सिलीगुड़ी के सरकारी और सहायक स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों में आमतौर पर खिचड़ी, दाल, भात, सब्जी, सोयाबीन और अंडे शामिल रहते हैं. सिलीगुड़ी के प्राइमरी स्कूलों में 56061 बच्चे मिड डे मील सेवा के लाभार्थी हैं, तो वही अपर प्राइमरी स्कूल में 47084 छात्र मिड डे मील का लाभ प्राप्त करते हैं. अब इन बच्चों के खाने का जायका बदलने जा रहा है.
पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी समेत राज्य भर के सरकारी और सहायक स्कूलों के बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील में अतिरिक्त पोषण को शामिल करने के लिए 371,90,78, 400 करोड रुपए का बजट जारी किया है. पीएम पोषण के तहत अतिरिक्त पोषण के लिए राज्य सरकार की ओर से यह राशि जारी की गई है. इसके तहत प्रत्येक छात्र को प्रति सप्ताह अतिरिक्त पोषण के लिए ₹20 सोलह सप्ताह तक प्रदान किए जाएंगे. यह राशि प्रत्येक स्कूल को ट्रांसफर की जाएगी.
आपको बताते चलें कि मिड डे मिल की योजना में बजट का राज्य और केंद्र का अनुपात 60 और 40 रहता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी सरकार ने पीएम पोषण के तहत अतिरिक्त पोषण में मौसमी फल और चिकन को शामिल करने का आदेश जारी किया है. ताकि बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण मिल सके. राज्य सरकार ने 3 जनवरी को यह अधिसूचना जारी कर दी थी कि जनवरी से प्रत्येक छात्र को अतिरिक्त पोषण उनकी सरकार देगी. आपको बताते चलें कि पूरे राज्य में सरकार द्वारा संचालित व सहायता प्राप्त स्कूलों में 1.16 करोड़ से अधिक बच्चे बच्चे मिड डे मील का लाभ उठाते हैं.
जानकार मानते हैं कि बंगाल में पंचायत चुनाव है. इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि पंचायत चुनाव में सरकार को इसका लाभ मिल सके. अब बच्चों को हफ्ते में एक बार चिकन तथा मौसमी फलों का स्वाद चखने को मिलेगा. पहले से ही धन की कमी झेल रही राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ बढ़ जाने से विकास के दूसरे कार्यों पर इसका असर पड़ेगा, ऐसा विश्लेषक मान रहे हैं.
सिलीगुड़ी के प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी दोनों स्कूलों में 103145 बच्चे मिड डे मील के लाभार्थी हैं. ऐसे गरीब घरों के बच्चों को अब खाने में चावल, दाल, सब्जी, खिचड़ी, सोयाबीन, अंडे के अलावा चिकन और मौसमी फल मिलेंगे.