March 10, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी: जब आवारा कुत्ते और सांढ़ मुसीबत बन जाएं तो!

कुत्ते कहां नहीं होते. लेकिन दिन में वे नजर नहीं आते हैं. लेकिन जैसे ही रात शुरू होती है,आसपास से निकलकर कुत्ते एक जगह जमा होना शुरू कर देते हैं. बात लावारिस कुत्तों की हो रही है. हाल ही में सिलीगुड़ी नगर निगम में सिलीगुड़ी में बढ़ते लावारिस कुत्तों से होने वाली समस्या को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम के आठ नंबर की पार्षद शालिनी डालमिया ने अपनी आवाज उठाई थी.

दिन में तो शोरगुल और आवाजाही के चलते सड़क पर कुत्ते कम नजर आते हैं, लेकिन रात होते ही कुत्तों का जमावड़ा शुरू हो जाता है. जैसे-जैसे रात गहराती जाती है, कुत्तों की संख्या में भी इजाफा होता जाता है. सिलीगुड़ी के विभिन्न चौक चौराहों पर कुत्तों की पंचायत देखी जा सकती है. नौका घाट, मेडिकल, बस्ती क्षेत्रों, वर्धमान रोड, एस एफ रोड, हाशमी चौक, सिलीगुड़ी जिला अस्पताल और तमाम ऐसे स्थान पर, जहां रात में कम आवाजाही होती है, वहाँ सड़कों पर ही कुत्तों की पंचायत शुरू हो जाती है.

रात में जब कोई राहगीर बाजार करके घर की ओर जाता है, तो कुत्ते उसके पीछे भौकने लगते हैं. कुत्तों के भौंकने से हर कोई डर जाता है. भले ही कुत्ते काटे ना, परंतु दिमाग में यही बात रहती है कि कुत्ते के काटने से इंजेक्शन लेना होगा. कभी-कभी तो कुत्ते बच्चों को दौड़ा देते हैं. कुछ कुत्ते ऐसे भी होते हैं, जब उनके बीच से होकर सड़क से कोई मोटरसाइकिल या स्कूटर जा रहा होती है तो यह बाइक सवार पर भी झपट पड़ते हैं. इससे दुर्घटना होने का भी खतरा रहता है.

कुत्ते ही नहीं, सांढ़ जैसे पशु भी सिलीगुड़ी के लोगों की एक समस्या बन चुके हैं. सांढ अधिकतर बाजार के आसपास मिल जाएंगे. अगर रोड पर खड़े हो गए तो ट्रैफिक जाम. यह जल्दी अपने स्थान से हिलते भी नहीं है. बाजार में हरी सब्जियां और कचरा ज्यादा होते हैं. इसलिए यहां सड़कों के किनारे सांढो को देखा जा सकता है. कभी-कभी सांढों की उपस्थिति के चलते बाजार करने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सिलीगुड़ी के जलपाई मोड, रेल गेट टाउन बाजार आदि इलाकों में आवारा कुत्तों और सांढो को देखा जा सकता है.

जलपाई मोड में रोड पर ही बाजार लगता है. ऐसे में खरीदारी करने वाले लोगों को बहुत बच कर चलना पड़ता है. क्योंकि व्यस्त रोड होने के कारण वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. इसलिए यहां सिलीगुड़ी प्रशासन और ट्रैफिक विभाग को विशेष कवायद करने की जरूरत है. अन्यथा दुर्घटना होते देर नहीं लगेगी. एक तो सिलीगुड़ी के जलपाई मोड बाजार पर अधिकतर बाइक चालक ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते. वे जिधर से भी चाहते हैं, उधर से अपनी गाड़ी निकाल लेते हैं.

ट्रैफिक पुलिस के लोग उन्हें देखकर भी अनजान बने रहते हैं. ऊपर से कुत्तों और सांढो के चलते हाट बाजार करने वाले लोगों को हर पल खतरे की अनुभूति होती रहती है. कुत्ते हो या सांढ जैसे पशु, वे पर्यावरण के महत्वपूर्ण हिस्से हैं. उनकी रक्षा करना हम सभी का दायित्व है. लेकिन जब वे मुसीबत बन जाए तो प्रशासन को उनकी स्थाई व्यवस्था के लिए कदम उठाने की जरूरत है. सिलीगुड़ी में कुत्ते कल भी थे और आज भी हैं. लेकिन उनकी तादाद बढ़ रही है.

सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन ने हालांकि कुत्तों की संख्या में वृद्धि रोकने के लिए नसबंदी शुरू कर दी है, पर इसका स्थाई समाधान यह नहीं हो सकता है. कुत्तों के लिए पशुशाला की व्यवस्था होनी चाहिए. पशु प्रेमी संगठनों को भी इस दिशा में पहल करने की जरूरत है. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन की ओर से डंपिंग ग्राउंड के पास पशु अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. पशु प्रेमी और स्वैच्छिक संगठनों को भी सिलीगुड़ी की सड़कों पर मुसीबत बनते जा रहे आवारा कुत्तों और सांढों से लोगों की रक्षा और पशुओं के पुनर्वास की व्यवस्था करने की जरूरत है.

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