यूं तो सिलीगुड़ी के बाजार में साग सब्जियों की कीमत वैसे ही अत्यधिक बढ़ गई है, ऊपर से प्याज ने मात्र एक हफ्ते में ही एक लंबी छलांग लगा दी है. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक दिन पहले जिस प्याज की कीमत ₹40 प्रति किलो बाजार में थी, एकदम से दूसरे दिन उसकी कीमत बढ़कर ₹60 प्रति किलो खुदरा बाजार में हो गई. साग सब्जियों की कीमत में इजाफा तो होता है. लेकिन एकदम से ₹20 की बढ़ोतरी प्रति किलो चिंताजनक है. सवाल यह उठता है कि इस समय ना तो बरसात का मौसम है और ना ही बाजार में प्याज की आवक कम हुई है, फिर क्या कारण है कि प्याज के भाव लोगों के आंसू रुलाने लगे हैं?
प्याज की कीमत केवल सिलीगुड़ी के बाजार में ही नहीं, बल्कि पूरे देश की मंडियों में एकदम से बढ़ गई है. प्याज की सबसे बड़ी खेती महाराष्ट्र और नासिक में होती है. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर से लेकर असम तक सभी जगह प्याज के दाम में एकदम से ₹20 प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. आश्चर्य का कारण यह है कि बाजार में प्याज की ना तो आवक कम हुई है और ना ही मौसम में कोई उतार-चढ़ाव आया है. इसके बावजूद प्याज की कीमत बढ़ना आश्चर्यजनक तो है ही.
इस समय देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. विधानसभा चुनाव के समय प्याज की कीमत बढ़ने से इसका असर चुनाव पर भी हो सकता है. यही कारण है कि भारत सरकार ने प्याज की कीमत को नियंत्रित रखने के लिए 40% का निर्यात शुल्क लगा दिया है.जानकार मानते हैं कि प्याज की कीमत बढ़ने का कोई विशेष कारण नहीं है. क्योंकि हमेशा से ही अक्टूबर महीने में प्याज की कीमत बढ़ जाती है, जो दिसंबर जनवरी तक जारी रहती है. ताकि प्याज की कीमत इतनी ज्यादा ना हो जाए कि किसी समय टमाटर के भाव लोगों को पच नहीं रहे थे. इसको ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार ने निर्यात शुल्क 40% लगा दिया है.
सिलीगुड़ी के बाजार में नासिक और महाराष्ट्र के अन्य शहरों से प्याज मंगाए जाते हैं. एशिया की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली लासला गांव थोक बाजार में एक हफ्ते पहले प्याज की कीमत ₹24 किलो थी, जो बढ़ कर ₹38 प्रति किलो हो गई. महाराष्ट्र की कई मंडियो में प्याज की कीमत एक हफ्ते पहले ₹25 से ₹27 प्रति किलो के बीच थी जो लगभग ₹15 महंगी हो गई है. सच्चाई तो यह है कि इस समय महाराष्ट्र की मंडियो में प्याज की कीमत 45 रुपए प्रति किलो तक हो गई है. ऐसे में अगर सिलीगुड़ी की मंडी में प्याज की कीमत ₹60 प्रति किलो है तो इसे महंगा नहीं कहा जाएगा. प्याज की मार्केटिंग से जुड़े व्यवसायियो का कहना है कि प्याज की कीमत राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही है. इसके भाव में अभी और छलांग आ सकता है.