सिलीगुड़ी के नौजवान धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं. सिलीगुड़ी में सब जगह नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं. नशा करने वाले कम या ज्यादा सभी जगह मिल जाएंगे. लेकिन चंपासारी से लेकर दार्जिलिंग मोड़, मल्लागुड़ी, प्रधान नगर, गुरुंग बस्ती ने तो इस मामले में अब तक का सारा रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया है. जिस तरह से सिलीगुड़ी में नशे का कारोबार फैल रहा है, अब तो सिलीगुड़ी के कुछ ऐसे वार्ड भी सुर्खियों मे आ गए हैं, जहां पहले शराब और अन्य साधारण मादक पदार्थों की चर्चा होती थी, लेकिन अब यहां भी ड्रग्स का धंधा जोर पकड़ रहा है.
जी हां, बात हो रही है सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 4 और 5 की. नूतन पाड़ा से लेकर जलपाई मोड़,गंगानगर, संतोषी नगर, महानंदा नदी, ग्वाला पट्टी, इत्यादि इलाके इन दिनों सुर्खियों में हैं. इन इलाकों के कुछ मेडिकल स्टोर्स पर चोरी छिपे ड्रग्स की बिक्री का आरोप लगाया गया है. इसका एक सच तब सामने आ गया, जब संतोषी नगर के कुछ साहसी लड़कों ने संतोषी नगर में स्थित एक मेडिकल स्टोर में घुसकर ड्रग्स का सेवन करते कुछ लड़कों को धर दबोचा. इनमें से एक लड़का तो बचकर फरार हो गया, लेकिन भीड़ ने दो लड़कों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
संतोषी नगर में ड्रग्स का यह पहला मामला सुर्खियों में है. कुछ समय पहले तक शराब और भांग का यहां ज्यादा व्यापार होता था. जो नशेड़ी पकड़े जाते थे, वे दारू या भांग के नशे में होते थे. लेकिन ड्रग्स का सेवन बहुत कम लड़के ही कर पाते थे. यह पहला मामला है जब संतोषी नगर के मेडिकल स्टोर से ड्रग्स का सेवन करते दो लड़कों को यहां के स्थानीय युवकों ने पकड़ा है. इस घटना से इलाके के लोग काफी चिंतित हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि अगर नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो इसका असर अन्य लड़कों पर पड़ेगा और घर के घर तबाह होंगे.
कुछ इसी तरह की चिंता बिहारी सेवा समिति के उपाध्यक्ष और वार्ड नंबर 5 के नागरिक शंकर गुप्ता ने व्यक्त की है. हमारे खबर समय के संवाददाता को उन्होंने बताया कि विगत दो-तीन वर्षों से वार्ड नंबर 4 और 5 के विभिन्न इलाकों में ड्रग्स बेचने वाले और सेवन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि ड्रग्स के खिलाफ उन्होंने यहां के स्थानीय संगठनों को कई बार जागरूक किया है. वार्ड नंबर 4 और 5 में पैर पसारते ड्रग्स के धंधे के खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव को भी पहले इत्तला किया था. इसके अलावा उन्होंने हाल ही में सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन दिलीप दुग्गड़, अन्य अधिकारियों व पुलिस प्रशासन को भी आगाह किया. सभी ने केवल आश्वासन दिया है.
शंकर गुप्ता ने पुलिस प्रशासन पर भड़ास निकालते हुए कहा कि पुलिस की नाक के नीचे ड्रग्स का धंधा हो रहा है. लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस नशेड़ियों को पकड़ कर ले जाती है और फिर उन्हें छोड़ देती है. ऐसे में यह धंधा कैसे रुकेगा? उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि अगर जल्द से जल्द ड्रग्स के खिलाफ कारगर कार्रवाई नहीं की गई तो यहां की नौजवान पीढी बर्बाद हो जाएगी. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के द्वारा से नो टू ड्रग्स अभियान चल रहा है. लेकिन इस अभियान का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच रहा है. पुलिस प्रशासन और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि ड्रग्स के खिलाफ एक कारगर कार्रवाई करे. चिन्हित इलाकों में गश्ती बढ़ाने से लेकर मेडिकल स्टोर्स की छानबीन व संवेदनशील इलाकों में पुलिस पहरेदारी बढ़ाने की जरूरत है.
वर्तमान समय में सिलीगुड़ी में ड्रग्स, हीरोइन और नशे की टेबलेट की मांग इस कदर बढ़ गई है कि गली कूचों में चल रहे बहुत से मेडिकल स्टोर्स नशीले पदार्थ रखने लगे हैं, जहां शाम होते ही नशेड़ी लड़के मेडिकल स्टोर्स में पहुंचकर नशे की तलब पूरी करने लगते हैं. पुलिस प्रशासन को नशे के इन सौदागरों और संदिग्ध लोगों पर सख्त नजर रखने की जरूरत है. तभी से नो टू ड्रग्स अभियान का लाभ सिलीगुड़ी के नागरिकों को मिल सकेगा.