August 8, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी में गोरखा छात्राओं पर अभद्र टिप्पणी को लेकर भारी हंगामा!

दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहने वाले बाहरी लोगों को अक्सर नस्लीय भेदभाव और टिप्पणी का सामना करना पड़ता है. लेकिन सिलीगुड़ी में ही रहते हुए सिलीगुड़ी की कॉलेज छात्राओं को उनकी जाति और समुदाय विशेष को लेकर टिप्पणी की जाए तो यह गंभीर बात हो जाती है.

आज सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 17 में सुबह की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. यहां स्थित एक मकान में दो समुदाय के लोग आपस में ही भिड़ गए थे. अगर मौके पर पुलिस बल पहुंचा नहीं होता तो स्थिति अत्यंत हिंसक हो सकती थी. यह घटना छात्राओं पर नस्लीय कमेंट और उन्हें कथित तौर पर दी गई गाली गलौज से उत्पन्न हुई थी.

किराए के मकान में रहने वाली नेपाली मूल की दो से अधिक गोरखा  छात्राओं तथा उक्त मकान की महिलाओं के द्वारा अभद्र टिप्पणी, गाली गलौज और दोनों पक्ष से हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. एक वीडियो में किराए के एक मकान में रह रही दो गोरखा छात्राओं पर उसी बिल्डिंग में रह रहे महिलाओं के द्वारा अभद्र और अश्लील टिप्पणी की जा रही है. इसका छात्राओं के द्वारा प्रतिरोध किया जा रहा है. इसके बाद कुछ लड़कों की आवाज आ रही है, जो अभद्र टिप्पणी का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

कदाचित आरोपी महिलाओं ने सोचा भी नहीं होगा कि उनकी एक समुदाय के प्रति अभद्र टिप्पणी से इतना बड़ा हंगामा खड़ा हो जाएगा. इस घटना के विरोध में समतल से लेकर पहाड़ तक खूब हंगामा हुआ. जैसे-जैसे यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता गया, पहाड़ के गोरखा विवादास्पद टिप्पणी को लेकर एक मंच पर आ गए और घटना के विरोध तथा आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग में हंगामा करना शुरू कर दिया.

सुबह-सुबह भारी हंगामा और घर के सामने गोरखा स्त्री पुरुषों का जोरदार प्रदर्शन, बारिश के बीच सिलीगुड़ी के तापमान को बढाता चला गया. इससे पहले मकान में रहने वाली पीड़ित गोरखा छात्राओं ने उन पर की गई नस्लीय टिप्पणी और गाली गलौज को लेकर सिलीगुड़ी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था. हालांकि पुलिस ने आरोपी महिलाओं को अब तक गिरफ्तार नहीं किया. इसके बाद ही यह हंगामा शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे गंभीर रूप लेता चला गया.

स्थानीय पार्षद मिल्ली शील सिन्हा को सूचना मिली तो वह भी मौके पर पहुंची. उन्होंने मामले को शांत कराने की कोशिश की. लेकिन गुसाई भीड़ ने उन्हें घेर लिया और हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा इस कदर बढ़ गया कि स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को इलाके में तैनात करना पड़ा. आखिर कार सिलीगुड़ी पुलिस ने थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर कार्यवाही करते हुए आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखकर पहाड़ से गोरखा नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने इस घटना को गंभीर नस्लीय हमला बताया और सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर को एक पत्र लिखा, जिसमें दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई. इसी तरह से दार्जिलिंग के भाजपा विधायक नीरज जिंबा ने भी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह सिर्फ कुछ छात्राओं पर हमला नहीं, बल्कि यह भारत के संविधान और गोरखा समुदाय की गरिमा पर सीधा प्रहार है. उन्होंने लिखा है कि अब चुप रहने का वक्त नहीं है. इसका जवाब देना ही होगा न्याय दो या आंदोलन…

वर्तमान में इलाके में तनाव व्याप्त है. गोरखा समुदाय के लोगों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि जब तक आरोपियों के द्वारा सार्वजनिक माफी नहीं मांग ली जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. पुलिस वायरल वीडियो की तेजी से जांच कर रही है. इसके साथ ही कानूनी पहलुओं का भी ध्यान रख रही है. पूरे इलाके में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना ना घटे.

जो भी हो, यह घटना समाज में जातीय उन्माद भड़काती है और सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर करती है. ऐसी घटनाओं का पुरजोर विरोध होना चाहिए और सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समाज में नस्लीय भेदभाव व टिप्पणी दोबारा ना हो.

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