पूर्वोत्तर राज्यों के विकास को प्राथमिकता देने वाली केंद्र की मोदी सरकार चिकन नेक के विकास के जरिए चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर रही है. जैसा कि आपको पता है कि चीन की नजर चिकन नेक पर गड़ी है. चिकन नेक कहा जाने वाला सिलीगुड़ी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. पिछली कुछ योजनाओं की बात करें तो सेवक रंगपो रेल परियोजना, पूर्वोत्तर में रेल विकास परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना इत्यादि के जरिए चिकन नेक का विकास करके पूर्वोत्तर राज्यों को मजबूती प्रदान की जा रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 717A व 717B का निर्माण सरकार की दूरगामी नीति और चीन को करारा जवाब माना जा रहा है.
जिस नए राष्ट्रीय राजमार्ग की चर्चा इस समय हो रही है,उसका निर्माण अंतिम चरण में है. पूरी तरह बन जाने पर यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 717A एक तरफ जहां सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा तो दूसरी ओर इस रास्ते से भारतीय सेना चीन की सीमा तक आसानी से पहुंच कर जरूरत पड़ने पर चीन को करारा जवाब दे सकती है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग बगराकोट से शुरू होता है और सिक्किम तक जाता है. भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 717 A जलपाईगुड़ी और कालिमपोंग जिलो से होते हुए सिक्किम के पैकयोंग तथा गंगटोक तक जाता है.
बगराकोट नाथूला राष्ट्रीय राजमार्ग की चर्चा इसलिए हो रही है कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण पूरी मजबूती के साथ हो रहा है. देश में अपनी तरह के पहले मल्टीपल लूप और वायाडक्ट वाले इस राष्ट्रीय राजमार्ग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 से नए राष्ट्रीय राजमार्ग 717 होकर थोड़ा आगे जाने पर ही ऐसे 7 वायाडक्ट तथा कई मल्टीपल लूप नजर आएंगे जो आकर्षण का केंद्र होंगे. नाथुला तक निर्माणाधीन नया राष्ट्रीय राजमार्ग एक ऐसा मार्ग होने जा रहा है, जो पर्यटन ,रक्षा और विकास के बिंदु पर एक नई इबारत लिखेगा. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2024 में यह राष्ट्रीय राजमार्ग प्रारंभ हो सकता है.
सूत्रों ने दावा किया कि कदाचित भारत में पहली बार सड़क निर्माण के लिए एक उच्च स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.यह वायाडक्ट तथा लूप इस प्रकार बनाए गए हैं कि 13 किलोमीटर पहाड़ी सड़क पर चढ़ने के बाद भी 1 किलोमीटर के अंतर्गत रहने वाले वाहनों को स्पष्ट रूप से आप देख सकेंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग 717 A की कुल लंबाई 140 किलोमीटर बताई जा रही है. उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 717 B उत्तर सिक्किम में रेनक से मेलना तक जाएगी. मेनला से ही यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 से जुड़कर नाथुला पहुंचेगी.
आपको बताते चलें कि 2017 में भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में नाथुला तक एक नई वैकल्पिक सड़क बनाने की आवश्यकता काफी महत्वपूर्ण हो गई थी. सड़क निर्माण में 4000 करोड़ रुपए निवेश हुए हैं. जानकार बता रहे हैं कि यह सड़क यातायात के लिए आरंभ होने पर भारतीय जवानों को कम समय में नाथूला तक जाने में सुविधा होगी.717A और 717B राजमार्ग का निर्माण द्रुतगति से जारी है.
अभी आप नाथूला जाते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 से रानीपुल होते हुए जाते हैं. इस तरह की अवस्था मानसून के समय काफी खराब हो जाती है. बरसात के दिनों में यह सड़क आमतौर पर भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की भेंट चढ़ जाती है. ऐसे में आवागमन अवरूद्ध हो जाता है. ना केवल सिक्किम के लोगों को ही काफी परेशानी उठानी पड़ती है, बल्कि सेना और पर्यटकों की जान जोखिम में पड़ जाती है. भारतीय सेना को सड़क को आवागमन के लायक बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है.
इस तरह से देखा जाए तो पर्यटन, सुरक्षा, सेना और प्राकृतिक पर्यावरण के दृष्टिकोण से बन रहे वैकल्पिक मार्ग के चालू हो जाने से ना केवल पश्चिम बंगाल बल्कि सिक्किम के विकास की नई गाथा तैयार होगी तो दूसरी ओर चीन से भारत की सुरक्षा और सेना की तैनाती को भी एक नया आयाम मिलेगा.