ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी शहर को अभी पेयजल संकट से निदान नहीं मिलने वाला है. सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत सभी वार्ड के लोगों को पीने का भरपूर पानी मिल सके, इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन जब तक नल से पानी नहीं मिल जाता, तब तक सिलीगुड़ी नगर निगम वार्ड में टैंकर से जल भेजने का प्रबंध करेगी ताकि लोगों को पानी के लिए मारामारी ना करना पड़े!
सिलीगुड़ी में जल संकट कोई नई समस्या नहीं है. स्थिति यह है कि सिलीगुड़ी के कई इलाकों में नल से पानी ही नहीं आता. अगर आता भी है तो कब आ कर चला जाए, पता ही नहीं चलता. कुछ इलाकों में लोग सुबह से ही लाइन में खड़े हो जाते हैं पर देखा जाता है कि काफी इंतजार के बाद भी पानी ही नहीं आता. जिन लोगों ने अपने घर में कनेक्शन में रखा है, उनकी भी शिकायत यही है कि उनके नल से पानी नहीं आता.
सिलीगुड़ी में जल संकट को देखते हुए कुछ दिनों पहले दूसरे पेय जल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था. पर कुछ ही दिनों के बाद यह काम ठंडा पड़ गया. अब विपक्षी पार्टियां सिलीगुड़ी नगर निगम पर हमलावर हो रही है और सवाल कर रही है कि आखिर प्रोजेक्ट का काम आगे क्यों नहीं बढ़ रहा है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव इसे एक तकनीकी समस्या बता रहे हैं. वे मान रहे हैं कि कार्य में देरी संभव है. लेकिन जब तक कार्य नहीं हो जाता, तब तक सिलीगुड़ी के लोगों को टैंकर से जल पहुंचाते रहेंगे.
वर्तमान में स्थिति यह है कि एक वार्ड के लोगों को दूसरे वार्ड में पीने का पानी लाने के लिए जाना पड़ता है. संतोषी नगर,गंगानगर और सिलीगुड़ी के आसपास के देहाती क्षेत्रों से भी अनेक लोग पीने का पानी लेने के लिए शक्तिगढ आते हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम का वार्ड नंबर 5 हमेशा से ही जल संकट को झेल रहा है. चर्चा है कि इस वार्ड में भी टैंकर से जल पहुंचाया जाएगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी नगर निगम ने सिलीगुड़ी के प्रत्येक वार्ड में 2000 लीटर का टैंक भेजने का फैसला किया है. खैर,यह तो तकनीकी बातें हो गई. परंतु व्यवहारिक समस्या पर नजर डालें तो पता चलेगा कि सिलीगुड़ी के उन इलाकों में जहां लोगों को नियमित रूप से पानी मिलता है, वहां पानी की बर्बादी भी ज्यादा होती है. देखा जाता है कि कई लोग नल को खुला छोड़ देते हैं. या फिर पंप से पानी निकालते हैं. यही पीने का पानी घर के किचन गार्डन में पौधों को पानी देने के काम में लाया जाता है. या फिर इसी पानी से गाड़ी धोने का काम किया जाता है.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव भी इस बात से इंकार नहीं करते. इस तरह से पानी की बर्बादी दूसरे इलाके के लोगों को काफी तकलीफ पहुंचाती है, जो बूंद बूंद पानी के लिए तरसते हैं. यह स्थिति बंद होनी चाहिए. इसके लिए प्रशासन को आगे आना होगा. साथ ही लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है. सिलीगुड़ी में जितना पानी बर्बाद होता है अगर उसे बचा लिया जाए तो जल संकट की समस्या के निदान में काफी हद तक मदद मिल सकेगी!