थोक महंगाई दर में आई अब तक की सबसे कमी का आम उपभोक्ताओं पर कितना असर पड़ा है तथा सिलीगुड़ी बाजार में दुकानदारों तथा उपभोक्ताओं को कितनी राहत मिली है, यह जानना जरूरी है. सिलीगुड़ी में अनेक बाजार हैं. जैसे सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट ,गुरुंग बस्ती मार्केट, नया बाजार, टाउन बाजार, सब्जी मंडी, एनजेपी इत्यादि अनेक बाजार हैं. साग सब्जियों के लिहाज से टाउन मार्केट हमेशा से ही प्रसिद्ध रहा है. जबकि थोक मंडी के रूप में रेगुलेटेड मार्केट चर्चित रहा है.
खबर समय ने सिलीगुड़ी के विभिन्न बाजारों में जाकर साग सब्जियों तथा सामानों की महंगाई का आकलन किया तो पता चला कि साग सब्जियों की इतनी महंगाई नहीं है, जितनी कि अन्य वस्तुओं की. अन्य वस्तुओं में स्टेशनरी, कॉस्मेटिक, मांस, मछली, चिकन इत्यादि शामिल हैं. खुदरा बाजार में मछली और चिकन के रेट लगभग पहले जितने हैं. मछली ₹200 किलो रोहू और चिकन ₹240 किलो से लेकर ₹260 किलो तक है. स्टेशनरी तथा कॉस्मेटिक के दाम बढ़े हुए हैं. हालांकि थोक बाजार में यह थोड़े सस्ते हैं. सिलीगुड़ी में रेल गेट नजदीक बाजार थोक बाजार है और यहां फुटकर सामान कम ही बिकता है. यहां से सामान लेने के लिए पहाड़ और Dooars दूर-दूर से व्यापारी आते हैं.
सिलीगुड़ी के फुटकर बाजार में कुछ साग सब्जियां तो सस्ती हैं, परंतु भिंडी, परवल आदि का रेट अभी भी ₹50 किलो से ऊपर है. हालांकि व्यापारियों और दुकानदारों ने कहा कि इन सब्जियों के रेट भी कम होंगे. आलू के दाम बढ़ गए हैं. जबकि प्याज का दाम अभी पहले की तरह स्थिर बना हुआ है. फुटकर बाजार में प्याज ₹20 किलो बिक रहा है. लाल साग का दाम भी बढ़ा हुआ है. इसके अलावा अदरक के रेट में भी उछाल आया है.
दूसरी तरफ बाजार में आटा, चावल, मैदा, दाल इत्यादि के भाव बढ़े हुए हैं. दही और दूध के दाम में इजाफा पहले ही हो चुका है. घी के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. तिलहन पदार्थ जरूर थोड़े सस्ते हुए हैं. ग्राहक और दुकानदारों से बातचीत के बाद कुल मिलाकर सिलीगुड़ी के बाजार में साग सब्जियों की महंगाई तो नियंत्रण में है परंतु खाने-पीने के कई सामान महंगे हुए हैं. जबकि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2023 में घटकर 1.34% रह गई है.
मुद्रास्फीति में यह गिरावट खाद्य पदार्थ, टेक्सटाइल, गैर खाद्य उत्पाद, खनिज, रबर, प्लास्टिक उत्पाद, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस तथा कागज और कागज से बने सामानों के थोक मूल्यों में कमी के कारण आई है. हालांकि सिलीगुड़ी के फुटकर बाजार में ठीक इसके उल्टा दिख रहा है. इन सभी वस्तुओं के दाम में कोई गिरावट नहीं आई है. बाजार से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले दिनों में कई वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं.
केंद्रीय वाणिज्य विभाग की रिपोर्ट पर भी एक नजर डाल लेते हैं. चावल की थोक कीमत मार्च महीने में पिछले साल इस महीने की तुलना में 7.54% जबकि गेहूं की कीमत पिछले साल इसी महीने में 9.16% ऊंची थी. दाल के भाव में सालाना आधार पर 3 प्रतिशत से भी ज्यादा वृद्धि हुई है. जबकि 1 साल में दूध 8.48% महंगा हुआ है. मार्च महीने में आलू और प्याज की कीमतों में क्रमश 24% और 37% की गिरावट रही. हालांकि इतनी बड़ी गिरावट का लाभ सिलीगुड़ी के उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है.
टेक्सटाइल उत्पादों के दाम सालाना आधार पर लगभग 5% नीचे रहे. सिलीगुड़ी के महावीर स्थान से लेकर हिल कार्ट रोड और दूसरे कपड़ा मार्केट में ऐसा नहीं लगा कि टेक्सटाइल उत्पादों के दाम में कमी आई है. माइल्ड स्टील लगभग 5% सस्ता हुआ है. सीमेंट, चूना और प्लास्टिक के थोक मूल्यों में सालाना आधार पर लगभग 6.32% की वृद्धि दर्ज की गई. यह दिख रहा है. इन आंकड़ों के आधार पर अगर सिलीगुड़ी बाजार की समीक्षा की जाए तो बहुत कुछ समझ में आ जाता है. अगर महंगाई घटी है तो इसका प्रभाव सिलीगुड़ी के बाजार पर भी पड़ना चाहिए. फिलहाल यह अनुभव नहीं हुआ.अब देखना है कि आने वाले कुछ दिनों में सिलीगुड़ी वासियों को महंगाई से कितनी राहत मिलती है!