अगर आप पान, गुटखा आदि खाकर जहां-तहां थूकने की आदत से मजबूर हैं, तो बेहतर है कि अपनी आदत सुधार लें. वैसे भी यह गंदी आदत है. फिर भी आप इस गंदी आदत को छोड़ना नहीं चाहते हैं, तो अपनी जेब में कम से कम ₹200 रखकर चलिए. आपकी इस आदत के लिए पुलिस आपसे जुर्माना वसूल कर सकती है.
अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो भी सावधान हो जाएं! आप जहां–तहां या सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान नहीं कर सकते हैं. आप सोच रहे होंगे कि यह तो कोई नया कानून नहीं है. ऐसा कानून तो बहुत पहले से है. इसके बावजूद लोग हैं कि मानते नहीं. यह सही है कि यह कानून कोई नया नहीं है. हमारे यहां पहले से भी यह कानून है. इसके बावजूद लोग सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते हैं और थूकते भी हैं. कुछ भी नहीं होता है. पर अब ऐसा नहीं चलेगा. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस इस कानून को अब सख्ती के साथ लागू कर रही है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की एनफोर्समेंट ब्रांच के द्वारा सिलीगुड़ी के सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने और सड़कों पर जहां तहां थूकने के खिलाफ जुर्माना अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का मकसद सिलीगुड़ी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना है. मंगलवार को यह अभियान शुरू किया गया और पहले ही दिन पुलिस को व्यापक सफलता मिली है. पुलिस ने सिलीगुड़ी जंक्शन के आसपास के इलाकों में यह अभियान चलाया और 15 लोगों को पकड़ कर उनसे 200 रुपए जुर्माना वसूल किया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर यह अभियान सिलीगुड़ी के सभी इलाकों में चलाया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल, नर्सिंग होम ,स्कूल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड ,हवाई अड्डा ,सिनेमा , शिक्षण संस्थान ,बाजार रेस्टोरेंट आदि सभी क्षेत्रों में बारी-बारी से अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए योजना बना ली गई है. सिलीगुड़ी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखकर यह कदम उठाया गया है. इससे पर्यावरण में सुधार की अपेक्षा रखी जा रही है.
हमारे देश में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध और थूकने के खिलाफ कानून 12 साल पुराना है. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 लागू हुआ. इस अधिनियम की धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूमपान करना कानूनी अपराध है. इसके लिए अधिकतम सजा ₹200 तक हो सकती है. इस अधिनियम के अनुसार आप सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान नहीं कर सकते हैं. लेकिन इस कानून का व्यापक प्रचार नहीं किया गया है. शायद यही कारण है कि सामान्य लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. कुछ लोगों को इस कानून के बारे में जानकारी है भी, तो भी वे गंभीरता से इसे नहीं लेते हैं. क्योंकि इस कानून को कभी सख्ती से लागू ही नहीं किया गया था.
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी ऐसा ही महसूस करने लगे हैं. इस अभियान के पहले दिन विभागीय अधिकारियों ने जिन-जिन व्यक्तियों को धूम्रपान करते हुए अथवा पान गुटखा चबाते और जहां-तहां थूकते हुए रंगे हाथ पकड़ा, उन्होंने यही बताया कि उन्हें इस कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं है. कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि अगर वाकई पुलिस इस दिशा में कुछ ठोस काम करना चाहती है, तो उसे सजगता अभियान चलाना चाहिए. ताकि सामान्य लोगों को इसके बारे में जानकारी हो सके.
अलग-अलग लोगों से मिले अनुभव के बाद पुलिस और विभागीय अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि धूम्रपान निषेध का सार्वजनिक स्थानों पर बोर्ड लगाना आवश्यक है. ऐसे बोर्ड में नियमों और जुर्माने की जानकारी स्पष्ट रूप से होनी चाहिए. हालत तो यह है कि सिलीगुड़ी में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार जैसे व्यस्त इलाकों में कहीं भी कोई बोर्ड नजर नहीं आता है. यह किसकी जिम्मेवारी है?
क्या कभी सिलीगुड़ी नगर निगम अथवा संबंधित विभाग के द्वारा इसकी जरूरत महसूस की गई? अब समय आ गया है कि अगर सिलीगुड़ी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना है तो सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता संबंधित स्लोगन और धूम्रपान निषेध का बोर्ड लगाया जाए, ताकि लोग ऐसे नियमों से अच्छी तरह रूबरू हो सके. केवल अभियान शुरू करने और लोगों को दंडित करने से कुछ नहीं होगा. सर्वप्रथम संबंधित विभाग को एक सजगता अभियान शुरू करने की जरूरत है. इसके बावजूद अगर लोग सचेत नहीं होते हैं तो विभाग को जुर्माना और सख्ती पर विचार करना चाहिए.