August 11, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के पायल मोड़ पर उड़ी कानून एवं व्यवस्था की धज्जियाँ!

एक तरफ कानून के रखवाले और दूसरी तरफ कानून के जानकार ने सिलीगुड़ी के मुख्य रोड सेवक रोड पर जो हंगामा किया, वह अपने आप में एक शर्मनाक है. सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समय-समय पर पोल खुलती रही है. कल देर रात भी सिलीगुड़ी के कानून एवं व्यवस्था की पोल खुल गई, जब ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों ने सिविक वॉलिंटियर को उसके ट्रैफिक पोस्ट में घुसकर दबोचने और मारने की कोशिश की. हालांकि पीड़ित पक्ष का कहना है कि सिविक वॉलिंटियर ने उनके साथ बदतमीजी की है. पर एक कानून के जानकार को कानून हाथ में लेने का अधिकार भी तो नहीं है.

इसी बात को लेकर सिलीगुड़ी के सिविक वॉलिंटियर्स ने आज भक्ति नगर थाने में जाकर प्रदर्शन किया और कानून हाथ में लेने वाले लोगों की गिरफ्तारी की मांग की. पीड़ित सिविक वॉलिंटियर रवि राय ने बताया कि जब दो गाड़ियों में टक्कर हो गई, तो दोनों गाड़ियों के चालक आपस में बहस करने लगे. तब वह ट्रैफिक पोस्ट से निकलकर पहुंचा और उन्हें समझाने की कोशिश की. इसी बात को लेकर हाई कोर्ट के वकील उनसे उलझ पड़े और फिर उनके लोगों ने उन्हें मारा पीटा. रवि राय ने बताया कि वह पुलिस प्रशासन से न्याय की उम्मीद लेकर आए हैं. आखिर हम लोग अपना काम कर रहे हैं. अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.हमारी सुरक्षा कौन करेगा?

रात्रि का समय था. बारिश भी हो रही थी. बारिश में तो वैसे ही सिलीगुड़ी जाम हो जाता है. सेवक रोड पर भी गाड़ियां धीरे-धीरे रेंग रही थीं. इसी भीड़भाड़ के बीच पायल सिनेमा हॉल के पास सेवक रोड पर दो गाड़ियों के बीच टक्कर हो गई. एक गाड़ी में कोलकाता हाई कोर्ट के वकील प्रकादीप्त राय अपनी पत्नी के साथ सवार थे. उनकी ही गाड़ी को किसी अन्य गाड़ी ने टक्कर मार दी.

दो गाड़ियों के बीच हुई टक्कर के बाद कुछ लोग दौड़े तो नजदीक ही मोड़ के पास स्थित ट्रैफिक पोस्ट से निकलकर एक सिविक वॉलिंटियर मौके पर पहुंचा. उसने दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी और टक्कर मारने वाली गाड़ी दोनों को देखा. फिर टक्कर मारने वाली गाड़ी के चालक से कुछ पूछताछ की. उसके बाद सिविक वॉलिंटियर ने गाड़ी को आगे जाने के लिए कह दिया, जबकि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी जिसमें कोलकाता हाई कोर्ट के वकील और उनकी पत्नी बैठे थे, उन्हें रोक कर उनसे पूछताछ करनी शुरू कर दी.

कोलकाता हाई कोर्ट के वकील को यह अच्छा नहीं लगा. उन्होंने सिविक वॉलिंटियर से पूछा कि जिस गाड़ी ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी, उसे तो आपने छोड़ दिया और मेरी गाड़ी को क्यों रोक कर रखा है और बेकार बहस भी कर रहे हो? आरोप है कि इसी बात पर सिविक वॉलिंटियर और वकील के बीच कहासुनी शुरू हुई जो धीरे-धीरे भारी विवाद में बदल गई. वकील ने अपने समर्थकों को दुर्घटना के बारे में सूचना दी और उन्हें घटनास्थल पर बुला लिया और इसके बाद जो कुछ हुआ, वह अत्यंत शर्मनाक तथा कानून एवं व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाला मंजर था.

जैसा कि वीडियो में भी दिख रहा है. वकील और उनके समर्थकों ने गुस्से में आकर ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी के बावजूद ट्रैफिक पोस्ट में घुसकर सिविक वॉलिंटियर को कॉलर खींचकर बाहर निकाला और गाली गलौज शुरू कर दी. आरोप है कि इसी खींचातानी में सिविक वॉलिंटियर की शर्ट और बनियान फट गई. सूत्रों ने बताया कि हमलावर भीड़ ने सिविक वालंटियर को मारने की कोशिश की. ट्रैफिक पुलिस बीच बचाव करती रही. लेकिन जब स्थिति नहीं स॔भली तो भक्ति नगर थाने को सूचना दी गई. जल्द ही भक्ति नगर पुलिस मौके पर पहुंच गई. तब तक पीड़ित पक्ष के लोग धरने पर बैठ गए और उन्होंने सेवक रोड जाम कर दिया.

आलम यह हो गया कि विशाल सिनेमा हॉल से लेकर पानी टंकी मोड तक सेवक रोड पूरी तरह जाम हो गया. अब तक इस घटना की खबर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच गई तो वह भी भागते हुए मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति की नजाकत को भांपते हुए पीड़ित पक्ष को समझाना और शांत करना शुरू कर दिया. उनसे अनुरोध किया कि वे सड़क से हट जाएं और ट्रैफिक परिचालन में बाधा उत्पन्न ना करें. लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक सिविक वॉलिंटियर की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक वे सड़क पर ही बने रहेंगे. देर रात तक यही स्थिति बनी रही.

पीड़ित कोलकाता हाई कोर्ट के वकील प्रकादीप्त राय ने बताया कि उनकी कोई गलती नहीं थी. जिस गाड़ी ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी, उस गाड़ी का चालक नशे में था. इसके बावजूद सिविक वॉलिंटियर ने उसे जाने दिया और उनसे बहस करता रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि और तो और कार में बैठी उनकी पत्नी का उनकी मर्जी के खिलाफ सिविक वॉलिंटियर वीडियो बना रहा था, जो कि गैर कानूनी था. उन्होंने सिविक वॉलिंटियर और ट्रैफिक पुलिस पर भी शराब पीने का आरोप लगाया है.

सवाल है कि आखिर कब तक सिलीगुड़ी की कानून एव॔ व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा या फिर ऐसे ही चलता रहेगा. अगर पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है तो उसके आरोप की भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए थी. जिस गाड़ी से टक्कर लगी, उस गाड़ी के चालक को भी रोक कर रखा जाना चाहिए था. इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन खासकर ट्रैफिक पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही पीड़ित पक्ष के लोगों द्वारा कानून के रखवालो के साथ जो शर्मनाक हरकत की गई , उसके लिए उन्हें भी दंडित किए जाने की जरूरत है. तभी कानून एवं व्यवस्था के प्रति आम लोगों का भरोसा बना रहेगा.

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