से साफ़ इंकार किया लेकिन जब पुलिस ने सबूतों का सामना कराया तो उसने अपना गुनाह कबूल लिया। आरोपी ने बताया कि वह और सीता करीब 2-3 साल पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के दौरान मिले थे और तब से उनका रिश्ता चला आ रहा था। लेकिन पैसों के झगड़े और आपसी तनाव ने हालात बिगाड़ दिए। 15 अगस्त से दोनों साथ रह रहे थे और लगातार झगड़े हो रहे थे। आरोपी ने स्वीकार किया कि झगड़े के दौरान उसने गुस्से में सीता की हत्या कर दी। जांच में यह भी सामने आया कि सीता का रेस्टोरेंट और उनका रहने का स्थान अलग था, लेकिन शव पास के कमरे से मिला। क्योंकि उनके कमरे में अटैच बाथरूम नहीं था, वह दूसरे कमरे के पीछे बने वॉशरूम का इस्तेमाल करती थीं। हत्या वहीं हुई है । जब सवाल उठे कि इतनी आबादी वाले इलाके में दिनदहाड़े कत्ल का शोर किसी ने क्यों नहीं सुना, तो SSP कर्मा ग्यात्सो भूटिया ने कहा कि इलाके में दिन में ज़्यादातर लोग काम पर रहते हैं, इसलिए वहां सन्नाटा रहता है।
नामची पुलिस का कहना है कि सीता छेत्री की हत्या कोई योजनाबद्ध साज़िश नहीं थी, बल्कि अचानक हुए झगड़े का खौफनाक अंजाम है। यह घटना न सिर्फ सिक्किम बल्कि पूरे क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा और संबंधों में बढ़ती हिंसा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक महिला, जो मेहनत करके अपनी रोज़ी-रोटी चला रही थी, आखिर क्यों अपने ही पुराने साथी के हाथों मौत का शिकार बन गई? क्या यह समाज में रिश्तों में टूटते भरोसे और बढ़ते आर्थिक दबाव की झलक नहीं है? एसएसपी कर्मा ज्ञातसो भूटिया ने साफ़ किया कि पुलिस हर कोण से जांच कर रही है और आरोपी के खिलाफ मज़बूत चार्जशीट तैयार की जाएगी। ये घटना समाज को एक चेतावनी भी हैं कि घरेलू विवाद और गुस्से पर काबू न पाने की प्रवृत्ति किस तरह जानलेवा साबित हो सकती है। अब पूरी नज़र अदालत की कार्यवाही पर है, जहाँ न्याय की उम्मीद सीता छेत्री के परिवार और सिक्किम के लोग कर रहे हैं।