केंद्रीय परिवहन सड़क राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ऐसे ऐसे राजमार्गों का निर्माण कर रहे हैं जिससे भारत के विभिन्न शहरों की दूरी घटने वाली है. उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों को पूर्व में भी काफी तोहफा दिया है. सिलीगुड़ी और बिहार को भी उन्होंने एक बड़ा तोहफा दिया है. जिस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है वह गोरखपुर से लेकर सिलीगुड़ी के बीच होगा. यह पूरी तरह ग्रीन होगा और आबादी से दूर होगा. बहुत जल्द इसका निर्माण शुरू होने वाला है. आप समझ सकते हैं कि इससे सिलीगुड़ी का कितना विकास होने वाला है.
सिलीगुड़ी, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, असम और पूर्वोत्तर राज्यों की दूरी घटने जा रही है. सिलीगुड़ी से शताब्दी से भी कम समय में आप बिहार और उत्तर प्रदेश की यात्राएं बस से कर सकेंगे. जिस एक्सप्रेस वे का निर्माण होना है, वह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा. जिस पर वाहन नॉनस्टॉप चलेंगे. चारों तरफ हरियाली से युक्त यह एक्सप्रेसवे होगा. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है. बहुत जल्द इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
अगर आपको सिलीगुड़ी से गोरखपुर जाना है तो ट्रेन से कम से कम 14 घंटे लगेंगे. जबकि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे से महज 8-9 घंटे में आप गोरखपुर पहुंच जाएंगे. अगर आपको सिलीगुड़ी से दिल्ली जाना है तो गोरखपुर से ट्रेन अथवा बस के द्वारा बड़ी आसानी से और बहुत ही कम समय में दिल्ली पहुंच सकते हैं. इसी तरह से अगर कोई दिल्ली से असम जाना चाहता है तो इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर से 8 9 घंटे में सिलीगुड़ी पहुंच सकता है और फिर सिलीगुड़ी से असम की यात्रा. कहने का मतलब यह है कि एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से समय की काफी बचत हो जाएगी.
जानकार मानते हैं कि केवल समय की ही बचत नहीं होगी बल्कि यह एक्सप्रेसवे जिन जिन जिलों से होकर गुजरेगा, वहां विकास काफी होगा. नए शहर बसेंगे. बिहार को तो सबसे ज्यादा लाभ मिलने वाला है. क्योंकि यह बिहार में आठ जिलों से होकर गुजरेगा. इनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी ,मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले शामिल हैं.
सिलीगुड़ी से लेकर गोरखपुर के बीच हाईवे के बनने से अर्थव्यवस्था, उद्योग और पर्यटन को काफी लाभ होगा. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में पर्यटन का विस्तार हो रहा है. हाईवे के बन जाने से यहां ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आएंगे. जिससे यहां की अर्थव्यवस्था में मजबूती मिलेगी. स्थानीय लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर मिलेंगे.
गोरखपुर से लेकर सिलीगुड़ी तक राजमार्ग की लंबाई 568 किलोमीटर है. इनमें से 417 किलोमीटर सड़क बिहार में बनेगी. इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बारे में कहा जा रहा है कि यह एक ऐतिहासिक परिवहन नेटवर्क होगा. केंद्र सरकार इसके निर्माण पर लगभग 39000 करोड रुपए खर्च करने जा रही है.
एक्सप्रेस वे के बन जाने से सिलीगुड़ी, बिहार और गोरखपुर के बीच व्यापारिक कार्यों को बढ़ावा मिलने वाला है. उनके बीच सीधा संपर्क बहाल होगा. विशेषज्ञों की माने तो एक्सप्रेसवे के बनने से पूर्वी भारत का भी विकास होने वाला है. सिलीगुड़ी के सीमावर्ती जिलों की आर्थिक उन्नति की रफ्तार बढ़ने वाली है. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास की नई धारा बहेगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि राजमार्ग पर वाहनों की रफ्तार कम से कम 120 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. क्योंकि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे शहर की आबादी से दूर से गुजरेगी. इसलिए इस पर ट्रैफिक की कोई समस्या नहीं होगी. अब देखना होगा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कब शुरू होता है. सिलीगुड़ी के लोग बड़ी बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब उन्हें यह खुशी की खबर सुनने को मिलेगी.