सिलीगुड़ी के रेड लाइट एरिया में ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं, जिनसे जबरन देह व्यापार कराया जा रहा है. हाल ही में एक युवती को इस नर्क से मुक्ति दिलाने के बाद सिलीगुड़ी पुलिस का ध्यान सिलीगुड़ी रेड लाइट एरिया में सक्रिय मानव तस्कर गिरोह पर गया है. पुलिस को कुछ ऐसे साक्ष्य और सबूत भी मिले हैं जिनसे पता चलता है कि रेड लाइट एरिया में बहुत सी लड़कियां जबरन शारीरिक शोषण की शिकार हो रही हैं और उनसे उनकी मर्जी के खिलाफ देह व्यापार कराया जा रहा है.
वे खुद को इस धंधे से अलग करना चाहती हैं. लेकिन उनमें प्रमिला जैसा साहस और हिम्मत की कमी है. समय-समय पर रेड लाइट एरिया से किसी न किसी लड़की की मजबूरी और उसके अबला होने की कहानी सुर्खियों में आती रहती है. तब पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करती है.खालपारा रेड लाइट एरिया की इन अबलाओं को इंतजार है उस दिन का, जब कोई ना कोई रहनुमा उन्हें इस नर्क से बाहर निकालेगा…
महंगाई और बेरोजगारी के इस युग में एक अदद नौकरी की तलाश कर रही असमी युवती प्रमिला (कल्पित नाम) को पता चला कि जमीरन निशा नामक एक महिला ने कई लड़कियों का नौकरी के लिए चयन किया है, तो वह खुद को रोक नहीं सकी और उससे मिलने चली गई. प्रमिला अत्यंत ही गरीब परिवार से थी. परिवार में सबसे बड़ी वही थी. कमाने वाला कोई नहीं था. इसलिए घर परिवार की जिम्मेदारी भी उस पर बड़ी थी. वह चाहती थी कि कोई छोटा-मोटा काम करके घर की जिम्मेदारी संभाल सके.
जमीरन निशा खुद को एक समाजसेवी के रूप में स्थापित कर रही थी. प्रमिला से दो चार बात करने के बाद जमीरन निशा ने ताड़ लिया कि प्रमिला एक अत्यंत मजबूर लड़की है. उसने प्रमिला को सब्ज बाग दिखाकर उसे उसके घर भेज दिया. प्रमिला को रात में नींद नहीं आई. उस दिन के बाद से प्रमिला और जमीरन आपस में मिलती रहीं.
एक दिन जमीरन निशा ने प्रमिला से कहा कि अगर वह असम से बाहर सिलीगुड़ी में काम करना चाहती है तो उसके लिए नौकरी का प्रबंध हो सकता है. उसने कहा कि उसके रहने और खाने का प्रबंध वह कर देगी. प्रमिला को कोई एतराज नहीं हुआ. उसने जमीरन निशा पर भरोसा कर लिया और उसके साथ सिलीगुड़ी पहुंच गई. अब तक प्रमिला को भनक तक नहीं लगी कि वह एक महिला के धोखे का शिकार हुई है. लेकिन जब वह सिलीगुड़ी के रेड लाइट एरिया में पहुंच गई तब उसे पता चला कि जिस पर उसने आंख मूंद कर भरोसा किया था, उसी ने उसके भरोसे का खून कर दिया!
खुद को समाज सेवी बताने वाली महिला जमीरन निशा की सिलीगुड़ी पहुंचते ही नकाब उतर गई. उसने प्रमिला को नमिता दास नामक एक महिला के हाथों बेच दिया. जब प्रमिला ने इसका विरोध किया तो नमिता दास और जमीरन निशा दोनों महिलाओं ने उसे मारा-पीटा और एक कमरे में बंद कर दिया. प्रमिला चीखती और चिल्लाती रही. लेकिन उसे आजादी नहीं मिली. रात भर प्रमिला कमरे में बंद रही और फिर अगले दिन एक भयानक सच उसे निगलने के लिए तैयार बैठा था.
प्रमिला ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके साथ ऐसा भी हो सकता है. उसे जबरन मारपीट कर देह व्यापार में धकेल दिया गया. प्रमिला की जुबान बंद कर दी गई. उस पर पहरा डाल दिया गया. ताकि वह भाग नहीं सके और इसके बाद शुरू हुआ नारकीय यातना का वह दौर, जिसे झेलना उसके लिए आसान नहीं था. वक्त गुजरता रहा. प्रमिला हर दिन जिंदा लाश बनकर खुद को नियति के भरोसे छोड़ती रही.अब तो वह भगवान से यही दुआ कर रही थी कि किसी तरह से यहां से बचकर अपने घर जा सके.
प्रमिला खुश किस्मत थी कि भगवान ने उसकी सुन ली! वरना कोठे पर लायी गयी लड़कियां आजीवन नरक भोगती हैं. एक दिन उसे मौका मिल गया भागने का, तो फिर उसने खुद में हिम्मत पैदा की और अपनी जान की परवाह किए बगैर वह रेड लाइट एरिया से भाग निकली और सीधा खालपारा पुलिस चौकी पहुंच गई. वहां प्रमिला ने चौकी प्रभारी को अपनी आप बीती बताई. इसके बाद खालपारा पुलिस उसे अपनी निगरानी में महिला थाना ले गई जहां उसके बयान के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई. यह घटना 22 अक्टूबर 2025 की है. महिला थाने की पुलिस ने दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की, तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई.
इस बीच अपनी गिरफ्तारी के डर से जमीरन निशा और नमिता दास दोनों ही फरार हो गई. पुलिस ने दोनों महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए मुखबिर तैनात कर दिए और फिर एक दिन पुलिस के मुखबिर को दोनों महिलाओं की मौजूदगी का पता चला तो पुलिस टीम ने उन्हें छापा मार कर गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में जमीरन निशा ने स्वीकार किया कि वह पिछले दो वर्षों से यह काम कर रही थी. जबकि नमिता दास ने तस्करी मामलों में अपना हाथ होने की बात स्वीकार कर ली है. पुलिस ने उनके फोन और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं. फिलहाल दोनों महिलाएं जेल में हैं.
यह घटना उन लड़कियों के लिए एक सबक है, जो बिना सोचे विचारे किसी अनजान पर आंख मूंद कर भरोसा कर लेती हैं और छली जाती हैं. जन्नत तो नहीं मिलता, लेकिन उन्हें नरक जरूर मिल जाता है. नौकरी के लिए काबिल होना जरूरी है. किसी अनजान को अपनी कमजोरी ना बताएं.
