एक पुरानी कहावत है, तू डाल-डाल तो हम पात-पात! कुछ इसी तरह का मंजर चंपासारी इलाके में देखा जा रहा है. यूं तो यह स्थिति पूरे सिलीगुड़ी शहर में ही है, परंतु चंपासारी इलाके में तो दुकानदार खुलेआम सिलीगुड़ी नगर निगम को चुनौती दे रहे हैं. जैसे वे कहना चाहते हैं कि अगर हिम्मत है तो हमें हटा कर दिखाओ.
सिलीगुड़ी नगर निगम ने पूर्व में कार्रवाई करते हुए 120 अवैध दुकानों को सड़कों पर से हटाया था. तब सिलीगुड़ी नगर निगम की कार्रवाई में तेजी देखी गई थी. लेकिन कुछ ही दिनों में दुकानदारों ने सड़कों पर ही दुकान लगाना शुरू कर दिया. और अब तो हद हो गई है कि दुकानदार सीधे सड़क के डिवाइडर पर ही दुकान लगा देते हैं. इससे कई तरह की यातायात संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. यहां तक कि पैदल लोगों को भी आने-जाने में काफी कठिनाई होती है. अगर कोई रोगी बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस अथवा अग्निकांड होने पर दमकल को समय पर पहुंचने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
चंपासारी का सौंदर्य भी फीका पड़ रहा है. नजदीक ही हाईवे होने से यह इलाका सौंदर्य के हिसाब से काफी सुघड़ लगता है. ऐसे में यहां सड़कों पर अतिक्रमण और दुकानें लगाने से इलाके के लोगों को तो समस्या हो ही रही है. इसके साथ ही पूर्व के द्वार की चमक भी धूमिल पड़ रही है. आश्चर्य है कि सब कुछ देखते समझते हुए भी सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
लेकिन स्थानीय दुकानदारों को निगम की कार्रवाई की कोई चिंता नहीं है. स्थानीय पार्षद का उन्हें समर्थन प्राप्त है. यहां के दुकानदारों का कहना है कि हम तो दुकान लगाते रहेंगे, जब तक कि हमें दुकान लगाने के लिए वैकल्पिक जगह नहीं दे दी जाती. यही कारण है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के फरमान के बावजूद भी चंपासारी इलाके के दुकानदार पूर्ववत अपनी दुकान लगाते रहे हैं.
जिस समय सिलीगुड़ी नगर निगम ने अतिक्रमण मुक्त सड़क को लेकर अवैध दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की थी, उस समय सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने दुकानदारों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनकी वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. लेकिन तब से इस दिशा में कोई उपयुक्त कार्यवाही नहीं हुई. विवश होकर इलाके के दुकानदारों ने फिर से दुकान लगानी शुरू कर दी है.अब तो वे खुलेआम सड़कों पर ही दुकान लगा रहे हैं.
चंपासारी अतिक्रमण अभियान को लेकर पूर्व में बहुत राजनीति भी हुई है. कई बार स्थानीय दुकानदारों ने स्थानीय पार्षद के नेतृत्व में निगम के अभियान को रोकने की कोशिश भी की है. पिछले कुछ दिनों से स्थानीय दुकानदार पूरे जोश में है. वे सड़कों पर ही दुकान लगा रहे है. सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन मौन है और चुपचाप दुकानदारों को दुकान लगाते देख रहा है.
जब यहां के दुकानदारों से पूछा गया कि सिलीगुड़ी नगर निगम के गाइडलाइंस का पालन नहीं कर दुकान लगा रहे हैं. क्या सिलीगुड़ी नगर निगम कार्रवाई नहीं करेगी? सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा दुकानों को हटा नहीं दिया जाएगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम फिर से दुकान लगाएंगे. यानी वे लोग सिलीगुड़ी नगर निगम के किसी भी फरमान को मानने के लिए तैयार नहीं है.
उनकी भी समस्या है. वर्षों से उनके पूर्वज यहां दुकान लगाते रहे हैं. उनकी रोजी-रोटी दुकानों से ही चलती है. ऐसे में उनकी दुकान बंद कर दी जाए तो रोजी रोटी के लिए वे कहां जाएंगे. उन्होंने कुछ समय तक निगम का इंतजार किया था. जब बात नहीं बनी तो उन्होंने खुलेआम सड़कों पर ही दुकान लगाना शुरू कर दिया है. डिवाइडर पर कई दुकानें पिछले दिनों देखी भी गई है. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई अब तक नहीं की जा सकी है. अब देखना होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम मौजूदा स्थितियों से कैसे निबटती है.