सिलीगुड़ी के पब व बार कांड की सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही है. कुल मिलाकर अब तक इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पब और बार में हंगामा मचाने वालों में सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन का सिविक वॉलिंटियर उज्जवल मंडल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उज्जवल मंडल सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन में जिम ट्रेनर के पद पर कार्यरत था. साथ ही वह उक्त पब और बार में बाउंसर की ड्यूटी भी करता था. उज्जवल मंडल सलाखों के पीछे पहुंच चुका है. पुलिस इस मामले की जांच में तेजी ला रही है और सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है.
सिलीगुड़ी पुलिस महकमा ने संकेत दिया है कि सिलीगुड़ी के पब और बार के खिलाफ पुलिस ठोस एक्शन ले सकती है. उनके लाइसेंस तक रद्द कर सकती है. यह भी जानकारी मिल रही है. पुलिस सूत्र तो बता रहे हैं कि ऐसे सुर्खियों में बने सिलीगुड़ी के पब और बार के खिलाफ पुलिस कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सकती है और कानून के दायरे में उन्हें बंद भी करा सकती है.
यूं तो सिलीगुड़ी के सेवक रोड और माटीगाड़ा स्थित सिटी सेंटर और दूसरे मॉल में चल रहे अधिकांश पब और बार के भीतर की अवैध गतिविधियां कोई नई बात नहीं है.कई बार पुलिस ने इसका भंडाफोड़ भी किया है. परंतु पब और बार के खिलाफ पुलिस को ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती है. लेकिन सेवक रोड पर स्थित एक पब की घटना जिसमें भक्ति नगर थाना के कुछ पुलिस वाले भी घायल हुए हैं, के बाद ऐसा लगता है कि पुलिस उन्हें किसी भी तरह रहम करने की स्थिति में नहीं है.
देखा जाए तो सिलीगुड़ी के विभिन्न भागों में चल रहे कुछ सिंगिंग बार और पब हमेशा हंगामा के केंद्र बिंदु रहते हैं. आए दिन यहां हंगामा, मस्ती और मारपीट की घटनाएं होती रहती है. परंतु बाद में आपस में बैठकर निपटा लिया जाता है. पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी जाती है. लेकिन जब पानी सिर से गुजरने लगे तब मामला प्रकाश में आता है.मजबूरन पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ती है. सिलीगुड़ी के पब और बार में पिछले दिनों जो कुछ भी घटा, वह एक बानगी है. अन्यथा पब -बार के शौकीन जानते हैं कि यहां क्या कुछ नहीं होता!
अब सवाल यह है कि पुलिस ऐसे पब और बार के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकती है. क्या पुलिस को यह अधिकार है कि इन पब और बारो के लाइसेंस रद्द कर सके? कोलकाता हाईकोर्ट का मामला सामने है. जहां सरकार और निगम प्रशासन ने कोलकाता तथा आसपास के इलाकों में पब और बार पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोलकाता हाईकोर्ट ने इसे अवैध माना और पब और बार के पक्ष में फैसला सुना दिया.
ऐसे में यह मुमकिन नहीं लगता कि सिलीगुड़ी के पब और बार के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने जैसी कोई कार्रवाई सफल हो सकती है. या फिर सुर्खियों में बने पब और बार को बंद किया जा सकता है. जब तक कि पुलिस को कोई ठोस आधार नहीं मिल जाता, तब तक ऐसा मुमकिन नहीं दिखता. हो सकता है कि पुलिस कुछ दिनों के लिए ऐसे पब और बार को परेशान कर दे पर हमेशा के लिए ऐसा नहीं हो सकता.
सिलीगुड़ी के पब और बार संस्कृति से जुड़े करीबी लोगों का कहना है कि पुलिस पब और बार के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सकती. सबसे बड़ी बात तो यह है कि पब और बार मालिकों को कुछ राजनीतिक नेताओं का समर्थन प्राप्त है. कुछ पुलिस अधिकारियों की उन्हें छत्रछाया मिल जाती है. ऐसे में पुलिस उनके खिलाफ और क्या बड़ी कार्रवाई कर सकती है. अपना नाम ना बताने की शर्त पर व्यक्ति ने कहा कि कुछ दिनों के बाद मामला स्वत: ठंडा पड़ जाएगा.
दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि भक्ति नगर पुलिस सभी तरह के कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है. रविवार की घटना में दोषी लोगों के खिलाफ पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है. उक्त मामले की जांच में जिन जिन पब और बार को दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ पुलिस कानून के अंतर्गत कार्रवाई करेगी. सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी के कुछ पब और बार वालों को नोटिस भेजा जा सकता है. हालांकि सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर अखिलेश चतुर्वेदी बताते हैं कि पुलिस कानून के तहत ही कार्रवाई करेगी. फिलहाल उज्जवल मंडल को सस्पेंड करने की प्रक्रिया चल रही है.