पाकिस्तान की हालत खिसियानी बिल्ली की तरह हो गई है. वह अपनी बर्बादी को पचा नहीं पा रहा है. पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इसका संकेत जम्मू कश्मीर में राजौरी, पूंछ के साथ कश्मीर के उरी और कुपवाड़ा में एलओसी पर नागरिक आवासों पर उसके द्वारा की गयी भारी गोलाबारी के रूप में मिल चुका है, जहां चार बच्चों समेत 14 लोगों की मृत्यु हुई है.
बौखलाया पाकिस्तान भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में अभी कुछ और उत्पात मचा सकता है. इसमें कोई शक नहीं है. यही कारण है कि भारत सरकार ने देश के सभी सीमावर्ती राज्यों और पूर्वोत्तर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. इनमें सबसे ज्यादा खतरा सिलीगुड़ी चिकन नेक पर मंडरा रहा है. दार्जिलिंग जिले में सिलीगुड़ी एक ऐसा स्थान है, जो बांग्लादेश, भूटान व नेपाल की सीमा पर स्थित है. आतंकवादी बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के रास्ते चिकन नेक और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए पिछले 48 घंटों के दौरान यहां अभूतपूर्व सुरक्षा के कदम उठाए गए हैं.
भारत का बांग्लादेश के साथ भी संबंध अच्छा नहीं है. इसका सबूत हाल के दिनों में मिल चुका है. पाकिस्तान बांग्लादेश के रास्ते सिलीगुड़ी चिकन नेक में गड़बड़ी फैला सकता है और पूर्वोत्तर क्षेत्र में आतंक फैला सकता है. कुछ दिनों पहले ही बांग्लादेश के एक सैनिक अधिकारी ने कहा था कि भारत अगर पाकिस्तान पर हमला करता है तो युद्ध की स्थिति में बांग्लादेश को चिकन नेक पर हमला कर पूर्वोत्तर राज्यों पर अधिकार कर लेना चाहिए.
सिलीगुड़ी चिकन नेक की भौगोलिक संरचना कुछ इस प्रकार से है कि पूर्वोत्तर के सभी राज्य इससे जुड़े हुए हैं. अगर चिकन नेक सुरक्षित नहीं रहा, तो पूर्वोत्तर के सभी 6 राज्य भी सुरक्षित नहीं रह सकेंगे. चिकन नेक के महत्व और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने नेपाल की सीमा से लेकर बांग्लादेश की सीमा तक लंबे गलियारे की इस तरह की सुरक्षा बढ़ाई है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
खबर समय को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हासिमरा वायु सेना स्टेशन पर राफेल लड़ाकू विमान को एक्शन मोड में उतार दिया गया है. राफेल किसी भी समय दुश्मन को जलाकर भस्म करने के लिए तैयार है. अगर सिलीगुड़ी चिकन नेक पर कहीं भी हमला होता है तो दुश्मन का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए राफेल लड़ाकू विमान पूरी तरह तैयार है. भारतीय सेना में राफेल विमान की उपस्थिति अदम्य साहस का संचार कर रही है. राफेल लड़ाकू विमान न केवल सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा करेगा बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों को भी सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध होगा.
सिलीगुड़ी चिकन नेक के सभी संवेदनशील स्थान, जो बांग्लादेश और नेपाल की सीमा से सटे हैं, वहां सेना के अस्थाई शिविर बना दिए गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार 40 से अधिक संवेदनशील स्थानों पर सेना गश्त लगा रही है. अगर बांग्लादेश अथवा पाकिस्तान की ओर से हमला किया जाता है या फिर आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जाता है, तो तीनों सेना दुश्मन पर भारी पड़ेगी.
भारतीय सेना ने उत्तर बंगाल तथा सिक्किम की एनसीसी इकाइयों को भी सतर्क कर दिया है. उनसे कहा गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो एनसीसी इकाइयों के प्रशिक्षित जवान उनका साथ देने के लिए तैयार रहें. केवल इतना ही नहीं ब्रह्मास्त्र कोर को भी सभी तरह के अधिकार दिए गए हैं. यानी सिलीगुड़ी चिकन नेक पर खरोच भी नहीं आए, इसके पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं. ब्रह्मास्त्र कोर के जवानों ने सभी तरह के अभ्यास पूरे कर लिए हैं. हाल ही में वायु सेना, स्थल सेना और अन्य केंद्रीय बल को लेकर एक संयुक्त अभ्यास संपन्न हुआ था.
जिस तरह की खुफिया रिपोर्ट सामने आ रही है, उसके अनुसार ही सेना की तैयारी हो रही है. दुश्मन से निपटने के लिए सेना की रणनीति भी तैयार है. जिस तरह से सिलीगुड़ी और चिकन नेक के इलाकों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, उससे यह भी पता चलता है कि यहां के लोग भी दुश्मन का मुकाबला करने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं.
खुफिया रिपोर्ट को देखते हुए भारतीय रेलवे ने पहले ही एनजेपी रेलवे स्टेशन, सिलीगुड़ी जंक्शन व सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन पर सुरक्षा कडी कर दी है. रेलवे अधिकारी व कर्मचारी दोनों ही सतर्क हैं और सुरक्षा बलों तथा पुलिस के साथ मिलकर स्टेशनों की सुरक्षा का मोर्चा संभाल रहे हैं. ऐसे में यही कहा जा सकता है कि सिलीगुड़ी चिकन नेक और पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन उन्हें कुछ दिनों तक और सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है. क्योंकि मौजूदा स्थितियों में पगलाया पाकिस्तान कभी भी कुछ कर सकता है.