कोलकाता के भवानी भवन से सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट को फरमान मिल चुका है. सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर से कहा गया है कि वह ऐसे पुलिसकर्मी या अधिकारियों, ट्रैफिक गार्ड के लोगों समेत छोटे स्तर से लेकर बड़े अधिकारियों की एक सूची तैयार करें, जो गैर जिम्मेदार, लापरवाह और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा है.राज्य पुलिस मुख्यालय भवानी भवन के फरमान के बाद सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट में हडकंप मच गया है.
ऐसे पुलिस अधिकारियों की पांव तले की भूमि खिसकती जा रही है, जिनका तबादला हुए 3 साल हो चुके हैं और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड जनता में खराब रहा है. चाहे वह थाना प्रभारी हो, चौकी इंचार्ज हो या ट्रैफिक विभाग में ए एस आई, एस आई और कांस्टेबल, कोई भी हो, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा है, ऐसे लोगों को रात में नींद नहीं आ रही है. उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही है. पता नहीं क्या होगा. सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय ने चुपचाप ऐसे लोगों की तालिका तैयार करनी शुरू कर दी है.
थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की रिपोर्ट एसीपी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी तैयार करेंगे, जबकि एसीपी स्तर के अधिकारियों का रिकॉर्ड उनके वरीय अधिकारी तैयार करेंगे. उसके पश्चात सभी रिपोर्ट की जांच होगी. तत्पश्चात पुलिस कमिश्नर एक तालिका तैयार कर भवानी भवन भेजेंगे. यानी पुलिस कमिश्नर के हाथ में किसी भी पुलिस अधिकारी को इधर से उधर करने की सारी शक्ति आ चुकी है. हालांकि कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इससे रिश्वतखोरी का बाजार गर्म होगा. क्योंकि कोई भी पुलिस अधिकारी अपना ट्रैक रिकॉर्ड सही रखने के लिए वरीय अधिकारियों को घूस खिला सकता है.
सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट में ऐसे अधिकारियों की कोई कमी नहीं है जो अपराध और समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त है. ड्यूटी में लापरवाही की भी शिकायत पहले भी सामने आ चुकी है. सिलीगुड़ी में पहले भी कई पुलिस अधिकारियों को लाइन हाजिर किया जा चुका है.कई पुलिस अधिकारियों का तबादला भी हुआ है. ऐसे लोग भी दहशत में हैं. पता नहीं उनके साथ क्या होगा. सूत्रों ने बताया कि दरअसल ममता बनर्जी आरजीकर घटना के बाद पुलिस की धूमिल हुई छवि को साफ सुथरा बनाना चाहती है. इसलिए राज्य पुलिस में भ्रष्ट अधिकारियों की छुट्टी की जा सकती है या फिर उनका स्थानांतरण किया जा सकता है.
सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट में कुछ ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जो अपनी नौकरी के अलावा भी शहर में गैर कानूनी धंधा करते हैं. इनमें पब, बार और डिस्को की आड़ में समाज विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देना, भूखनन माफिया के साथ दोस्ती, खुद का पब या बार का संचालन इत्यादि कार्यों में नियुक्त पुलिस अधिकारियों की आफत आने वाली है .ऐसे लोगों की कुंडली तैयार की जा रही है.
ऐसी जानकारी मिली है कि किसी एक जिले में 3 साल से अधिक समय गुजार चुके पुलिस अधिकारियों का तबादला किया जा सकता है.भवानी भवन से कहा गया है कि जल्द से जल्द पुलिस कमिश्नर तालिका तैयार करके पुलिस मुख्यालय भेजें ताकि पुलिस महकमा में एक स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था को अंजाम दिया जा सके. इसके साथ ही पुलिस की छवि को राज्य में साफ सुथरा बनाने की भी कोशिश की जा रही है.