अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि ग्लोबल वार्मिंग भारत में खतरनाक असर दिखा रही है. इसका सीधा असर मौसम पर पड़ रहा है और मौसम कब बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. यह माना जाता है कि मई महीने में पहाड़ों में बर्फबारी नहीं होती है. परंतु कल दार्जिलिंग के संदकफू में भारी बर्फबारी हुई थी. इस बात का स्पष्ट संकेत और चेतावनी भी है कि हिमालय क्षेत्र में मौसम तेजी से बदल रहा है. संदकफू जो सबसे ऊंचा स्थान है, वहां बर्फबारी होना बहुत कुछ कहता है. इसलिए आगे भी अगर ऐसी ही मौसम की मनमानी जारी रही तो कोई आश्चर्य नहीं होगा!
आमतौर पर मौसम के बारे में भविष्यवाणी मौसम विभाग करता है. यह अनुमान पर आधारित होता है और सिस्टम तथा डेटा में प्राप्त आंकडो के आधार पर उसका विश्लेषण किया जाता है. कई बार मौसम वैज्ञानिक सटीक विश्लेषण नहीं कर पाते हैं या फिर सिस्टम सही तरीके से फलित नहीं होता है. ऐसे में मौसम विभाग की भविष्यवाणी अक्सर फेल हो जाती है.
आपने देखा होगा कि कई बार मौसम विभाग के द्वारा आंधी तूफान बारिश आदि के बारे में पूर्व चेतावनी दी जाती है. लेकिन ऐसा होता नहीं है और जब होता है तो मौसम विभाग की पूर्व निर्धारित तिथि और समय भी फेल हो जाता है. वास्तव में प्रकृति के आगे सारे सिस्टम फेल हैं. प्रकृति से बड़ा वैज्ञानिक यंत्र नहीं है.
मौसम के बारे में सटीक सूचना उपलब्ध कराने के लिए तकनीकी स्तर पर मौसम विभाग को जरूर मजबूत किया जा रहा है और इसी का परिणाम है कि पहले की तुलना में मौसम विभाग की भविष्यवाणी अधिकतर सत्य साबित हो रही है. लेकिन इसके बावजूद यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि मौसम कब बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. बंगाल और खासकर सिलीगुड़ी का मौसम कुछ ऐसा ही है.
आज मौसम विभाग की ओर से पूर्वानुमान जारी किया गया था कि दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कालिमपोंग में तेज आंधी और पानी का सामना लोगों को करना पड़ सकता है. मौसम विभाग की ओर से यह भी चेतावनी जारी की गई थी कि लोग पेड़ो के पास ना जाए. घर से बाहर न निकले. लेकिन कम से कम सिलीगुड़ी में ऐसा नहीं था और मौसम का यह कहा आज सुबह दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में देखा गया
सिलीगुड़ी में आज दिन में लोगों को भीषण गर्मी और तेज धूप का सामना करना पड़ा. नौका घाट निवासी मोहन ने बताया कि आज अब तक का सबसे गर्म और झूलसाने वाला दिन रहा. उन्होंने बताया कि वर्धमान रोड, झंकार मोड और हावड़ा पैट्रोल पंप पर उन्हें कुछ काम था. वे जलपाई मोड़ से पैदल ही वर्धमान रोड की ओर निकल पड़े. झंकार मोड पहुंचते पहुंचते उनका बुरा हाल हो गया. प्यास से गला सूखने लगा. जबकि सर में दर्द हो गया. उन्होंने बताया कि इतनी तेज गर्मी और तीखी धूप का सामना उन्होंने अब तक नहीं किया था. जबकि मौसम विभाग की ओर से आज उत्तर बंगाल के तीन जिलों में बारिश और आंधी तूफान की चेतावनी जारी की गई थी.
हो सकता है कि सिलीगुड़ी में शाम अथवा रात तक बारिश हो अथवा आंधी तूफान का सामना लोगों को करना पड़े. परंतु दोपहर तक तो स्थिति काफी खतरनाक थी. आज मौसम का कहर दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में देखने को मिला, जहां तेज आंधी और बारिश में कई पेड उखड़ गए और चार लोगों की मृत्यु का भी समाचार है. जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं.
सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में बारिश और तूफान की जहां तक बात है, तो उसके बारे में मौसम विभाग पूरी तरह आश्वस्त है कि यहां बारिश और आंधी आ सकती है. परंतु कब, यह कहना मुश्किल है.
वास्तव में भारत में ग्लोबल वार्मिंग का तेजी से असर पड़ता है. जिसके कारण प्रकृति और मौसम विज्ञान पर भी भारी पड़ने लगा है. यही कारण है कि कभी-कभी मौसम विभाग की भविष्यवाणी फेल हो जाती है. जबकि मौसम अचानक से बदल जाता है. आज दोपहर के समय अचानक आसमान में बादल छा जाने से लोगों को तीखी धूप और गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली थी. अब देखना होगा की रात में मौसम क्या अंगड़ाई लेता है.