सिलीगुड़ी शहर में अतिक्रमण का हाल यह है कि यहां सड़क, दुकान, मकान, गली ,चौराहे की बात कौन करे, यहां तक कि सिलीगुड़ी जिला अस्पताल समेत शहर के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है. विभिन्न अवसरों पर अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए सिलीगुडी मेट्रोपॉलिटन पुलिस और ट्रैफिक विभाग के द्वारा समय-समय पर प्रयास किया जाता रहा है. परंतु कुछ दिनों के बाद यह देखा जाता है कि अतिक्रमणकारी फिर से दुकान लगाने लग जाते हैं. इससे शहर की छवि खराब होती है.
इसके साथ ही कुछ महत्वपूर्ण संस्थान खासकर अस्पताल और सार्वजनिक सेवा संस्थानों में लोगों की आवाजाही में बाधा आती है. जबकि सिलीगुड़ी जिला अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में रोगियों तथा उनके परिजनों की आवाजाही में भी समस्या उत्पन्न होने लगती है. कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि इमरजेंसी काल में रोगी को अस्पताल पहुंचाने में काफी विलंब हो जाता है. ऐसे में रोगी के जीवन का खतरा बढ़ जाता है. परिजनों को तो परेशानी होती ही है.
चाहे अस्पताल हो या राशन की दुकान, चाय की दुकान, पान की दुकान, सिलीगुड़ी में सब जगह सड़क पर छोटे-मोटे दुकान लगाने वाले मिल जाते हैं.कई लोग तो सड़क पर ही बर्तन साफ करने से लेकर छोटे-मोटे अनेक धंधे भी करने लगते हैं. जिसके कारण सभी को परेशानी होती है. सिलीगुड़ी में यह समस्या बरसों से है. जिसको दूर करने के लिए कभी ठोस प्रयास नहीं किया गया. जब पानी सर से ऊपर चढ़ जाता है तब,सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस और सिलीगुड़ी नगर निगम बहुत हुआ तो कुछ दिनों का अभियान चलाकर शांत पड़ जाते हैं. अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वे फिर से दुकान लगाने लग जाते हैं. ऐसे में अतिक्रमण मुक्त सिलीगुड़ी शहर की बात करना बेमानी सिद्ध होगा.
अब एक बार फिर से सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की बात कर रहे हैं. वे खासकर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जैसे जिला अस्पताल और दूसरे अस्पतालों के परिसर में अतिक्रमण के बिंदु पर नाराज हैं और कहा है कि ऐसे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए वे जरूरत होने पर सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट अथवा सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की मदद लेंगे.
सिलीगुड़ी नगर निगम के इतिहास से पता चलता है कि हर बार निगम की ओर से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्यवाही की बात की जाती है. परंतु वास्तव में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं करती. इसका परिणाम यह होता है कि कुछ दिनों के बाद फिर से अतिक्रमण की घटनाएं सामने आ जाती हैं.
जानकार प्रश्न उठा रहे हैं कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कर रहे हैं. परंतु यह किस हद तक होगा, यह स्पष्ट नहीं हो सका है. सिलीगुड़ी के लोग आशंका कर रहे हैं कि सिलीगुड़ी नगर निगम अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई के क्रम में अपना पुराना इतिहास नहीं दोहरा पाएगा, इसकी क्या गारंटी है. अगर निगम को ठोस प्रयास करना है, शहर में अतिक्रमण को समाप्त करना है, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करना है तो पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश मेयर को देने होंगे. अन्यथा हर बार की तरह पुलिस की कार्रवाई से कुछ दिनों के लिए अतिक्रमण की घटनाएं रुक तो सकती हैं, परंतु स्थाई रूप से इसका कोई समाधान नहीं हो सकता.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर स्वयं रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष भी हैं, ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए कि सिलीगुड़ी जिला अस्पताल को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में आने वाले समय में वे ठोस कदम उठा सकते हैं और शहर की पुलिस को निर्देश दे सकते हैं.