July 26, 2025
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सितंबर में लगेंगे 2 ग्रहण! कौन-सी बड़ी आफत आएगी?

आमतौर पर ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है. और जब बात एक महीने में नहीं, मात्र 15 दिनों में दो-दो ग्रहण लगने जा रहे हों तो समझा जा सकता है कि यह कितना अशुभ हो सकता है. बृहद संहिता में कहा गया है कि जब एक महीने में दो-दो ग्रहण लगने जा रहे हों, तो इसके फल स्वरुप, बहुत बड़ी सुनामी, भूकंप, तूफान प्राकृतिक आपदा या कोई बड़ी जनहानि हो सकती है…

दो प्रकार के ग्रहण होते हैं, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण. ग्रहण लगना एक खगोलीय घटना है.लेकिन ज्योतिष शास्त्र में किसी भी ग्रहण का खास महत्व रहता है. चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, हर ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र के नजरिये से देखा जाता है और ग्रहण लगने के समय, स्थान, अवधि आदि के आधार पर उसका फलाफल निकाला जाता है.

चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, हर ग्रहण के समय लोगों में एक जिज्ञासा और हलचल देखी जाती है. ग्रहण तो आगे भी लगे हैं. लेकिन सितंबर महीने में दो-दो ग्रहण लगने जा रहे हैं. एक सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण. ऐसा अनेक वर्षों के बाद यह संयोग आया है. यही कारण है कि सितंबर महीने में लगने वाल सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को लेकर अभी से ही ज्योतिषाचार्य और शास्त्री फलाफल निकालने में जुट गए हैं.

ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण लगना तथा ग्रहण का प्रभाव आमतौर पर अशुभ होता है. एक ग्रहण से जब लोग इतना डर जाते हैं या फिर ग्रहण को लेकर लोगों में व्यापक प्रचार तथा भय उत्पन्न किया जाता है, तो इसी बात से समझा जा सकता है कि सितंबर महीने में सिर्फ 15 दिनों में ही दो-दो ग्रहण लगने जा रहे हैं. ऐसे में सितंबर महीने को लेकर अभी से ही हलचल शुरू हो गई है.

क्या होगा सितंबर महीने में? कयास लगाए जा रहे हैं. क्या पृथ्वी पर कोई बड़ा जलजला आने वाला है? या फिर कोई बड़ी त्रासदी होने वाली है या भूकंप आएगा? लोग अपने-अपने मत के अनुसार विचार कर रहे हैं. 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण और एक ही पखवाड़े में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. इसलिए लोगों को लगता है कि कहीं ना कहीं पृथ्वी पर कुछ बड़ा उलटफेर हो सकता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक महीने में दो-दो ग्रहण लगना कई बार बड़ी आफत को न्योता देता है. ज्योतिष शास्त्र में इसका विस्तार से उल्लेख किया गया है. यही कारण है कि लोग आशंकित हैं. हालांकि किसी को पता नहीं है कि वह बड़ी घटना क्या हो सकती है. 7 सितंबर को इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है.यह भारत में दिखाई देगा. उस दिन भादो मास की पूर्णिमा है. रात 9:57 मिनट का चंद्र ग्रहण लगेगा और रात्रि 11:41 पर इसका समापन हो जाएगा.

सूर्य ग्रहण के बारे में कहा गया है कि यह 21 सितंबर को लगेगा. उस दिन पितृ अमावस्या है. लेकिन ज्योतिषियों का मानना है कि 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ऐसे में सूर्य ग्रहण का कोई दोष शायद नहीं होगा. जबकि चंद्र ग्रहण को लेकर अभी कयास और अटकलें लगाई जा रही है. पंडितों ने बताया कि यह खंड ग्रहण होगा यानी इसका प्रभाव संपूर्ण पृथ्वी पर नहीं पड़ेगा.

सूर्य ग्रहण ग्रहण का असर न्यूजीलैंड, मलेशिया, दक्षिण पोलिनेशिया, पश्चिमी अंटार्कटिका आदि भू भागों में देखा जा सकता है. भारत में दिखाई नहीं देने से जानकार मान रहे हैं कि इसका असर यहां नहीं होगा. जबकि चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों में भ्रम देखा जा रहा है. हालांकि अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है इसलिए एक महीने में होने वाले दो-दो ग्रहण को लेकर लोगों में आशंका और भय व्याप्त होता जा रहा है.

इसका कारण भी है. बराहमिहिर द्वारा रचित वृहद संहिता में लिखा गया है कि जब एक महीने में दो-दो ग्रहण होते हो तो ऐसी स्थिति में भूकंप, सुनामी, तूफान या कोई बड़ी जनहानि हो सकती है. राजनीतिक दृष्टिकोण से भी सितंबर महीना हलचल भरा हो सकता है. या तो दो देशों के बीच तनाव या युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है या फिर प्राकृतिक आपदा का लोग शिकार हो सकते हैं और हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. बहरहाल देखना होगा कि सितंबर महीने में लगने वाले वाले दो दो ग्रहण का फलाफल क्या सामने आता है!

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