सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल में मानसून की दस्तक के साथ ही बरसात शुरू होने जा रही है. सिलीगुड़ी की बरसात कैसी होती है यह सभी जानते हैं. बरसात में मच्छर जनित विभिन्न बीमारियां सामने आती हैं. इनमें डेंगू, मलेरिया आदि भी प्रमुख है. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में डेंगू पर लगाम लगाने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम ने क्या तैयारी की है और सिलीगुड़ी के लोग पिछली घटनाओं को देखते हुए कितने जागरूक हुए हैं, इस पर सवाल उठना स्वाभाविक है.
सिलीगुड़ी में वर्ष 2022 डेंगू के संदर्भ में अत्यंत त्रासदी जनक रहा. डेंगू से निबटने में सिलीगुड़ी नगर निगम की नाकामी सामने आई. सिलीगुड़ी के कुछ इलाकों में तो यह बीमारी घर घर तक पहुंच गई थी. पिछले साल के मुकाबले इस साल क्या कुछ नया बदला है और क्या यह मान लिया जाए कि इस साल सिलीगुड़ी में डेंगू का प्रकोप नहीं होगा? इस साल सिलीगुड़ी में डेंगू का प्रकोप ना हो, सिलीगुड़ी नगर निगम ने क्या-क्या इंतजाम किए हैं और किए जाने हैं.उससे पहले यह जानना जरूरी है कि क्या सिलीगुड़ी के लोगों ने पिछली घटनाओं से कुछ सबक भी लिया है? कदाचित नहीं…
आज भी सिलीगुड़ी में स्थिति नहीं बदली है. रविवार की रात आई तूफानी बारिश ने इसकी पोल खोल कर रख दी है. कई इलाकों में बरसात का पानी घरों में घुसा तो निचले इलाके के लोग भी परेशान दिखे. इसके अलावा गंदगी, नालियों की सफाई नियमित रूप से नहीं होना भी कुछ इलाकों में देखा जा सकता है. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से दावा किया जाता है कि सफाई कर्मचारी अपना काम बखूबी कर रहे हैं. ड्रेनेज और नालियों की सफाई का काम पूरे सिलीगुड़ी में चल रहा है. लेकिन लोग डेंगू के प्रति जागरूक हुए हैं, यह कहना बेमानी होगा.
सिलीगुड़ी के कुछ इलाकों में आज भी लोग अपने घर की गंदगी,कूड़ा, कचरा नालियों में डाल देते हैं. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम की गाड़ियां कचरा उठाने के लिए आती है पर लोगों की शिकायत रहती है कि कचरा उठाने वाली गाड़ियां नियमित रूप से उनके इलाकों में नहीं आती. सिलीगुड़ी में आबादी बढ़ी है. लेकिन जो निर्माण कार्य हो रहे हैं, उसके लिए नक्शा भी पास नहीं कराया जाता. इसका परिणाम यह होता है कि बरसात में घर अथवा दुकान के आस-पास जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
अगर आप सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में जाकर नालियों और ड्रेनेज की अवस्था देखेंगे तो पता चलेगा कि इनकी सफाई कभी की ही नहीं गई. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम यह मानने को तैयार नहीं है.लोगों में जागरूकता की कमी जरूर है. आने वाले समय में सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से डेंगू सतर्कता कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है. तो क्या इस बार सिलीगुड़ी नगर निगम डेंगू के खिलाफ आर पार की तैयारी कर रहा है?
पिछले दिनों सिलीगुड़ी नगर निगम के सभागार में डिप्टी मेयर रंजन सरकार की अगुवाई में कमिश्नर सोनम वांगदी भूटिया, स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य दुलाल दत्त, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ तुलसी प्रमाणिक, सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ चंदन घोष, स्वास्थ्य विभाग के एडीएम समेत डॉक्टरों तथा नगर निगम के स्वास्थ्य केंद्रों के जीएनएम की एक बैठक हुई थी. सिलीगुड़ी नगर निगम की क्या-क्या तैयारी हुई है, इस पर एक नजर डालते हैं.
1 जुलाई से सिलीगुड़ी में घर-घर जाकर सर्वे का काम शुरू होगा. स्प्रे का काम शुरू कर दिया गया है. जिन इलाकों में डेंगू के मामले ज्यादा आते हैं, उन्हें हाईरिस्क क्षेत्र में रखा गया है. सिलीगुड़ी शहर में 910 ऐसे संवेदनशील इलाके चिन्हित किए गए हैं.प्रत्येक वार्ड पर निगरानी व्यवस्था, जलजमाव वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी इत्यादि व्यवस्था की बात डिप्टी मेयर बता रहे हैं.
इसके अलावा सिलीगुड़ी की स्वास्थ्य व्यवस्था तथा चिकित्सकीय संसाधन विकसित होने का दावा भी उनकी ओर से किया जा रहा है. यानी यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम संभावित डेंगू से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. अब यह देखना होगा कि इस पर कितना अमल होता है. जो भी हो, सिलीगुड़ी नगर निगम पर बरसाती बीमारियों से निबटने की एक चुनौती होगी. इस चुनौती में सिलीगुड़ी नगर निगम कितना खरा उतर आता है, यह आने वाला कल ही बताएगा!