सिटी ऑटो Drivers यूनियन के द्वारा सिलीगुड़ी में अनिश्चितकाल के लिए सिटी ऑटो नहीं चलाने का फैसला किया गया है. सिटी ऑटो नहीं चलने से यात्रियों को परेशानी तो हो ही रही है, लेकिन टोटो चालक चांदी काट रहे हैं. सिलीगुड़ी की विभिन्न सड़कों पर दौड़ने वाले टोटो चालक भर भर कर सवारियां उठा रहे हैं और खूब कमाई कर रहे हैं. जानकारी मिली है कि कई टोटो चालक यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल कर रहे हैं. यात्रियों की मजबूरी है. उन्हें गंतव्य स्थल तक जाने के लिए एकमात्र टोटो ही विकल्प रह गया है.
मिली जानकारी के अनुसार हाशमी चौक से विशाल सिनेमा हॉल तक प्रति यात्री टोटो का किराया ₹10 है. लेकिन कई टोटो चालकों ने हाशमी चौक से विशाल सिनेमा हॉल तक का किराया प्रति यात्री 20-20 रुपया वसूल किया. इसी तरह से एनजेपी रेलवे स्टेशन, सिलीगुड़ी जंक्शन, बस स्टैंड आदि जगहों पर पहुंचने के लिए यात्रियों को मनमाना किराया चुकाना पड़ा. सिटी ऑटो नहीं चलने से यात्री काफी मजबूर नजर आए. दूर दराज से आने वाले यात्रियों को सिटी ऑटो नहीं मिलने से टोटो चालकों को मनमाना किराया देना पड़ा.
पूजा से पहले सिटी ऑटो चालकों की हड़ताल और प्रशासन की उपेक्षा उनकी पारिवारिक जिंदगी को असंतुलित कर सकती है. बहुत से सिटी ऑटो चालक आटो का हर महीने एम आई भरते हैं. इसके अलावा उन्हें परिवार का खर्च भी आटो चला कर उठाना पड़ता है. आटो नहीं चलने से ना तो वे अपने परिवार का खर्चा उठा पाएंगे और ना ही ऑटो का लोन समय पर भर पाएंगे. ऑटो चालकों की शिकायत है कि ट्रैफिक पुलिस उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उनका आरोप है कि बिना जानकारी के ही ट्रैफिक पुलिस उनके ऑटो का फोटो खींचकर चालान कर देती है. इसका पता उन्हें बाद में चलता है कि ऑटो पर केस हो चुका है.
सिटी ऑटो चालकों की मांग है कि उनके साथ कठोर व्यवहार करने वाले ट्रैफिक पुलिस अधिकारी को हटाया जाए. उन्हें हटाए जाने तक वे आटो नहीं चलाएंगे. उन्होंने हाशमी चौक ट्रैफिक गार्ड के एक प्रभारी पर यह सीधा आरोप लगाया है. शुक्रवार से ऑटो चालकों की शुरू हुई हड़ताल आज भी जारी रही. इससे उन यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा, जो रोजाना लंबी दूरी की यात्रा करते हैं. उन्हें टोटो से जाने के लिए अतिरिक्त किराया चुकाना पड़ा. सिटी ऑटो चालको ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे भारी आंदोलन करेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिटी ऑटो चालक ड्राइवर यूनियन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे के दौरान उनसे मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं. आटो चालकों का कहना है कि उन्होंने अपनी शिकायत को लेकर पहले ही डीएम, एसडीओ और पुलिस कमिश्नर समेत कई प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दे दी है. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.आटो चालकों की विभिन्न मांगों में एक बड़ी मांग यह भी है कि सिलीगुड़ी शहर में लगभग 25000 नंबर वाले टोटो चल रहे हैं जो किसी रूट संबंधी नियमों और निर्देशों का पालन नहीं करते. जबकि ऑटो चालक निश्चित रूट का उल्लंघन करें तो उन्हें तुरंत फाइन कर दिया जाता है. यह बंद होना चाहिए.
बहरहाल सिलिगुड़ी शहर में सिटी ऑटो नहीं चलने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अब देखना होगा कि सिटी ऑटो चालकों की हड़ताल कब तक जारी रहती है और प्रशासन उनकी हड़ताल वापस लेने के लिए कौन सा रास्ता निकालता है. सिलीगुड़ी नगर निगम, प्रशासन और संबंधित विभाग को यात्रियों की परेशानी को समझते हुए फौरन कदम उठाने की जरूरत है. सिटी ऑटो चालकों की उचित मांग को मानने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने और भविष्य में व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने पर जोर देने की आवश्यकता है. सिटी ऑटो चालकों के संगठन को भी समझना चाहिए कि ऑटो नहीं चलाएंगे तो उनकी रोजी-रोटी कैसे चलेगी.